समजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का शव रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। उनका लखनऊ के पिपराघाट पर अंतिम संस्कार किया गया, मुखाग्नि बेटे प्रतीक ने दी। इस दौरान मुलायम सिंह यादव के साथ उनके भाई शिवपाल यादव, प्रोफेसर रामगोपाल यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव सहित पूरा परिवार मौजूद रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने मुलायम सिंह के आवास पर पहुंचकर उनको ढांढ़स बंधाया।
मुलायम की साधना से जुड़ी यादें: मां को ऐसा इंजेक्शन लगाने जा रही थी नर्स, जिस पर पड़ी साधना की नजर, यहीं से शुरू हुई दोनों की कहानी


सपा संरक्षक मुलायम सिंह की पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार को दिल्ली में निधन हो गया था। देर रात उनका शव लखनऊ लाया गया। सुबह मुलायम सिंह के आवास पर शव दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान सपा के विधायकों, पूर्व सांसद व पूर्व विधान परिषद सदस्य सहित पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सुबह से ही आवास पर कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी रही।

दोपहर करीब दो बजे उनकी शवयात्रा पिपराघाट के लिए रवाना हुई। शव यात्रा के दौरान मुलायम सिंह यादव ने भी घाट पर चलने की इच्छा जताई। लेकिन उनकी सेहत को देखते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें कार से घाट तक पहुंचने के लिए कहा। वो कार से पिपराघाट पहुंचे। वहां गर्मी अधिक होने की वजह से उन्हें कार में ही बैठे रहने के लिए कहा गया।

सपा संरक्षक ने वहीं से पत्नी को अंतिम विदाई दी। बताया जाता है कि मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का साल 2003 में ही निधन हो गया था। उसके बाद मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता को पत्नी का दर्जा दिया था।

औरैया के विधूना कस्बा निवासी साधना गुप्ता एक अस्पताल में नर्स थीं। बताया जाता है कि उसी अस्पताल में सपा संरक्षक की मां भर्ती थीं। साधना गुप्ता ने मुलायम सिंह यादव की मां मूर्ति देवी की काफी सेवा की। उसी दौरान अस्पताल में एक घटना घटी।