शरीर में विषाक्त पदार्थ और अपशिष्टों का जमा होना कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। पथरी बनना ऐसी ही एक समस्या है। स्टोन की समस्या मुख्यरूप से शरीर के दो हिस्सों-किडनी या पित्त की थैली में बन सकती है। किडनी में बनने वाले स्टोन को दवाइयों और घरेलू उपायों के माध्मय से निकालना आसान होता है जबकि पित्त की थैली, चूंकि एक बंद थैली नुमा अंग है ऐसे में इसमें होने वाले स्टोन को निकालने के लिए ज्यादातर मामलों में सर्जरी को ही एक विकल्प माना जाता है।
Health Tips: इन वजहों से गॉलब्लैडर स्टोन का बढ़ जाता है खतरा, जानिए कैसे करें इससे बचाव?
कोलेस्ट्रॉल की अधिकता
पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक होती है। आमतौर पर पित्त में कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने के लिए पर्याप्त मात्रा में रसायन होते हैं, हालांकि अगर लिवर पित्त की तुलना में अधिक कोलेस्ट्रॉल का उत्सर्जन करने लगता है तो इसे कम करना कठिन हो जाता है। इस स्थिति में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल, क्रिस्टल के रूप में पित्त की थैली में जमा होने लगता है। यही जमाव गॉलब्लैडर स्टोन का कारण बन सकती है।
बिलीरुबिन की मात्रा का बढ़ना
पित्त में बिलीरुबिन की भी अधिकता होती है। बिलीरुबिन एक रसायन है जो लाल रक्त कोशिकाओं के ब्रेक डाउन के समय उत्पन्न होता है। कुछ स्थितियों के कारण जब आपका लिवर बहुत अधिक मात्रा में बिलीरुबिन बनाने लगता है तो इससे लिवर सिरोसिस, पित्त पथ में संक्रमण, पीलिया और कुछ रक्त विकार हो सकते हैं। अतिरिक्त बिलीरुबिन के कारण भी पित्त की थैली में पथरी बन सकती है।
पित्ताशय का ठीक से खाली न होना
अगर आपका पित्ताशय ठीक से खाली नहीं हो रहा तो इस स्थिति में भी पित्त का अधिक जमाव हो सकता है जिसके कारण पित्त की थैली में पथरी का निर्माण होने लगता है। पित्ताशय के ठीक तरीके से खाली ने होने की शारीरिक रूप से कई वजहें हो सकती हैं।
गॉलब्लेडर स्टोन का कारण बनने वाली स्थितियां
- मोटापा या अधिक वजन होने से भी पित्त की थैली में पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- जिन लोगों के आहार में फाइबर वाली चीजों की मात्रा कम होती है उनमें भी गॉलब्लैडर स्टोन का खतरा रहता है।
- भोजन छोड़ना या अक्सर उपवास करना भी पित्त की पथरी के खतरे को बढ़ा सकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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