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World AIDS Day 2025: एचआईवी और एड्स एक ही हैं या अलग? जानिए दोनों के बीच असली फर्क और फैक्ट्स

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Mon, 01 Dec 2025 04:48 PM IST
सार

  • एड्स को लेकर लोगों के मन में एक सवाल बहुत कॉमन है- क्या एचआईवी और एड्स एक ही है? अगर एक ही है तो इसे दो नामों से क्यों बुलाया जाता है और अगर अलग है तो दोनों में क्या अंतर है। आइए इस बारे में समझते हैं।

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एचआईवी और एड्स - फोटो : Freepik.com

दुनियाभर में कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है। लाइफस्टाइल और खानपान की गड़बड़ी ने कई तरह की क्रॉनिक बीमारियों के खतरे को तो बढ़ा ही दिया है, साथ ही एचआईवी संक्रमण और इसके कारण होने वाली एड्स की बीमारी ने भी स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।



आज विश्व एड्स दिवस है, एचआईवी-एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने, एड्स के मरीजों की जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और उन्हें सामाजिक भेदभाव से बचाने के उद्देश्य के साथ हर साल एक दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है।

एड्स उन बीमारियों में से है, जिसे एक-दो दशक पहले तक लाइलाज माना जाता था, इसके लिए कोई भी उपचार उपलब्ध नहीं था। हालांकि समय के साथ मेडिकल साइंस की खोज और प्रभावी दवाओं ने अब इसके इलाज को आसान बना दिया है। 

डॉक्टर कहते हैं, दवा और इलाज तो जरूरी है ही पर सबसे जरूरी है कि इस बीमारी की रोकथाम के उपाय। एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के लिए इसके कारण और बचाव के तरीकों को लेकर लोगों को जागरूक और शिक्षित करना जरूरी है।

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एचआईवी से बचाव जरूरी - फोटो : freepik.com

एचआईवी और एड्स के बारे में जानिए

एड्स को लेकर लोगों के मन में एक सवाल बहुत कॉमन है- क्या एचआईवी और एड्स एक ही है? अगर एक ही है तो इसे दो नामों से क्यों बुलाया जाता है और अगर अलग है तो दोनों में क्या अंतर है। आइए इस बारे में समझते हैं।

सरल भाषा में समझें तो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस, एचआईवी संक्रमण का कारण बनता है। वहीं एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम। एचआईवी संक्रमण की स्थिति में एड्स रोग होता है। मसलन एचआईवी संक्रमण है और एड्स इस संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी।

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एचआईवी संक्रमण का खतरा - फोटो : Adobe Stock

एचआईवी संक्रमण के बारे में जानिए

ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस के कारण होने वाला एचआईवी संक्रमण शरीर के इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को संक्रमित करके उसे कमजोर बना देता है, जिससे दूसरी बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। जब एचआईवी आपके इम्यून सिस्टम को बहुत कमजोर कर देता है, तो इससे एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) हो जाता है।

एचआईवी मुख्यतः संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य, फ्लूड और संक्रमित मां से बच्चे को होता है। असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई/सीरिंज के उपयोग, बिना जांच कराया हुआ रक्त चढ़ाना तथा गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे को एचआईवी का संक्रमण हो सकता है।

एचआईवी के शुरुआती लक्षण सामान्य वायरल बुखार जैसे होते हैं, जिससे अक्सर लोग वर्षों तक अनजाने में संक्रमित रहते हैं और बीमारी का पता नहीं चल पाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में करोड़ों लोग इस संक्रमण के साथ जी रहे हैं और समय पर टेस्ट न होने से कई मामलों में पहचान देर से होती है। 

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एड्स के बारे में जानिए - फोटो : Freepik.com

एड्स के बारे में जानिए?

एड्स, एचआईवी संक्रमण का आखिरी और सबसे गंभीर स्टेज है। एड्स वाले मरीजों में व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या बहुत कम हो जाती है और इम्यून सिस्टम बहुत खराब हो जाता है। एड्स के कारण कमजोर हुई इम्युनिटी और भी कई बीमारियों और संक्रमण के खतरे को काफी बढ़ा देती है।

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि एचआईवी का समय पर इलाज न हो पाने के कारण लगभग 10 साल में एड्स में बदल सकता है।

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एचआईवी के बारे में जानिए - फोटो : Adobe Stock

एचआईवी और एड्स में क्या अंतर है?

एचआईवी और एड्स को अक्सर एक ही मान लिया जाता है, जबकि दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं। जैसा कि बताया गया है कि एचआईवी एक वायरस है जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है, जबकि एड्स इस संक्रमण का अंतिम चरण है। एचआईवी टेस्ट की मदद से संक्रमण की स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है।

एचआईवी संक्रमण के लिए कई सारे इलाज के विकल्प उपलब्ध हैं। यहां पढ़िए पूरी रिपोर्ट



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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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