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Year Ender 2025: कहीं चूहों ने ली जान तो कहीं कफ सिरप ने बरपाया कहर, प्रदेश की इन घटनाओं ने देश को चौंकाया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Wed, 31 Dec 2025 06:00 AM IST
सार
Year Ender 2025: साल 2025 में मध्य प्रदेश कई दर्दनाक घटनाओं का गवाह बना। गैस त्रासदी कचरा निपटान, सड़क हादसों, फैक्टरी विस्फोट, अस्पताल लापरवाही, भगदड़, जहरीला कफ सिरप, विसर्जन हादसे, पुल धंसने और एचआईवी संक्रमित रक्त मामलों ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया।
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मध्य प्रदेश की ये घटनाएं हमेशा याद रहेंगी।
- फोटो : अमर उजाला
साल 2025 अब समाप्ति की ओर है। यह साल मध्य प्रदेश के लिए कई तरह की खुशियां लेकर आया है, तो कुछ ऐसी घटनाएं लेकर आया जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। बड़ी बात यह रही कि 2025 में घटी अहम घटनाएं काफी सुर्खियों में रही हैं। हम आपको मध्य प्रदेश की उन बड़ी चर्चित घटनाओं के बारे में बताते हैं, जिन्होंने हर किसी को हिलाकर रख दिया था। आइए इनके बारे में जानते हैं।
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ईयर एंडर मध्य प्रदेश : साल की शुरुआत में भोपाल गैस कांड का कचरा पीथमपुर पहुंचाया गया।
- फोटो : अमर उजाला
भोपाल गैस त्रासदी का कचरा पीथमपुर में जला
साल की शुरुआत में भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ा ज़हरीला कचरा एक बार फिर चर्चा में आया, जब उसे मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में जलाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई। यह कचरा करीब चार दशक से भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने परिसर में पड़ा हुआ था, जिसे पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में टन के हिसाब से रासायनिक अपशिष्ट (हैजर्डस वेस्ट) जमा रह गया था। इसमें कीटनाशक बनाने में इस्तेमाल हुए रसायन, जहरीले अवशेष और दूषित सामग्री शामिल थी। लंबे समय से यह सवाल उठता रहा कि इस कचरे का वैज्ञानिक और सुरक्षित तरीके से निपटान कब होगा। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की अनुमति के बाद इस कचरे को पीथमपुर स्थित ट्रीटमेंट, स्टोरेज एंड डिस्पोजल फैसिलिटी में भेजा गया। यहां इसे उच्च तापमान वाले इंसीनरेटर में जलाकर नष्ट करने की व्यवस्था है, ताकि जहरीले तत्व पूरी तरह खत्म हो सकें और पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे। कचरा भष्मक संयंत्र से जला दिया गया है। अब उसकी राख का निपटान होना है।
साल की शुरुआत में भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ा ज़हरीला कचरा एक बार फिर चर्चा में आया, जब उसे मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में जलाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई। यह कचरा करीब चार दशक से भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने परिसर में पड़ा हुआ था, जिसे पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में टन के हिसाब से रासायनिक अपशिष्ट (हैजर्डस वेस्ट) जमा रह गया था। इसमें कीटनाशक बनाने में इस्तेमाल हुए रसायन, जहरीले अवशेष और दूषित सामग्री शामिल थी। लंबे समय से यह सवाल उठता रहा कि इस कचरे का वैज्ञानिक और सुरक्षित तरीके से निपटान कब होगा। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की अनुमति के बाद इस कचरे को पीथमपुर स्थित ट्रीटमेंट, स्टोरेज एंड डिस्पोजल फैसिलिटी में भेजा गया। यहां इसे उच्च तापमान वाले इंसीनरेटर में जलाकर नष्ट करने की व्यवस्था है, ताकि जहरीले तत्व पूरी तरह खत्म हो सकें और पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे। कचरा भष्मक संयंत्र से जला दिया गया है। अब उसकी राख का निपटान होना है।
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ईयर एंडर मध्य प्रदेश : जबलपुर सड़क हादसे में सात की मौत हो गई थी
- फोटो : अमर उजाला
जबलपुर में 7 श्रद्धालुओं की मौत
जबलपुर जिले के सिहोरा थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। महाकुंभ से स्नान कर आंध्र प्रदेश लौट रहे श्रद्धालुओं की ट्रैवलर वाहन की नेशनल हाईवे-30 पर एक तेज रफ्तार ट्रक से जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कुछ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा 11 फरवरी 2025 की सुबह करीब 8:30 बजे सिहोरा के मोहला-बरगी के पास हुआ। ट्रैवलर में सवार श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ से दर्शन-स्नान कर अपने गृह राज्य आंध्र प्रदेश लौट रहे थे। टक्कर के बाद ट्रैवलर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जबलपुर जिले के सिहोरा थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। महाकुंभ से स्नान कर आंध्र प्रदेश लौट रहे श्रद्धालुओं की ट्रैवलर वाहन की नेशनल हाईवे-30 पर एक तेज रफ्तार ट्रक से जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कुछ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा 11 फरवरी 2025 की सुबह करीब 8:30 बजे सिहोरा के मोहला-बरगी के पास हुआ। ट्रैवलर में सवार श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ से दर्शन-स्नान कर अपने गृह राज्य आंध्र प्रदेश लौट रहे थे। टक्कर के बाद ट्रैवलर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कफ सिरप
- फोटो : अमर उजाला
24 बच्चों के लिए काल बना कफ सिरप कांड
सबसे पहले हम मध्य प्रदेश में जहरीले कप सिरप की बात करते हैं, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में सामने आए इस हादसे में 24 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ ब्रांड के नाम से बेचे जाने वाले एलोपैथिक कफ सिरप से हुई थी, जिसमें 48.6 फीसदी डाई एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो एक बहुत जहरीला रसायन माना जाता है। इसके सेवन से किडनी भी फेल हो जाती हैं। इस मामले में तमिलनाडु की एक फार्मा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
सीहोर में मची थी भगदड़
सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में अगस्त 2025 में पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची, जिसमें 2 महिलाओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए; यह घटना रुद्राक्ष वितरण और कावड़ यात्रा से पहले हुई, जहाँ अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के कारण हादसा हुआ, जिसके बाद प्रशासन और आयोजकों पर सवाल उठे। यह कोई अकेली घटना नहीं थी, बल्कि 2023 में भी इसी स्थान पर ऐसी ही भीड़ के कारण हादसा हुआ था।
सबसे पहले हम मध्य प्रदेश में जहरीले कप सिरप की बात करते हैं, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में सामने आए इस हादसे में 24 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ ब्रांड के नाम से बेचे जाने वाले एलोपैथिक कफ सिरप से हुई थी, जिसमें 48.6 फीसदी डाई एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो एक बहुत जहरीला रसायन माना जाता है। इसके सेवन से किडनी भी फेल हो जाती हैं। इस मामले में तमिलनाडु की एक फार्मा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
सीहोर में मची थी भगदड़
सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में अगस्त 2025 में पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची, जिसमें 2 महिलाओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए; यह घटना रुद्राक्ष वितरण और कावड़ यात्रा से पहले हुई, जहाँ अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के कारण हादसा हुआ, जिसके बाद प्रशासन और आयोजकों पर सवाल उठे। यह कोई अकेली घटना नहीं थी, बल्कि 2023 में भी इसी स्थान पर ऐसी ही भीड़ के कारण हादसा हुआ था।
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ईयर एंडर मध्य प्रदेश : गुजरात की फैक्ट्री धमाके में मप्र के 18 लोगों की मौत हुई थी।
- फोटो : अमर उजाला
गुजरात फैक्टरी में धमाके में मप्र के 18 लोगों की मौत
गुजरात के बनासकांठा जिले (डीसा के पास) स्थित एक अवैध पटाखा फैक्टरी/गोदाम में 1 अप्रैल 2025 को हुए भयानक विस्फोट और आग लगने से जुड़ा एक गंभीर हादसा था, जिसमें कुल 21 मजदूरों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह हादसा विशेष रूप से मध्य प्रदेश के मजदूरों से जुड़ा होने के कारण राज्य में भी गहरा शोक और प्रतिक्रिया पैदा हुआ था। मरने वाले 18 लोग हरदा और देवास के निवासी थे। विस्फोट इतना भयानक था कि गोदाम की आरसीसी छत पूरी तरह ध्वस्त हो गई। बाद में फॉरेंसिक जांच में पाया गया कि अत्यधिक ज्वलनशील अल्युमीनियम पाउडर की मौजूदगी में आग ने अचानक विस्फोट को जन्म दिया, जो इस तरह की सामग्री के कारण ऊर्जा मुक्त कर देता है।
खंडवा दुर्गा विसर्जन में गई ट्रॉली तालाब में समाई
इसी साल खंडवा में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए भीषण हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। यह दुर्घटना उस समय हुई, जब विसर्जन जुलूस के दौरान श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली अचानक तालाब में जा गिरी। हादसे में 8 बच्चियों सहित कुल 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए ग्रामीण बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर तालाब की ओर जा रहे थे। ट्रॉली में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। तालाब के पास पहुंचते ही अचानक संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर-ट्रॉली सीधे पानी में पलट गई।
गुजरात के बनासकांठा जिले (डीसा के पास) स्थित एक अवैध पटाखा फैक्टरी/गोदाम में 1 अप्रैल 2025 को हुए भयानक विस्फोट और आग लगने से जुड़ा एक गंभीर हादसा था, जिसमें कुल 21 मजदूरों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह हादसा विशेष रूप से मध्य प्रदेश के मजदूरों से जुड़ा होने के कारण राज्य में भी गहरा शोक और प्रतिक्रिया पैदा हुआ था। मरने वाले 18 लोग हरदा और देवास के निवासी थे। विस्फोट इतना भयानक था कि गोदाम की आरसीसी छत पूरी तरह ध्वस्त हो गई। बाद में फॉरेंसिक जांच में पाया गया कि अत्यधिक ज्वलनशील अल्युमीनियम पाउडर की मौजूदगी में आग ने अचानक विस्फोट को जन्म दिया, जो इस तरह की सामग्री के कारण ऊर्जा मुक्त कर देता है।
खंडवा दुर्गा विसर्जन में गई ट्रॉली तालाब में समाई
इसी साल खंडवा में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए भीषण हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। यह दुर्घटना उस समय हुई, जब विसर्जन जुलूस के दौरान श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली अचानक तालाब में जा गिरी। हादसे में 8 बच्चियों सहित कुल 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए ग्रामीण बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर तालाब की ओर जा रहे थे। ट्रॉली में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। तालाब के पास पहुंचते ही अचानक संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर-ट्रॉली सीधे पानी में पलट गई।

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