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Antibiotic Resistance: बच्चों में निमोनिया के लिए दी जाने वाली दवाएं हो रहीं बेअसर, बढ़ा गंभीर रोगों का खतरा

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Tue, 31 Oct 2023 04:48 PM IST
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Antibiotic Resistance risk in children, antibiotic for pneumonia and sepsis is now 50 per cent effective
बच्चों में निमोनिया का संक्रमण - फोटो : istock

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के बढ़ते जोखिमों को लेकर कई अध्ययनों में स्वास्थ्य विशेषज्ञ गंभीर चिंता जताते रहे हैं। एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का मतलब, रोग फैलाने वाले सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया, फंगस, वायरस उन्हें मारने के लिए बनाई गई दवाओं को बेअसर करने की क्षमता विकसित कर लेते हैं। इस स्थिति में संक्रमण का इलाज करना कठिन और कभी-कभी असंभव हो सकता है, जिसके कारण हल्के स्तर के संक्रमण की स्थिति में भी गंभीर रोग विकसित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बच्चों को सामान्य संक्रमण से बचाने वाली दवाइयों के बेअसर होने को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।



द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की बढ़ती समस्या के कारण बच्चों-शिशुओं में आम संक्रमण के इलाज के लिए दी जाने वाली कई दवाएं अब भारत सहित दुनिया के बड़े हिस्सों में प्रभावी नहीं हैं। इस स्थिति में हल्के संक्रमण से भी गंभीर रोग का जोखिम हो सकता है। एंटीबोयोटिक दवाओं के काम न करने से संक्रमण के शरीर में बढ़ने और ऑर्गन फेलियर तक का खतरा है।

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बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक बेअसर - फोटो : Istock

एंटीबायोटिक दवाओं की कम हो रही है प्रभाविकता

ऑस्ट्रेलिया में सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व वाली टीम ने पाया कि निमोनिया, सेप्सिस (रक्तप्रवाह संक्रमण) और मेनिनजाइटिस जैसे बचपन में होने वाले संक्रमणों के इलाज के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुशंसित कई एंटीबायोटिक दवाएं अब 50 प्रतिशत से भी कम प्रभावी साबित हो रही हैं। ये बड़ा खतरा है जिससे बच्चों में गंभीर रोगों के विकसित होने का जोखिम हो सकता है।

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एंटीबायोटिक प्रतिरोध के गंभीर जोखिम - फोटो : istock

एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण हो रही हैं लाखों मौंतें

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र एंटीबायोटिक दवाओं के कम होते प्रभावों के सबसे ज्यादा शिकार हैं, यहां हर साल एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण लाखों बच्चों की अनावश्यक मौतें होती हैं। डब्ल्यूएचओ ने यहां तक कहा है कि एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) मानवता के सामने आने वाले शीर्ष 10 वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है।

नवजात शिशुओं में, हर साल वैश्विक स्तर पर सेप्सिस के अनुमानित तीन मिलियन मामले सामने आते हैं, जिसमें 570,000 (5.7 लाख) मौतें हो जाती हैं।  इनमें से कई मामले बैक्टीरिया के इलाज के लिए प्रभावी एंटीबायोटिक, दवाओं के कम होते असर के कारण हैं।

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एंटीबायोटिक दवाएं कई बैक्टीरिया पर बेअसर - फोटो : iStock

अध्ययन में क्या पता चला?
 

अध्ययन से इस बात के प्रमाण मिले हैं कि बच्चों में सेप्सिस और मेनिनजाइटिस के लिए कारक माने जाने वाले बैक्टीरिया, इसकी एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी साबित हो रहे हैं। शोध से पता चलता है कि एएमआर के मामलों के एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के खतरे को देखते हुए वैश्विक एंटीबायोटिक दिशानिर्देशों में तत्काल बदलाव की जरूरत है। 
 
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एंटीबायोटिक दवाएं - फोटो : istock

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और सिडनी इंफेक्शियस डिजीज इंस्टीट्यूट के प्रमुख लेखक डॉ. फोबे विलियम्स कहते हैं, दुनियाभर में बच्चों में मल्टीड्रग-रेजिस्टेंट बैक्टीरियस इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। इसके बढ़ते खतरों को देखते हुए एंटीबायोटिक दवाओं के अनावश्यक उपयोग को रोकने और मौजूदा एंटीबायोटिक्स को अपडेट करने की आवश्यकता है। हम बड़े खतरे की तरफ बढ़ रहे हैं, इसके जोखिमों को देखते हुए सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है। 



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स्रोत और संदर्भ

Coverage gaps in empiric antibiotic regimens used to treat serious bacterial infections in neonates and children in Southeast Asia and the Pacific

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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