जासूसी, जासूसी और जासूसी... राजस्थान के सियासी गलियारों में इस शब्द की गूंज एक बार फिर सुनाई दे रही है। बस इस बार तस्वीर कुछ अलग है, क्योंकि जासूसी का आरोप विपक्ष में बैठी कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार पर लगाया जा रहा है। लेकिन, जब भाजपा सत्ता में थी तो यही आरोप कांग्रेस पर लगता था। जासूसी के आरोप में इस बार एक बड़ा अंतर यह भी है कि पिछली सरकार में फोन टैपिंग के आरोप लगे थे, लेकिन इस बार ऑडियो के साथ वीडियो जासूसी यानी कैमरा टैपिंग के आरोप भी लगे हैं। यह विवाद सदन में लगे दो नए कैमरों को लेकर है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने विधायकों की जासूसी कराने के लिए कैमरे लगाए हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने लगातार दो दिन विधानसभा में जमकर हंगामा किया। वहीं, आज गुरुवार को कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े को ज्ञापन दिया।
Politics: राजस्थान में जासूसी विपक्ष की 'प्रेमिका', सत्ता मिलते ही सब भूले, कब किस पर लगे आरोप? नया विवाद क्या
Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में दो नए कैमरे लगे और जासूसी का 'जिन्न' फिर बाहर आ गया। प्रदेश में जासूसी का इतिहास पुराना है। सत्ता किसी की भी हो, यहां जासूसी का शोर जरूर गूंजता है। इस बार कांग्रेस ने सरकार पर विधायकों की जासूसी कराने का आरोप लगाया है। आइए, जानते हैं नया विवाद क्या है?
सबसे पहले जानिए क्या है ताजा जासूसी विवाद?
इस विवाद की शुरूआत मंगलवार को हुई। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा में आरोप लगाया कि सदन में दो नए कैमरे लगाए गए हैं, जो विधायकों की गतिविधियों को रिकॉर्ड कर रहे हैं। जब सदन स्थगित रहता है, तब भी यह सब हो रहा है। इसके अगले दिन बुधवार को कांग्रेस विधायकों ने 'जग्गा जासूस चोर है' लिखी टोपी पहनकर सदन में प्रदर्शन किया। विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से मांग की कि वह स्पष्ट करें कि इन कैमरों का एक्सेस किसके पास है, क्या इसके लिए इंटेलिजेंस की अनुमति ली गई थी, इनसे की गई रिकॉर्डिंग कहां प्रसारित हो रही है?
जूली बोले- कांग्रेस के साथ वसुंधरा भी निशाने पर
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सिर्फ सरकार पर आरोप लगाकर नहीं रुके। उन्होंने यह तक कह दिया कि सीएम भजनलाल शर्मा भाजपा विधायक दल की बैठक में कह कर गए हैं कि मुझे पता है, कौन-कौन विधायक क्या-क्या कर रहा है। उन्होंने मंत्रियों को भी हिदायत दी कि उनके ड्राइवर उनकी जासूसी कर रहे हैं। ये ड्राइवरों के फोन भी टेप करवा रहे हैं। उन्होंने कहा- सरकार न सिर्फ कांग्रेस विधायकों बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भी जासूसी करवा रही है। जूली ने दावा किया कि दो दिन पहले जब वसुंधरा राजे सदन में आई थीं तो यह तक देखा गया कि कौन-कौन विधायक उनसे मिलने गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में लगाए गए CCTV कैमरों के पीछे असली वजह वसुंधरा राजे गुट पर निगरानी रखना है।
विधानसभा अध्यक्ष और सीएम शर्मा का जवाब
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि कैमरे सुरक्षा कारणों से लगाए गए हैं। सदन की कार्यवाही का यूट्यूब पर प्रसारण पहले से होता रहा है। उन्होंने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि विपक्ष केवल कार्यवाही बाधित करने की कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'यह सस्ती लोकप्रियता पाने का हथकंडा है। इन्हें धर्मांतरण विधेयक का दर्द है, इसलिए हर मुद्दे को राजनीति से जोड़ते हैं।'
हर सरकार पर लगे जासूसी के आरोप
साल 2020: गहलोत-पायलट विवाद
तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच गुटबाजी के दौरान ऑडियो टेप लीक हुए थे। जिनमें कांग्रेस विधायकों और केंद्रीय नेताओं के बीच कथित खरीद-फरोख्त की बातचीत सामने आई थी। गहलोत गुट ने पायलट खेमे पर भाजपा से मिलकर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया। इस दौरान एसओजी और एसीबी की जांच से लेकर फोन टैपिंग और निजी जासूसों की चर्चा तक हुई थी। यहां तक की गहलोत के तत्कालीन ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने खुद भी अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग करवाने के आरोप लगाए थे।
साल 2013-18: भाजपा की सरकार में उछला मुद्दा
कांग्रेस विपक्ष में थी। पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया था कि सरकार विधायकों और पत्रकारों की फोन टैपिंग करवा रही है। आरोप लगाया गया कि सरकार राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गुप्त निगरानी करा रही है।
साल 2008-13: सत्ता में कांग्रेस, सीएम थे गहलोत
इस दौर में विपक्ष में बैठी भाजपा ने तत्कालीन गहलोत सरकार पर जासूसी के आरोप लगाए थे। कहा था कि सरकार आईबी और पुलिस के जरिए विरोधियों की निगरानी करवा रही है। खासतौर पर सरकार पर पार्टी से नाराज नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखने के आरोप लगे थे।
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