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Cough Syrup: स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की सलाह, दो साल से कम उम्र के बच्च्चों को न दें खांसी की सिरप

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Fri, 03 Oct 2025 10:08 PM IST
सार

  • स्वास्थ्य सेवा महानिदेशाल (डीजीएचएस) ने बच्चों के इलाज के लिए कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग पर सलाह जारी की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दो साल से कम उम्र  के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न देने की सलाह दी है।

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Cough and cold medications should not be prescribed or dispensed to children under 2 years
कफ सीरप - फोटो : Adobe Stock

सर्दी-खांसी की सिरप के चलते मध्यप्रदेश में 20 से अधिक बच्चों की मौत का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा है कि आरंभिक जांच रिपोर्ट में दूषित कप सिरप से बच्चों की किडनियां फेल होने से मौतें हुई हैं। संबंधित कप सिरप को जिले में प्रतिबंधित कर दिया गया है। मामले में आगे जांच जारी है। 



इस बीच स्वास्थ्य सेवा महानिदेशाल (डीजीएचएस) ने बच्चों के इलाज के लिए कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग पर सलाह जारी की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दो साल से कम उम्र  के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न देने की सलाह दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, हो रही है जांच

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है, पानी, एंटोमोलॉजिकल वेक्टर और श्वसन सैंपल की एनईईआरआई, एनआईवी पुणे और अन्य प्रयोगशालाओं में जांच चल रही है। विशेषज्ञों की टीम इन मामलों के पीछे के सभी संभावित कारणों की जांच कर रही है। दूषित कफ सिरप के सेवन से राजस्थान में दो बच्चों की मौत से संबंधित रिपोर्टों के संबंध में यह स्पष्ट किया गया है कि संबंधित उत्पाद में प्रोपिलीन ग्लाइकॉल नहीं है, जो दूषित पदार्थों, डीईजी का संभावित स्रोत हो सकता है।
 

राज्य के अधिकारियों के साथ विशेषज्ञों की टीम में विभिन्न कफ सिरप के सैंपल सहित कई नमूने एकत्र किए। परीक्षण के परिणामों के अनुसार, किसी भी सैंपल में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) या एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) नहीं था, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। मध्य प्रदेश राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एसएफडीए) ने भी तीन सैंपल का परीक्षण किया और वहीं से भी डीईजी/ईजी न होने की पुष्टि हुई। 

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कफ सीरप - फोटो : Adobe Stock

कफ सिरप से बच्चों की मौत का पहले भी सामने आया मामला

अक्तूबर 2022 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक भारतीय कंपनी द्वारा उत्पादित चार कफ सिरप के जानलेवा दुष्प्रभावों के बारे में सूचित करते हुए लोगों से इनका उपयोग न करने की अपील की थी। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा तैयार किए गए कफ सिरप-प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप में विषाक्तता वाले तत्व पाए गए हैं। अफ्रीकन देश गाम्बिया में इसके कारण 66 बच्चों की मौत का भी मामला सामने आया था, जिसको लेकर खलबली मची थी।


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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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