Tooth Sensitivity Home Remedies: दांतों में झनझनाहट होना एक आम समस्या है, जिससे लगभग सभी लोग कभी न कभी जरूर दो चार होते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि जब लोग ठंडा पानी, गर्म चाय, या यहां तक कि मीठी चीजें खाते ही दांतों में तेज और अचानक दर्द महसूस होती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब दांतों की सबसे ऊपरी सुरक्षात्मक परत इनेमल घिस जाती है या मसूड़े पीछे हटने लगते हैं। इससे दांत के अंदर की डेंटीन नामक परत हवा, तापमान और दबाव के सीधे संपर्क में आ जाती है।
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Health Tips: पानी पीते ही दांतों में होती है झनझनाहट? जान लें इस स्थिति में क्या करें और क्या न करें?
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिखर बरनवाल
Updated Fri, 05 Dec 2025 04:21 PM IST
सार
Sensitive Teeth Causes: दांतों का सेंसिटिविटी एक सामान्य समस्या है, लेकिन कई बार ये हमारे लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकता है। इसलिए आइए इस लेख में जानते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए और किन करने से परहेज करना चाहिए।
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दांत
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क्या करें? -
- सबसे पहले, पोटैशियम नाइट्रेट युक्त विशेष सेंसिटिविटी टूथपेस्ट का उपयोग करें। ये टूथपेस्ट धीरे-धीरे नसों को शांत करते हैं।
- हमेशा सॉफ्ट ब्रिसल्स वाले टूथब्रश का उपयोग करें। दांतों पर बहुत जोर से रगड़ने के बजाय, गोल घुमाकर हल्के हाथों से ब्रश करें। यह इनेमल को और घिसने से बचाता है।
- अल्कोहल-मुक्त फ्लोराइड युक्त माउथवॉश का उपयोग करें, जो इनेमल को मजबूत बनाने में मदद करता है।
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दांत
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क्या न करें? -
- बहुत अधिक ठंडे (जैसे बर्फ) या बहुत अधिक गर्म खाद्य और पेय पदार्थों से बचें।
- खट्टे फल, सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स और वाइन जैसे एसिडिक खाद्य पदार्थों के तुरंत बाद दांतों को ब्रश न करें। एसिड इनेमल को नरम कर देता है, और तुरंत ब्रश करने से इनेमल आसानी से घिस जाता है।
- रात में दांत पीसने की आदत से बचें, क्योंकि इससे इनेमल तेजी से घिसता है।
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दांत
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फ्लोराइड और इनेमल का महत्व
दांतों की झनझनाहट को कम करने के लिए, दांतों के डॉक्टर से मिलकर फ्लोराइड जेल ट्रीटमेंट या सीलेंट करवाएं। फ्लोराइड इनेमल को फिर से ठीक करने में मदद करता है। यह प्रक्रिया घिसे हुए इनेमल को मजबूत बनाती है और डेंटीन की खुली नलिकाओं को ढक देती है, जिससे नस तक बाहरी उत्तेजनाएं कम पहुंचती हैं।
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दांत
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समस्या बनी रहे तो क्या करें?
अगर घरेलू उपचार के बावजूद दो सप्ताह से अधिक समय तक झनझनाहट बनी रहती है, तो तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें। झनझनाहट का कारण दांत में बड़ी दरार, कैविटी, या मसूड़ों का गंभीर रोग हो सकता है। डॉक्टर आपके दांतों की जांच करके समस्या की जड़ का पता लगाते हैं और जरूरत पड़ने पर फिलिंग या रूट कैनाल ट्रिटमेंट जैसे उपचार करते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
अगर घरेलू उपचार के बावजूद दो सप्ताह से अधिक समय तक झनझनाहट बनी रहती है, तो तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें। झनझनाहट का कारण दांत में बड़ी दरार, कैविटी, या मसूड़ों का गंभीर रोग हो सकता है। डॉक्टर आपके दांतों की जांच करके समस्या की जड़ का पता लगाते हैं और जरूरत पड़ने पर फिलिंग या रूट कैनाल ट्रिटमेंट जैसे उपचार करते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।