सब्सक्राइब करें

World Glaucoma Day: क्या ब्लब के चारों तरफ दिखता है सतरंगी घेरा? कहीं आपको भी तो नहीं हो गया है ग्लूकोमा

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sat, 09 Mar 2024 07:12 PM IST
विज्ञापन
world glaucoma day 2024 know glaucoma causes and risk factors in hindi
आंखों में होने वाली समस्याएं - फोटो : iStock

आंखें, हमारे लिए कुदरत का तोहफा मानी जाती हैं, जिनकी मदद से हम दुनिया के खूबसूरत नजारे ले पाते हैं। हालांकि समय के साथ आंखों से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि कम उम्र के लोग भी रोशनी की कमजोरी, कम दिखाई देने के शिकार हो रहे हैं जिस वजह से उन्हें चश्मे की जरूरत हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं पिछले कुछ वर्षों में आंखों से संबंधित कई बीमारियों को भी बढ़ते देखा जा रहा है, ग्लूकोमा उनमें से एक है।



स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ग्लूकोमा की समस्या अंधेपन का भी कारण बन सकती है। इस गंभीर रोग के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ाने और बीमारी से बचाव को लेकर सतर्क करने के उद्देश्य से हर साल 12 मार्च को विश्व ग्लूकोमा दिवस मनाया जाता है।

डॉक्टर कहते हैं, इस रोग के संकेतों की समय पर पहचान करना और इसका उपचार कराना बहुत आवश्यक हो जाता है। आइए ग्लूकोमा की स्थिति के बारे में विस्तार से समझते हैं।

Trending Videos
world glaucoma day 2024 know glaucoma causes and risk factors in hindi
आंखों की बीमारियों के बारे में जानिए - फोटो : iStock

क्या होता है ग्लूकोमा?

ग्लूकोमा आंखों में होने वाली बीमारी है जो ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाती है। ऑप्टिक नर्व्स आपकी आंख से मस्तिष्क तक दृश्यों की जानकारी भेजती हैं। आंख में किसी कारण से उच्च दबाव की स्थिति इन तंत्रिकाओं को क्षति पहुंचाने वाली हो सकती है। ये ग्लूकोमा का कारण बन सकती है।

ग्लूकोमा किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन वृद्ध लोगों में यह अधिक आम है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अंधेपन के लिए इसे प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। अगर आप नियमित रूप से आंखों की जांच कराते रहते हैं तो आंखों पर पड़ने वाले दबाव का पता लगाने और समय रहते ग्लूकोमा का निदान करने में मदद मिल सकती है।

विज्ञापन
विज्ञापन
world glaucoma day 2024 know glaucoma causes and risk factors in hindi
ग्लूकोमा की समस्या के बारे में जानिए - फोटो : iStock

कैसे जानें कहीं आपको तो नहीं हो गया है ग्लूकोमा?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, ग्लूकोमा के लक्षण रोग की स्थिति और इसके प्रकारों पर निर्भर करती है। शुरुआती चरणों में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं पर समय के साथ ये कम दिखाई देने या अंधेपन का कारण बन सकती है। इसके अलावा ग्लूकोमा बढ़ने के कारण आपको अक्सर सिरदर्द होने, आंखों में तेज दर्द, मतली या उल्टी, धुंधला दिखाई देने, आंखों के लाल होने की समस्या हो सकती है।

इस तरह के संकेत अगर लंबे समय तक बने रहते हैं तो इस बारे में कसी विशेषज्ञ से मिलकर जांच और इलाज करा लेना आवश्यक माना जाता है।

world glaucoma day 2024 know glaucoma causes and risk factors in hindi
आंखों की दिक्कत - फोटो : iStock

बल्ब के चारों तरफ इंद्रधनुषी घेरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, ग्लूकोमा वाले रोगियों में जिस लक्षण को सबसे प्रमुखता से देखा जाता है वह है किसी बल्ब या रोशनी की तरफ देखने पर  इंद्रधनुषी घेरा दिखाई देना। अगर आपको भी कुछ समय से बल्ब देखते समय उसके आसपास किसी तरह का घेरा दिखाई देता है तो इसे ग्लूकोमा का संकेत माना जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को इसके जोखिमों को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता होती है।

विज्ञापन
world glaucoma day 2024 know glaucoma causes and risk factors in hindi
ग्लूकोमा की समस्या - फोटो : Pixabay

ग्लूकोमा से कैसे बचें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ प्रकार के उपाय करके आप आंखों की इस गंभीर बीमारी से बचाव कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप आंखों की नियमित जांच कराएं। नियमित रूप से नेत्र परीक्षण से प्रारंभिक चरण में ग्लूकोमा का पता लगाने और आंखों पर पड़ रहे दबाव के स्तर को जानने में मदद मिल सकती है।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी हर 5 से 10 साल में आंखों के पूर्ण जांच की सलाह देता है। इसके अलावा यदि आपके परिवार में पहले से किसी को ग्लूकोमा या आंखों की दिक्कत रही है तो ऐसे लोगों को भी अलर्ट रहना चाहिए। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को आंखों की सेहत को लेकर और भी सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है।



--------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें  लाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health  and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) और यात्रा (travel news in Hindi)  आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।  

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed