कोरोना का नया वैरिएंट स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। कई देशों में इसके कारण संक्रमितों के मामले में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। भारत में पिछले 24 घंटे में 760 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है, इसके साथ अब देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 4423 हो गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, JN.1 वैश्विक स्तर पर कोरोना का जोखिम बढ़ाता हुआ देखा जा रहा है, ऐसे में सभी लोगों को इससे बचाव को लेकर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
Covid-19: संक्रमितों में देखे गए दो नए लक्षण, JN.1 वैरिएंट से होने वाली इन समस्याओं के बारे में भी जानिए
सामने आए दो नए लक्षण
अब तक की रिपोर्ट्स में बताया जाता रहा है कि JN.1 वैरिएंट से संक्रमित अधिकतर लोगों में भी ओमिक्रॉन के पुराने वैरिएंट जैसे ही लक्षण देखे जा रहे हैं। हालांकि यूके के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार कुछ संक्रमितों में दो नए लक्षण- नींद में कठिनाई और एंग्जाइटी की समस्या रिपोर्ट की गई है। ये दो लक्षण, पहले के अन्य लक्षणों जैसे नाक बहने, खांसी, सिरदर्द-कमजोरी, बुखार और शरीर में दर्द के साथ हो सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, सभी लोगों को कोरोना के इन लक्षणों को जानना और संक्रमण से बचाव को लेकर सावधानी बरतना आवश्यक है।
कोरोना के अन्य लक्षण और उनकी दर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, कोरोना संक्रमण की स्थिति में सबसे आम लक्षणों में नाक बहना (31.1 प्रतिशत), खांसी (22.9 प्रतिशत), सिरदर्द (20.1 प्रतिशत), थकान (19.6 प्रतिशत), मांसपेशियों में दर्द (15.8 प्रतिशत), गले में खराश (13.2 प्रतिशत) प्रतिशत), सोने में परेशानी (10.8 प्रतिशत) और चिंता (10.5 प्रतिशत) जैसी समस्याएं प्रमुखता से देखी जा रही हैं। नींद में कठिनाई और एंग्जाइटी की समस्या के दीर्घकालिक स्वास्थ्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जिसको लेकर सावधानी बरतना जरूरी है।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
यूके स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, JN.1 के अधिकांश मामलों में वैसे तो हल्के लक्षण ही दिखाई देते हैं, गंभीरता का जोखिम 10% से कम मामलों में ही है। कुल मृत्यु दर 2% से कम है, अधिकांश मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि नया वैरिएंट संक्रामक जरूर है पर इसके कारण गंभीर रोग का खतरा ज्यादा नहीं है। हालांकि अगर संक्रमण की रफ्तार अधिक रही और इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले महीनों में एक नए वैरिएंट के सामने आने का जोखिम हो सकता है।
JN.1 वैरिएंट की संचरण क्षमता अधिक
स्वास्थ्य संगठन कहते हैं, कोविड-19 संक्रमण में वैश्विक वृद्धि देखी जा रही है, जो इस बात का सबूत है कि नए वैरिएंट की संक्रामकता दर अधिक है। डब्ल्यूएचओ ने पिछले महीनों में नए मामलों में 52% की वृद्धि दर्ज की है। ओमिक्रॉन के BA.2.86 वैरिएंट (जिसे पिरोला भी कहा जाता है) के स्पाइक प्रोटीन में अतिरिक्त म्यूटेशन (L455S) से सामने आए JN.1 वैरिएंट की संचरण क्षमता अधिक बताई जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों से संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और सार्वजनिक समारोहों में जाने से बचने का आग्रह किया है। कोरोना को हल्के में लेने की गलती नहीं का जानी चाहिए।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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