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Maharajganj News: लोकोस एप का बढ़ा दायरा डिजिटल होंगे सभी काम
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महराजगंज। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का नए वर्ष से नए कलेवर में दिखेगा। इसके लिए विभाग खुद को डिजिटल फार्मेट में तब्दील करने का नवाचार कर रहा है। प्रक्रिया के तहत विभाग ने लोकोस एप का दायरा बढ़ा दिया है। अब तक सिर्फ गठित समूहों के नाम इसपर होते थे, लेकिन जनवरी से इसपर समूह का संपूर्ण विवरण दिखेगा।
समूह सदस्यों की प्रोफाइल, प्रशिक्षण, वित्तीय मदद व आय का पूरा लेखा-जोखा एक क्लिक पर कोई भी देख सकेगा। यह बदलाव विभाग स्वदेशी मुहिम के जरिये समूहों को आत्मनिर्भर बनाने व आय का स्रोत बढ़ाने के लिए कर रहा है। इससे स्वदेशी अभियान के बड़े निवेशक जरूरत के मुताबिक समूह की मदद लेकर कम लागत में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करा सकेंगे। इससे समूह महिलाओं को आय प्राप्त करने के अवसर बढ़ेंगे। लेनदेन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में होने के कारण किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी।
स्वयं सहायता समूहों को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से लोकोस एप के माध्यम से सभी को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके तहत समूहों के वित्तीय अभिलेखों को डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर प्रोफाइल और लेन-देन से संबंधित प्रविष्टियां कराई जा रही हैं। जिले में संचालित 10 हजार स्वयं सहायता समूहों का डाटा ऑनलाइन किया जा चुका है।
लोकोस एप पर समूह डिजिटाइजेशन के साथ ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी कौशल भी सिखाया गया है। इससे उनकी आत्मनिर्भरता और आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। समूहों का कार्य पूरी तरह डिजिटल, पेपरलेस और पारदर्शी होगा।
मो. जाकिर, उपायुक्त एनआरएलएम
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समूह सदस्यों की प्रोफाइल, प्रशिक्षण, वित्तीय मदद व आय का पूरा लेखा-जोखा एक क्लिक पर कोई भी देख सकेगा। यह बदलाव विभाग स्वदेशी मुहिम के जरिये समूहों को आत्मनिर्भर बनाने व आय का स्रोत बढ़ाने के लिए कर रहा है। इससे स्वदेशी अभियान के बड़े निवेशक जरूरत के मुताबिक समूह की मदद लेकर कम लागत में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करा सकेंगे। इससे समूह महिलाओं को आय प्राप्त करने के अवसर बढ़ेंगे। लेनदेन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में होने के कारण किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी।
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स्वयं सहायता समूहों को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से लोकोस एप के माध्यम से सभी को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके तहत समूहों के वित्तीय अभिलेखों को डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर प्रोफाइल और लेन-देन से संबंधित प्रविष्टियां कराई जा रही हैं। जिले में संचालित 10 हजार स्वयं सहायता समूहों का डाटा ऑनलाइन किया जा चुका है।
लोकोस एप पर समूह डिजिटाइजेशन के साथ ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी कौशल भी सिखाया गया है। इससे उनकी आत्मनिर्भरता और आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। समूहों का कार्य पूरी तरह डिजिटल, पेपरलेस और पारदर्शी होगा।
मो. जाकिर, उपायुक्त एनआरएलएम
