Why Are Women Prone to Thyroid Problems: हमारे गले में तितली के आकार की एक छोटी सी ग्रंथि होती है, जिसे थायराइड कहते हैं। भले ही यह आकार में छोटी हो, पर हमारे शरीर में इसकी अहम भूमिका होती है। थायराइड ग्रंथि हमारे मेटाबॉलिज्म (चयापचय), एनर्जी लेवल और हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करती है, जो हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं।
Thyroid: महिलाएं क्यों होती हैं 'थायराइड' की समस्या की अधिक शिकार? जानें मूल कारण और बचाव के उपाय
थायराइड की समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में क्यों दिखती है? इसके पीछे कई वजहें हैं, जो उनके हार्मोनल बदलावों और जीवनशैली से जुड़ी हो सकती हैं। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं, ताकि आप इस आम स्वास्थ्य चुनौती को बेहतर ढंग से समझ सकें।
महिलाओं में थायराइड का खतरा अधिक क्यों?
महिलाओं में थायराइड की समस्या का प्रमुख कारण हार्मोनल बदलाव हैं। गर्भावस्था, मासिक धर्म, मेनोपॉज और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसे कारक थायराइड ग्रंथि को प्रभावित करते हैं। महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन अधिक होता है, ये हार्मोन थायराइड हार्मोन के उत्पादन को असंतुलित कर सकता है।
ये भी पढ़ें- Health Ministry: देश में 'जीरो-डोज' वाले बच्चों में आई कमी, जानिए क्या है इसका मतलब और क्यों माना जा रहा है इसे कामयाबी
मूल कारण
इसके अलावा, ऑटोइम्यून बीमारियां, जैसे हाशिमोटो थायराइडाइटिस, महिलाओं में अधिक पाई जाती हैं, जो थायराइड को नुकसान पहुंचाती हैं। इन कारणों से महिलाओं में थायराइड की समस्या अधिक होती है। अनुवांशिकता भी एक बड़ा कारण है, यदि परिवार में थायराइड की समस्या रही है, तो जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, गलत खानपान, जैसे प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन, भी थायराइड को नुकसान पहुंचा सकता है।
ये भी पढ़ें- Vegan Tips: क्या वीगन डाइट सबके लिए सही है? जानें इस जीवनशैली में किन पोषक तत्वों पर ध्यान देना है जरूरी
थायराइड के लक्षण
थायराइड विकारों के लक्षण महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं। हाइपोथायरायडिज्म (कम थायराइड हार्मोन) में थकान, वजन बढ़ना, बाल झड़ना, ठंड लगना और अनियमित मासिक धर्म देखा जाता है। वहीं, हाइपरथायरायडिज्म (अधिक थायराइड हार्मोन) में वजन घटना, घबराहट होना, दिल की धड़कन तेज होना और असहनीय गर्मी होना जैसे लक्षण दिखते हैं। इन लक्षणों को अक्सर सामान्य थकान या तनाव समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे कई बार समस्या गंभीर हो जाती है।
थायराइड की समस्या से बचने के लिए संतुलित जीवनशैली अपनाएं। आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे समुद्री नमक, मछली और डेयरी उत्पाद, डाइट में शामिल करें। हरी सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज खाएं, जो सेलेनियम और जिंक प्रदान करते हैं। नियमित व्यायाम, योग और ध्यान तनाव को कम करते हैं, जो थायराइड के लिए फायदेमंद है। पर्याप्त नींद और वजन नियंत्रण भी जरूरी है। थायराइड के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेकर थायराइड फंक्शन टेस्ट (TSH, T3, T4) करवाएं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।