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Surya Grahan 2023: साल का पहला हाइब्रिड सूर्य ग्रहण आज, जानिये कहां-कहां आएगा नजर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: रवींद्र भजनी Updated Thu, 20 Apr 2023 10:32 AM IST
सार

Surya Grahan 2023 Sutak Kaal: गुरुवार 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्यग्रहण है। यह दुर्लभ नजारा है क्योंकि इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहा जा रहा है। खासियत यह है कि इस दौरान खग्रास सूर्यग्रहण, वलयाकार सूर्यग्रहण और आंशिक सूर्यग्रहण तीनों नजर आएंगे।   

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solar eclips - फोटो : istock

20 अप्रैल को सूर्यग्रहण संकर या हाइब्रिड किस्म का होगा। यह दुर्लभ नजारा आसमान में दिखने वाला है। यह चूक गए तो अगला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 2031 में आएगा। यानी आठ साल इंतजार करना पड़ेगा। खास बात यह है कि एक क्षेत्र विशेष में यह ग्रहण पूर्ण या खग्रास सूर्यग्रहण होगा। वहीं, कुछ इलाकों में यह एन्यूलर या कुंडलाकार या वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। कुछ इलाकों के लिए आंशिक सूर्यग्रहण होगा। भारतीय खगोलप्रेमी जरूर इस बात से निराश हैं कि यह नजारा वे देश में नहीं देख सकेंगे।  



राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि तीनों तरह के ग्रहण एक साथ दिखेंगे। इस वजह से इसे हाइब्रिड सोलर एक्लिप्स या संकर सूर्य ग्रहण कहा जाएगा। यह कितना दुर्लभ है, इसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि इस सदी में 224 सूर्यग्रहण होंगे। इनमें सात सूर्य ग्रहण ही हाइब्रिड होंगे। पिछला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 10 साल पहले तीन नवंबर 2013 को हुआ था। वहीं, अगला हाइब्रिड सूर्यग्रहण 15 नवंबर 2031 को पड़ रहा है। यानी आठ साल इंतजार करना होगा। 

ऑस्ट्रेलिया व दक्षिणी गोलार्द्ध में दिखेगा
यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसे पश्चिम ऑस्ट्रेलिया के साथ ही दक्षिणी गोलार्द्ध में देखा जा सकेगा। सारिका का कहना है कि इस दुर्लभ सूर्यग्रहण में पूर्ण या वलयाकार ग्रहण की स्थिति को दुनिया के लगभग चार लाख से कुछ कम ही लोग देख सकेंगे। वहीं, लगभग 70 करोड़ लोग आंशिक सूर्यग्रहण देख सकेंगे। खग्रास/वलयाकार सूर्यग्रहण की सबसे लंबी अवधि एक मिनट 16 सेकंड की होगी और यह समुद्र से दिखेगा। जमीन पर सबसे लंबा खग्रास सूर्यग्रहण 1 मिनट 14 सेकंड का होगा, जिसे पूर्वी तिमोर से देखा जा सकेगा। एक्समोथ पेनिन्सुला, ऑस्ट्रेलिया में यह सिर्फ एक मिनट दिखाई देगा। 
 


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सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी देतीं सारिका घारू। - फोटो : अमर उजाला

20 अप्रैल को कब-क्या होगा? 
7:04 बजे आंशिक सूर्यग्रहण का चरण शुरू होगा
9:07 बजे खग्रास/कुंडलाकार सूर्य ग्रहण की शुरुआत होगी
10:47 बजे खग्रास/कुंडलाकार सूर्यग्रहण अपना वास्तविक आकार लेगा
12:29 बजे खग्रास/कुंडलाकार सूर्यग्रहण समाप्त होने लगेगा
1:29 बजे सूर्यग्रहण का आंशिक चरण भी समाप्त हो जाएगा।
 
क्या है हाइब्रिड सूर्य ग्रहण?
सारिका घारू का कहना है कि पृथ्वी की परिक्रमा करते चांद जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है तो सूर्यग्रहण होता है। इस दौरान चांद पृथ्वी के नजदीक होता है तो सूर्य को पूरी तरह ढंक लेता है। उस भाग में खग्रास या पूर्ण सूर्यग्रहण दिखता है। यदि चंद्रमा दूर रहता है और सूर्य एक कंगन के रूप में चमकता दिखता है तो इसे वलयाकार या एन्यूलर सूर्यग्रहण कहते हैं। चंद्रमा न ज्यादा दूर हो और न ही ज्यादा पास तो हाइब्रिड सोलर एक्लिप्स की स्थिति बनती है। 
 

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क्या है हाईब्रिड सूर्यग्रहण? - फोटो : istock
21वीं सदी में कब-कब दिखा और दिखेगा हाइब्रिड सूर्यग्रहण
9 अप्रैल 2005
3 नवम्बर 2013
20 अप्रैल 2023
15 नवम्बर 2031
25 नवम्बर 2049
21 मई 2050
6 दिसम्बर 2067

ज्योतिषीय गणना के अनुसार 5 घंटे 24 मिनट रहेगी अवधि
इस ग्रहण के सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव दिखाई देंगे। यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य पं. अजय व्यास के अनुसार राशि चक्र की पांच राशियों मकर, वृश्चिक, कन्या, सिंह व मेष पर इस सूर्यग्रहण का विशेष प्रभाव पड़ेगा। अन्य राशियों के लिए यह सूर्यग्रहण शुभ फलदायक होगा। ज्योतिष गणना के अनुसार यह सूर्यग्रहण सुबह 7:04 मिनट से प्रारंभ होगा। दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा। कुल समयावधि पांच घंटे 24 मिनट होगी। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल में पूजा-पाठ प्रतिबंधित होती है। सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सूर्यग्रहण के 15 दिन बाद इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को पड़ेगा। यह उपछाया चंद्रग्रहण होगा। उपछाया चंद्रग्रहण सामान्यतः आंखों से दिखाई नहीं देता। इसमें भी सूतक काल मान्य नहीं होता। इसके बाद साल में दो और ग्रहण पड़ेंगे। इसके बाद 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण लगेगा।
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