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Vice President Election: जगदीप धनखड़ की जीत से भाजपा को क्या फायदा मिलेगा, तीन बिंदुओं में समझें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Sun, 07 Aug 2022 09:56 AM IST
सार
जगदीप धनखड़ भाजपा के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरे हैं। उनके उपराष्ट्रपति बनने से भारतीय जनता पार्टी को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं। सियासी गलियारे में इसकी खूब चर्चा है।
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जगदीप धनखड़
- फोटो : अमर उजाला
एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी मार्गरेट अल्वा को चुनाव में हरा दिया है। धनखड़ की इस जीत के कई मायने हैं। जानकारों का कहना है कि भाजपा ने जिस उद्देश्य के साथ धनखड़ को उम्मीदवार बनाया था, अब वो काफी हद तक सफल हो सकेगा। धनखड़ काफी जुझारू हैं और जाट समुदाय में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।
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उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने पहुंचे पीएम मोदी।
- फोटो : Amar Ujala
पहले जानिए आज वोटिंग में क्या हुआ?
आज सुबह दस बजे से राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों ने उपराष्ट्रपति के लिए वोट डालना शुरू किया। टीएमसी ने पहले ही एलान कर दिया था कि उनके सांसद वोट नहीं डालेंगे। इस तरह से कुल 725 सांसदों ने वोट डाला। 15 वोट रद्द कर दिए गए। कुल 710 वैध वोटों में 528 वोट जगदीप धनखड़ को मिले, वहीं विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को केवल 182 वोट मिले।
आज सुबह दस बजे से राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों ने उपराष्ट्रपति के लिए वोट डालना शुरू किया। टीएमसी ने पहले ही एलान कर दिया था कि उनके सांसद वोट नहीं डालेंगे। इस तरह से कुल 725 सांसदों ने वोट डाला। 15 वोट रद्द कर दिए गए। कुल 710 वैध वोटों में 528 वोट जगदीप धनखड़ को मिले, वहीं विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को केवल 182 वोट मिले।
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जगदीप धनखड़
- फोटो : अमर उजाला
धनखड़ की जीत से भाजपा को क्या फायदा मिल सकता है?
यही सवाल हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से किया। उन्होंने कहा, 'जगदीप धनखड़ राजस्थान के जाट परिवार से आते हैं। उनका पारिवारिक पेशा कृषि रहा है। मतलब एक तरह से वह किसान परिवार के हुए।'
प्रमोद आगे कहते हैं, 'पिछले दो साल में भाजपा को सबसे ज्यादा मुश्किल किसान और जाट समुदाय के लोगों से ही हुई है। ये सब हुआ कृषि बिल के खिलाफ खड़े हुए किसान आंदोलन के चलते। ऊपर से राज्यपाल सत्यपाल मलिक केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ लगातार मुखर हैं। मलिक भी जाट समुदाय से ही आते हैं। ऐसे में अब भाजपा को कई तरह से फायदे मिलेंगे।'
धनखड़ की जीत से भाजपा को होने वाले फायदे को तीन बिंदुओं में बताते हैं।
यही सवाल हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से किया। उन्होंने कहा, 'जगदीप धनखड़ राजस्थान के जाट परिवार से आते हैं। उनका पारिवारिक पेशा कृषि रहा है। मतलब एक तरह से वह किसान परिवार के हुए।'
प्रमोद आगे कहते हैं, 'पिछले दो साल में भाजपा को सबसे ज्यादा मुश्किल किसान और जाट समुदाय के लोगों से ही हुई है। ये सब हुआ कृषि बिल के खिलाफ खड़े हुए किसान आंदोलन के चलते। ऊपर से राज्यपाल सत्यपाल मलिक केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ लगातार मुखर हैं। मलिक भी जाट समुदाय से ही आते हैं। ऐसे में अब भाजपा को कई तरह से फायदे मिलेंगे।'
धनखड़ की जीत से भाजपा को होने वाले फायदे को तीन बिंदुओं में बताते हैं।
देश के कई राज्यों में जाट वोटर्स की संख्या निर्णायक भूमिका में है।
- फोटो : अमर उजाला
1. जाट समुदाय की नाराजगी दूर होगी : किसान आंदोलन के चलते पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, राजस्थान में रहने वाले जाट समुदाय के लोग भाजपा सरकार के खिलाफ हो गए थे। अगले साल राजस्थान, मध्य प्रदेश और फिर 2024 में हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव होने हैं। इनमें से राजस्थान, हरियाणा में जाट समुदाय के वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है। इसके अलावा दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब में भी जाट वोटर्स की संख्या काफी अधिक है। 2024 लोकसभा चुनाव में अगर ये जाट वोटर्स साथ आ गए तो भाजपा की जीत की राह आसान हो सकती है।
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किसान आंदोलन
- फोटो : अमर उजाला
2. किसानों, वकीलों का साथ मिलेगा : धनखड़ किसान परिवार से आते हैं। ऐसे में उनके उपराष्ट्रपति बनने से किसानों में भी भाजपा के प्रति जो नाराजगी है वो दूर हो सकती है। इसके अलावा धनखड़ ने अपने कॅरियर की शुरुआत की वकालत से की है। देशभर में 10 लाख से ज्यादा लोग वकालत के पेशे में हैं। ऐसे में भाजपा को वकीलों का भी साथ मिल सकता है। धनखड़ को जब उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम भाजपा नेताओं ने उन्हें किसान पुत्र कहकर ही बुलाया था।