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Maharajganj News: मौसम की बेरुखी से किसान चिंतित, घट सकता उत्पादन
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महराजगंज। मौसम की बेरुखी ने किसानों के माथे पर एक बार फिर चिंता की लकीर खींच दी हैं। खरीफ सीजन में तैयार फसल बारिश के कारण घर पहुंचती इससे पहले नुकसान की भेंट चढ़ी। रबी में बेहतर पैदावार मिलने की उम्मीद थी, क्योंकि अबतक सुबह शाम का कोहरा और दिन में खिल रही धूप गेहूं, सरसों, मसूर व मटर उत्पादन के लिहाज से अनुकूल थी। लेकिन लगभग चार पांच दिन से मौसम का जो मिजाज है उसे देख किसान चिंतित हैं। कोहरा व धुंध का प्रकोप जहां बढ़ा है वहीं धूप न होने से फसलों का विकास प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। कृषि विज्ञानियों के फसल विकास के लिए कोहरे के साथ धूप भी जरूरी है। धूप न होने से विकास प्रभावित हो सकता है।
कृषि विभाग के मुताबिक जनपद में इस बार गेहूं का रकबा 1.45 लाख हेक्टेयर है वहीं 26760 हेक्टेयर में सरसों व राई की फसल है। 20 हजार हेक्टेयर दलहन तो 2200 हेक्टेयर में आलू की फसल है।
सिंचाई से तापमान नियंत्रण प्रयास
- पोखरभिंडा के प्रगतिशील किसान अनिरुद्ध चौधरी, अरविंद पटेल, राम खेलावन, सुरेंद्र चौधरी ने बताया सुबह-शाम घना कोहरा पड़ रहा है और रात के तापमान में गिरावट के साथ मौसम काफी सर्द हो रहा है। पिछले सप्ताह तक यह स्थिति अनुकूल थी क्योंकि दिन में कम ही सही, लेकिन धूप निकल रही थी, लेकिन अब धूप नहीं निकल रही और कोहरे के साथ बादल की मजबूत जुगलबंदी से सरसों की पत्तियां सिकुड़ने लगी हैं वहीं आलू पर झुलसा की संभावना बढ़ी है। लागत लगाने के बाद यदि मौसम विपरीत रहा तो आलू पैदावार पर असर पड़ेगा। सरसों व राई में दाने बनने का समय है। इस समय पर्याप्त पोषण जरूरी है, लेकिन धूप न होने से फूलों के साथ पत्ती व फलियां सिकुड़ रही हैं। रात में हल्की सिंचाई कर खेत की सतह पर तापमान नियंत्रण प्रयास किया जा रहा है। पाला बढ़ा तो पौधों में फूल और फलियां झड़ने लगेंगी। इससे पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा और आमदनी घटेगी।
गेहूं, सरसों व दलहन के लिए अबतक मौसम अनुकूल रहा। लेकिन लगभग चार दिन से धूप नहीं खिल रही। धूप फसल के लिए जरूरी है क्योंकि प्रकाश संश्लेषण के जरिये ही पौधे भोजन बनाते हैं। धूप नहीं खिल रही जिसका असर पड़ सकता है। आलू पर पाला का खतरा बढ़ा है। किसान फसल सुरक्षित करने के लिए हल्की सिंचाई समय-समय पर जरुर करें। शैलेंद्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी।
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- पोखरभिंडा के प्रगतिशील किसान अनिरुद्ध चौधरी, अरविंद पटेल, राम खेलावन, सुरेंद्र चौधरी ने बताया सुबह-शाम घना कोहरा पड़ रहा है और रात के तापमान में गिरावट के साथ मौसम काफी सर्द हो रहा है। पिछले सप्ताह तक यह स्थिति अनुकूल थी क्योंकि दिन में कम ही सही, लेकिन धूप निकल रही थी, लेकिन अब धूप नहीं निकल रही और कोहरे के साथ बादल की मजबूत जुगलबंदी से सरसों की पत्तियां सिकुड़ने लगी हैं वहीं आलू पर झुलसा की संभावना बढ़ी है। लागत लगाने के बाद यदि मौसम विपरीत रहा तो आलू पैदावार पर असर पड़ेगा। सरसों व राई में दाने बनने का समय है। इस समय पर्याप्त पोषण जरूरी है, लेकिन धूप न होने से फूलों के साथ पत्ती व फलियां सिकुड़ रही हैं। रात में हल्की सिंचाई कर खेत की सतह पर तापमान नियंत्रण प्रयास किया जा रहा है। पाला बढ़ा तो पौधों में फूल और फलियां झड़ने लगेंगी। इससे पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा और आमदनी घटेगी।
गेहूं, सरसों व दलहन के लिए अबतक मौसम अनुकूल रहा। लेकिन लगभग चार दिन से धूप नहीं खिल रही। धूप फसल के लिए जरूरी है क्योंकि प्रकाश संश्लेषण के जरिये ही पौधे भोजन बनाते हैं। धूप नहीं खिल रही जिसका असर पड़ सकता है। आलू पर पाला का खतरा बढ़ा है। किसान फसल सुरक्षित करने के लिए हल्की सिंचाई समय-समय पर जरुर करें। शैलेंद्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी।
