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Health Tips: रात में सोने से पहले भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना बढ़ जाता है क्रॉनिक कब्ज का जोखिम

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Sat, 27 Dec 2025 07:37 PM IST
सार

Home Remedies For Chronic Constipation: अक्सर लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं या फिर कुछ लोगों को सुबह पेट न साफ होने की शिकायत रहती है। ऐसा होने के पीछे कई कारण होते हैं जिनमें कुछ प्रमुख कारण सोने से पहले की ही कुछ गलतियां होती हैं, जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए।

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Avoid these mistakes before going to bed at night, as this can increase the risk of chronic constipation
कब्ज की समस्या - फोटो : Freepik.com

Connection Between Constipation And Sleep: आधुनिक जीवनशैली में पाचन संबंधी समस्याएं, विशेष रूप से क्रॉनिक कब्ज एक गंभीर चुनौती बन गई हैं। अक्सर हम दिनभर के खान-पान पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन रात को सोने से पहले की जाने वाली कुछ सामान्य गलतियां हमारे पाचन तंत्र की गतिशीलता को पूरी तरह धीमा कर देती हैं। जब हम रात में भारी भोजन करते हैं या सोने के ठीक पहले कुछ ऐसी गतिविधियों में संलग्न होते हैं जो शरीर के प्राकृतिक 'सर्कैडियन रिदम' को प्रभावित करती हैं, तो हमारी आंतों की मांसपेशियां सही ढंग से संकुचन नहीं कर पातीं। 



इसके परिणाम स्वरूप, सुबह मल त्याग में कठिनाई होती है और समय के साथ यह समस्या 'क्रॉनिक' रूप ले लेती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक रात का समय शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन का होता है। अगर इस दौरान पाचन तंत्र पर अतिरिक्त बोझ डाला जाए, तो यह न सिर्फ मेटाबॉलिज्म को सुस्त करता है, बल्कि आंतों में विषाक्त पदार्थों के जमा होने का कारण भी बनता है। आइए जानते हैं वे कौन सी गलतियां हैं जो आपको सोने से पहले भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।

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प्रोसेस्ड फूड - फोटो : Adobe Stock

सोने से ठीक पहले भारी भोजन
देर रात गरिष्ठ, तला-भुना या अत्यधिक प्रोटीन युक्त भोजन करना कब्ज का सबसे बड़ा कारण है। जब आप खाते ही सो जाते हैं, तो शरीर की ऊर्जा पाचन के बजाय नींद की प्रक्रिया में लग जाती है, जिससे भोजन आंतों में सड़ने लगता है। आदर्श रूप से रात के खाने और सोने के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर होना चाहिए। रात का भोजन हल्का और आसानी से पचने वाला होना चाहिए ताकि आंतों पर दबाव न पड़े।


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Mobile Use - फोटो : Adobe stock

स्क्रीन टाइम और तनाव का पाचन पर असर
सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप का अत्यधिक उपयोग करने से 'मेलाटोनिन' हार्मोन का उत्पादन प्रभावित होता है। तनाव और अधूरी नींद सीधे तौर पर हमारी 'एन्टेरिक नर्वस सिस्टम' को प्रभावित करती है, जिससे पाचन धीमा हो जाता है। जब मस्तिष्क तनाव में होता है, तो वह आंतों की गति को कम कर देता है, जिससे मल सख्त हो जाता है और सुबह पेट साफ नहीं होता।


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कॉफी पीने के फायदे - फोटो : Freepik.com

कैफीन और अल्कोहल का सेवन
रात में चाय, कॉफी या शराब का सेवन शरीर को डिहाइड्रेट कर देता है। कोलन (बड़ी आंत) को मल को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है। कैफीन और अल्कोहल आंतों की नमी सोख लेते हैं, जिससे मल सूखा और सख्त हो जाता है। अगर आपको रात में कुछ पीने की आदत है, तो हर्बल टी या एक गिलास गुनगुना पानी सबसे सुरक्षित विकल्प है।

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सेडेंटरी लाइफस्टाइल - फोटो : Adobe Stock
शारीरिक निष्क्रियता और लापरवाही
भोजन के तुरंत बाद बिस्तर पर लेट जाना 'पेरिस्टालिस' को बाधित करता है। रात के खाने के बाद 15-20 मिनट की धीमी चहलकदमी पाचन को गति देने में मदद करती है। इसके अलावा, सोने से पहले पर्याप्त पानी न पीना भी एक बड़ी गलती है। रात भर शरीर की आंतरिक सफाई के लिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। इन छोटी-छोटी आदतों में सुधार करके आप क्रॉनिक कब्ज जैसी कष्टकारी समस्या से हमेशा के लिए बच सकते हैं।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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