आंखों से संबंधित बीमारियों का जोखिम समय के साथ बढ़ता जा रहा है। आलम ये है कि कम उम्र के लोगों में भी दृष्टि विकारों, धुंधला दिखाई देने और मायोपिया जैसी समस्याओं का निदान किया जा रहा है। बच्चों को साफ देखने के लिए चश्मे की जरूरत हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कई कारणों से आंखों की इन बीमारियों का जोखिम बढ़ रहा है, इसमें लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी प्रमुख है।
Eyes Problem: इन 'साइलेंट डिजीज' के कारण आंखों को हो रही है गंभीर क्षति, हो जाइए सावधान वरना जा सकती है रोशनी
हाई ब्लड प्रेशर से आंखों की समस्या
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है तो ये सिर्फ हृदय की सेहत के लिए ही खतरनाक नहीं है, इससे आपकी आंखों पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। उच्च रक्तचाप की स्थिति रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। यह आंखों में प्रवेश करने वाले प्रकाश और छवियों और मस्तिष्क को भेजे जाने वाले तंत्रिका संकेतों में बदलाव कर सकती है। उच्च रक्तचाप से रेटिना को होने वाली क्षति को हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी कहा जाता है।
ब्लड शुगर बढ़े रहने की दिक्कत
हाई ब्लड प्रेशर के साथ ब्लड शुगर बढ़े रहने की समस्या भी आपके आंखों के लिए हानिकारक मानी जाती है। नेत्र रोग जो मधुमेह से पीड़ित लोगों को प्रभावित कर सकते हैं उनमें डायबिटिक रेटिनोपैथी, मैक्यूलर एडिमा (जो आमतौर पर डायबिटिक रेटिनोपैथी के साथ विकसित होता है), मोतियाबिंद और ग्लूकोमा शामिल हैं। इन सभी से दृष्टि हानि हो सकती है, हालांकि शीघ्र निदान और उपचार आपकी आंखों को स्वस्थ रखने में मददगार है। ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना इसके लिए जरूरी है।
संक्रमण की समस्या
आंखों में संक्रमण होना कई प्रकार की आंखों की बीमारियों का कारण बन सकती है। बैक्टीरिया, वायरस या फंगस जैसे सूक्ष्मजीवों के कारण आंखों में संक्रमण हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस ऐसी ही एक समस्या रही है। संक्रामक रोगों की स्थिति में आंखों में लालिमा, दर्द होना, जलन जैसी समस्या होती है। अगर इनपर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो स्थिति और भी खराब होने का खतरा रहता है।
आंखों को कैसे रखें सुरक्षित?
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि इसके लिए सतत प्रयास किए जाते रहें। अगर आपको ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्या रही है, तो इन स्थितियों को कंट्रोल में रखें। अनियंत्रित ब्ड शुगर की स्थिति डायबिटिक न्यूरोपैथी की समस्या का कारण बनती है, जो आंखों के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए प्रयास किए जाते रहने चाहिए।
--------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।