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Health Tips: क्या आपको भी पढ़ते समय आती है नींद? कहीं ये इन बीमारियों का तो संकेत नहीं

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Fri, 10 Oct 2025 01:22 PM IST
सार

पढ़ते समय सोने की समस्या बहुत आम बात है, बहुत से लोग खासकर बच्चे इस समस्या से परेशान रहते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ये आपके शरीर में किसी बीमारी या किसी पोषक तत्वों के कमी का संकेत हो सकता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

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Feeling Sleepy or Lazy While Studying It Could Be a Sign of This Health Issue check causes symptoms treatment
पढ़ते समय क्यों आती है नींद? - फोटो : Amar Ujala
Sleepiness While Studying: अक्सर ऐसा होता है कि जब आप कोई ऐसा काम करते हैं जिसमें फोकस करने की जरूरत होती है, तो अचानक आप पर आलस और जबरदस्त नींद हावी होने लगती है। जैसे- पढ़ाई के दौरान लगातार आने वाली नींद और आलस यह समस्या कई छात्रों और प्रोफेशनल्स को परेशान करती है।


आमतौर पर अगर ऐसा कभी-कभार होता है तो ये सामान्य है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो लंबे समय तक बनी रहने वाली यह स्थिति महज आलस नहीं है, यह आपके शरीर में किसी बीमारी का शुरूआती लक्षण हो सकता है। अगर आप भी थोड़ी देर फोकस करते ही थकावट महसूस करने लगते हैं, आपकी आंखों में भारीपन आने लगता है और ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है, तो यह आयरन की कमी यानी एनीमिया या विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है।

शरीर में इन जरूरी पोषक तत्वों की कमी से एनर्जी लेवल बुरी तरह प्रभावित होता है और दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे ब्रेन फॉग और लगातार नींद आने की समस्या उत्पन्न होती है। इसलिए ऐसी स्थिति को नजरअंदाज करने के बाजय किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने की जरूरत है।

 
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पढ़ते समय सोने की समस्या - फोटो : Adobe Stock

पोषक तत्वों की कमी और उसका असर
जब शरीर में आयरन की कमी होती है, तो लाल रक्त कोशिकाएं कम बनती हैं, जिससे शरीर के अंगों, खासकर दिमाग तक ऑक्सीजन की आपूर्ति धीमी हो जाती है। दिमाग को जब पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता, तो वह सुस्त पड़ने लगता है, यही वजह है कि हमें तेजी से नींद और आलस आने लगता है।

ठीक इसी तरह विटामिन डी एनर्जी लेवल और मूड को प्रभावित करता है। इसकी कमी से दिन भर थकान महसूस होती है, जिससे पढ़ाई या काम में मन नहीं लग पाता।


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पढ़ते समय सोने की समस्या - फोटो : Adobe Stock
नींद और खाने की आदतों
इस समस्या का एक बड़ा कारण आपकी नींद और खाने की अनियमित आदतें भी हो सकती हैं। अगर आप रात में पूरी नींद (7-8 घंटे) नहीं लेते हैं या आपका डिनर बहुत भारी होता है, तो अगले दिन पढ़ाई करते समय नींद आना स्वाभाविक है।

अत्यधिक चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से भी अचानक एनर्जी में उछाल आता है, जिसके बाद उतनी ही तेजी से गिरावट आती है, जिससे आप थका हुआ महसूस करने लगते हैं। 

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पढ़ते समय सोने की समस्या - फोटो : Adobe Stock
इन आसान उपायों को अपनाएं
पढ़ाई के दौरान इस तरह के आलस और नींद से बचने के लिए कुछ आसान बदलाव किए जा सकते हैं। पढ़ते समय हर 45 से 50 मिनट में एक छोटा ब्रेक लें और थोड़ी स्ट्रेचिंग करें। अपने पढ़ने के माहौल को हवादार और रोशनी से भरपूर रखें।

इसके अलावा अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दालें और नट्स को शामिल करें। अगर फिर भी समस्या बनी रहती है, तो ब्लड टेस्ट करवाकर आयरन, विटामिन डी और बी12 के स्तर की जांच कराएं।

 
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डॉक्टर - फोटो : Freepik.com
विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी
लंबे समय तक थकान और आलस को नजरअंदाज करना एक गंभीर भूल हो सकती है। यह केवल पढ़ाई को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह किसी क्रोनिक बीमारी जैसे हाइपोथायरायडिज्म का भी शुरुआती संकेत हो सकता है।

इसलिए अगर सही नींद और आहार के बावजूद यह समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह लें। सही निदान और उपचार ही इस समस्या से स्थायी रूप से छुटकारा दिला सकता है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
 
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