पीलिया (Jaundice) बहुत आम बीमारी है। ये रोग किसी को भी हो सकता है, हालांकि बच्चे इसके अधिक शिकार देखे जाते रहे हैं। पीलिया, जैसा नाम से ही स्पष्ट होता है, इस रोग के कारण चेहरे-आंखों और पेशाब के रंग पीला हो जाता है। इसके अलावा त्वचा में खुजली होने, भूख न लगने और उल्टी की दिक्कत भी हो सकती है। पीलिया के लक्षण मुख्यतौर पर त्वचा पर स्पष्ट नजर आते हैं पर क्या आप जानते हैं कि ये त्वचा की बीमारी नहीं है, ये लिवर की समस्या का संकेत है।
Jaundice: पीलिया में चेहरा-आंखें हो जाती हैं पीली पर ये त्वचा की बीमारी नहीं, जानिए क्यों होती है ये समस्या
पीलिया के बारे में जानिए
अमेरिकन फैमिली फिजिशियन (एएएफपी) के अनुसार, पीलिया की समस्या में त्वचा, श्लेष्म झिल्ली और आंखों का सफेद हिस्सा पीला हो जाता है, ऐसा तब होता है जब शरीर बिलीरुबिन नामक कंपाउंड को ठीक तरीके से संसाधित नहीं कर पाता है।
लाल रक्त कोशिकाओं के स्वाभाविक रूप से ब्रेक डाउन के स्थिति में बिलीरुबिन उत्पादित होता है। आमतौर पर, लिवर इस अपशिष्ट पदार्थ को रक्तप्रवाह से फिल्टर करता रहा है। हालांकि जब शरीर में इसकी मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि लिवर के लिए इसे संसाधित करना कठिन हो जाता है तो आपको पीलिया की समस्या हो सकती है।
बिलीरुबिन का अधिक उत्पादन बनता है कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, पीलिया आमतौर पर किसी ऐसे अंतर्निहित विकार के कारण होता है जो या तो बहुत अधिक बिलीरुबिन के उत्पादन का कारण बनती है या लिवर के लिए इसे फिल्टर करना कठिन बना देती है। पीलिया की कुछ संभावित अंतर्निहित स्थितियों के बारे में सभी लोगों को जानना जरूरी है।
डॉक्टर बताते हैं, कुछ प्रकार के दवाओं के दुष्प्रभाव, पित्त की पथरी, शराब के अधिक सेवन, पित्ताशय या अग्नाशय के कैंसर या फिर सिरोसिस-हेपेटाइटिस जैसे लिवर के रोगों के कारण भी आप पीलिया के शिकार हो सकते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि पीलिया त्वचा की बीमारी नहीं है।
त्वचा के अलावा इन लक्षणों पर भी दें ध्यान
पीलिया में त्वचा का रंग पीला होना सामान्य है पर इसके अलावा भी आपको कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती है जिसपर गंभीरता से ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है। त्वचा में पीलेपन के साथ रोगी को थकान, पेट दर्द, वजन घटने, उल्टी-बुखार की दिक्कत भी होती रहती है। बिलीरुबिन का शरीर में स्तर अगर बहुत अधिक हो जाए तो इसके कारण टॉक्सिनेशन हो सकता है।
शिशुओं में ये स्थिति कर्निकटेरस नामक एक दुर्लभ प्रकार की मस्तिष्क क्षति का कारण भी बन सकती है।
पीलिया से बचाव के लिए क्या करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ बातों को ध्यान में रखकर पीलिया के खतरे को कम किया जा सकता है। साल 2021 के एक अध्ययन से पता चलता है कि धूम्रपान-शराब से परहेज करके पीलिया के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जीवनशैली में कई बदलाव करके भी लिवर को स्वस्थ रखने और पीलिया के जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए संतुलित आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना और दवाओं का सावधानीपूर्वक सेवन करना लाभकारी माना जाता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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