रूबी शुक्ला
Dussehra 2024: श्रीराम और माता सीता के रिश्ते की ये पांच खास बातें, हर पति-पत्नी को अपनानी चाहिए
विजयदशमी यानी दशहरा बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। इस त्योहार पर आपको माता सीता और भगवान राम के रिश्ते से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताएंगे, जो आपको भी अपने जीवन में जरूर अपनाना चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं कुछ जरूरी बातें।
मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ दें
सीता माता राजकुमारी थीं। उन्होंने भगवान राम से विवाह से पहले कभी भी अपने जीवन में कष्ट नहीं देखा था, लेकिन जब बात उनके पति के 14 साल के वनवास की आई तो उन्होंने अपने पति के इस कठिन समय में उनके साथ जाने का फैसला किया। माता सीता राम जी के साथ 14 साल जंगल में रहीं और मुश्किल परिस्थिति में अपने पति का साथ दिया।
सम्मान
हर रिश्ते में सम्मान होना बहुत जरूरी है। सम्मान रिश्ते को मजबूती देता है। आपने बड़ों को भी कहते सुना होगा कि सम्मान रिश्ते की नींव होता है। राम जी और सीता जी के रिश्ते में हमेशा सम्मान था। माता सीता जिस प्रकार श्रीराम को सम्मान देती थीं उसी तरह प्रभु श्रीराम भी अपनी पत्नी के सम्मान और सुरक्षा के लिए हमेशा खड़े रहे हैं ।
भरोसा
रिश्ते में भरोसा भी होना बहुत जरूरी है। भरोसा ही रिश्ते को मजबूत करता है। माता सीता और राम जी के रिश्ते में बहुत भरोसा था। उनको जब रावण अपहरण करके लंका ले गए थे तो माता सीता को भरोसा था कि राम जी उन्हें लेने जरूर आएंगे। इसी भरोसे ने उनको मजबूती दी। प्रभु श्रीराम ने भी माता सीता का ये भरोसा टूटने नहीं दिया।
त्याग
पति पत्नी के रिश्ते में त्याग की भावना होना बहुत जरूरी हैं। जब किसी रिश्ते में त्याग की भावना होती है तो उसमें प्यार भी उतना ही ज्यादा होता है। जैसे माता सीता अपने सारे सुख और आराम को त्याग कर पति के साथ वनवास चली गईं। श्री राम ने भी माता सीता का रावण की लंका से आजाद कराने के लिए संघर्ष किया और सबकुछ त्याग कर युद्ध किया।