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Alert: आपको भी लग गई है रील देखने की लत, जानिए कितनी खतरनाक है ये आदत? क्या उपाय करें

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sat, 22 Feb 2025 07:29 PM IST
सार

बहुत अधिक रील देखने की आदत सेहत के लिए कई तरह से नुकसानदायक हो सकती है। यह आपके किसी काम पर लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, मेंटल हेल्थ को तो प्रभावित करती ही है साथ ही लंबे समय तक रील देखते रहने से शारीरिक सक्रियता कम होती है।

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रील्स देखने के नुकसान - फोटो : Adobe Stock

क्या आपके भी दिन का ज्यादातर समय रील्स को स्क्रॉल करते हुए बीतता है? ये आदत आपको कुछ समय के लिए आनंद की अनुभूति जरूर करा सकती है पर क्या आप जानते हैं कि रील्स देखने और दिनभर मोबाइल से चिपके रहने की आदत आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है? विशेषतौर पर बच्चों में बढ़ती इस आदत को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ काफी चिंता जता रहे हैं।



स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बहुत अधिक रील देखने की आदत सेहत के लिए कई तरह से नुकसानदायक हो सकती है। यह आपके किसी काम पर लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, मेंटल हेल्थ को तो प्रभावित करती ही है साथ ही लंबे समय तक रील देखते रहने से शारीरिक सक्रियता कम होती है।

यानि की बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में तेजी से बढ़ती ये आदत दीर्घकालिक रूप से सेहत को गंभीर क्षति पहुंचाने वाली हो सकती है।

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मोबाइल पर लगे रहने की आदत खतरनाक - फोटो : Adobe Stock

रील्स की आदत कितनी नुकसानदायक?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, रील्स देखने की आदत कई प्रकार से सेहत को नुकसान पहुंचाती है। रील में कंटेंट का तेजी से आना और तेजी से चले आना, लंबे समय तक किसी काम पर ध्यान केंद्रित करने की आपकी क्षमता को काफी प्रभावित करने वाली हो सकती है। इसके अलावा कई अध्ययनों में रील्स देखने की आदत को डोपामाइन रिलीज को ट्रिगर करने वाला बताया गया है जिससे आप कम खुश रह पाते हैं। 

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मेडिटेशन के कई सारे फायदे - फोटो : Freepik.com

'ओपन अवेयरनेस' अभ्यास से मिलता है आराम

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विशेषज्ञों की टीम ने कहा, अगर आप भी अक्सर रील्स देखते रहने वाले लोगों में से हैं तो संभव है कि आपको इसके दुष्प्रभाव को अनुभव होने लगा हो। हालांकि इसके खतरे को कम करने के लिए मेडिटेशन-योग जैसे कुछ उपायों को दिनचर्या का हिस्सा बनाया जा सकता है जो आपकी मनोदशा और नींद में सुधार करने के साथ रील्स की आदत के कारण होने वाली मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को कम कर सकते हैं।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने एक खास मेडिटेशन 'ओपन अवेयरनेस' के बारे में बताया है। विशेषज्ञों ने कहा रोजाना 10 मिनट इसका प्रैक्टिस करके आप विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 

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अवेयरनेस मेडिटेशन की बनाएं आदत - फोटो : Adobe Stock

खुद के लिए निकालिए 10 मिनट

हार्वर्ड के एक्सपर्ट्स के मुताबिक ओपन अवेयरनेस मेडिटेशन आप कहीं भी कर सकते हैं,  जैसे काम करते हुए या यात्रा करते समय। इसकी शुरुआत 'ब्रीदिंग मेडिटेशन' से होती है। यानी कि रील्स की इस ताबड़तोड़ दुनिया में अपने लिए बस 10 मिनट का समय निकालकर आप कई प्रकार के लाभ पा सकते हैं।

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मेडिटेशन से होने वाले फायदे - फोटो : Adobe

कैसे करें ये मेडिटेशन

  • आंखें बंद कर लें और गहरी सांस लें और सांस छोड़ते वक्त स्ट्रेस को रिलीज करें। इससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा व नर्वस सिस्टम शांत रहेगा।
  • अब अपनी सांस पर ध्यान दें। अगर मन भटके, तो धीरे से सांस पर वापस ध्यान लगाएं। 10 मिनट तक सांस पर ध्यान देने वाले इस अभ्यास की मदद से 40% तक स्ट्रेस कम कर सकते हैं।
  • अभ्यास के तीसरे चरण में शरीर के हर हिस्से का एहसास करें, जैसे सांस हर हिस्से में फैल रही हो। आसपास वातावरण को महसूस करें, फिर आंखें खोल लें।

ये आसान सी आदत रील्स देखने के कारण होने वाली समस्याओं का कम करने मेंटल हेल्थ को ठीक बनाए रखने में काफी मददगार हो सकती है।



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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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