Health Tips: क्या आपको भी पढ़ते समय आती है नींद? कहीं ये इन बीमारियों का तो संकेत नहीं
पढ़ते समय सोने की समस्या बहुत आम बात है, बहुत से लोग खासकर बच्चे इस समस्या से परेशान रहते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ये आपके शरीर में किसी बीमारी या किसी पोषक तत्वों के कमी का संकेत हो सकता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
पोषक तत्वों की कमी और उसका असर
जब शरीर में आयरन की कमी होती है, तो लाल रक्त कोशिकाएं कम बनती हैं, जिससे शरीर के अंगों, खासकर दिमाग तक ऑक्सीजन की आपूर्ति धीमी हो जाती है। दिमाग को जब पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता, तो वह सुस्त पड़ने लगता है, यही वजह है कि हमें तेजी से नींद और आलस आने लगता है।
ठीक इसी तरह विटामिन डी एनर्जी लेवल और मूड को प्रभावित करता है। इसकी कमी से दिन भर थकान महसूस होती है, जिससे पढ़ाई या काम में मन नहीं लग पाता।
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इस समस्या का एक बड़ा कारण आपकी नींद और खाने की अनियमित आदतें भी हो सकती हैं। अगर आप रात में पूरी नींद (7-8 घंटे) नहीं लेते हैं या आपका डिनर बहुत भारी होता है, तो अगले दिन पढ़ाई करते समय नींद आना स्वाभाविक है।
अत्यधिक चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से भी अचानक एनर्जी में उछाल आता है, जिसके बाद उतनी ही तेजी से गिरावट आती है, जिससे आप थका हुआ महसूस करने लगते हैं।
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पढ़ाई के दौरान इस तरह के आलस और नींद से बचने के लिए कुछ आसान बदलाव किए जा सकते हैं। पढ़ते समय हर 45 से 50 मिनट में एक छोटा ब्रेक लें और थोड़ी स्ट्रेचिंग करें। अपने पढ़ने के माहौल को हवादार और रोशनी से भरपूर रखें।
इसके अलावा अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दालें और नट्स को शामिल करें। अगर फिर भी समस्या बनी रहती है, तो ब्लड टेस्ट करवाकर आयरन, विटामिन डी और बी12 के स्तर की जांच कराएं।
लंबे समय तक थकान और आलस को नजरअंदाज करना एक गंभीर भूल हो सकती है। यह केवल पढ़ाई को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह किसी क्रोनिक बीमारी जैसे हाइपोथायरायडिज्म का भी शुरुआती संकेत हो सकता है।
इसलिए अगर सही नींद और आहार के बावजूद यह समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह लें। सही निदान और उपचार ही इस समस्या से स्थायी रूप से छुटकारा दिला सकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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