भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने रविवार को पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले रामलला व हनुमानगढ़ी के दरबार में पूजा-अर्चना की। उन्होंने हनुमंतलला व श्रीरामलला की आरती उतारी। इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि परिसर में चल रहे मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति भी देखी। इस दौरान संतों से भी आशीर्वाद लिया।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- फोटो : amar ujala
सरकार के साढ़े चार साल पूरा होने पर अयोध्या पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया। यहां उन्होंने हनुमंतलला को फूलमाला अर्पित की और आरती उतारी, दानपात्र में समर्पण भी अर्पित किया। करीब 10 मिनट तक पूजा-अर्चना के बाद वे सीधे श्रीराम जन्मभूमि पहुंचे। सर्वप्रथम रामलला के दरबार में अपनी श्रद्धा निवेदित की। पांच मिनट तक रामलला की आरती उतारने के दौरान सीएम योगी भक्तिभाव की मुद्रा में लीन दिखे। यहां पुजारी प्रदीप दास व अशोक दास ने सीएम को रामनामी व प्रसाद भेंट किया
इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर में चल रहे राममंदिर के नींव भराई के कार्य को देखा। मंदिर निर्माण की कार्यदाई एजेंसी एलएंडटी के इंजीनियरों ने सीएम को बताया कि मंदिर निर्माण के पहले फेज का काम पूरा हो गया है। इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, नगर विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, डीएम अनुज कुमार झा, एसपी सुरक्षा पंकज पांडेय सहित अन्य मौजूद रहे।
सीएम योगी ने दर्शन-पूजन के बाद हनुमानढ़ी में संतों से भी आशीर्वाद लिया। उन्होंने हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास से उनके कमरे में जाकर मुलाकात की उनका कुशलक्षेम जाना। गद्दीनशीन ने भी पूरी आत्मीयता से सीएम को हनुमंतलला का प्रसाद व रामनामी ओढ़ाया।
गद्दीनशीन ने कहा कि सीएम योगी के साढ़े चार साल के कार्यकाल में रामनगरी की पौराणिक विरासत को नया आयाम मिला है। हनुमंतलला से प्रार्थना है कि 2022 में वह फिर मुख्यमंत्री बनकर अयोध्या आएं। सीएम ने निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास से भी कुशलक्षेम पूछा। इस दौरान महंत बलराम दास, संत राजूदास भी मौजूद रहे।