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साइबर अपराध अलर्ट: भूलकर भी न करें ये काम, वरना खाली हो जाएगा आपका खाता
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Thu, 13 Feb 2020 12:59 PM IST
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साइबर सुरक्षा
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हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय स्थित राज्य साइबर अपराध सेल के पुलिस उपाधीक्षक नरवीर राठौर ने कहा है कि आज के आधुनिक समय में स्मार्टफोन का उपयोग और शापिंग करने के लिए स्मार्टफोन से क्यूआर कोड को स्कैन करके भुगतान करना बहुत ज्यादा प्रचलन में है। क्यूआर कोड का इस्तेमाल ऑनलाइन भुगतान के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए अन्य वॉलेट जैसे पेटीएम वॉलेट का उपयोग करके भुगतान किया जाता है। पिछले कुछ समय से साइबर अपराधियों की ओर से क्यूआर कोड से ठगी करने के बहुत से मामले सामने आए हैं।
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साइबर क्राइम(सांकेतिक)
उन्होंने ऐसी जालसाजी से लोगों को खुद ही सतर्क रहने का आग्रह किया है। लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है कि वे संदिग्ध ईमेल, व्हाट्सएप आदि से प्राप्त क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करें और किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आएं।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
उन्होंने ऐसी जालसाजी से लोगों को खुद ही सतर्क रहने का आग्रह किया है। लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है कि वे संदिग्ध ईमेल, व्हाट्सएप आदि से प्राप्त क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करें और किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आएं। यहां तक कि दुकानदारों को भी थोक ऑर्डर देने का लालच दिया जाता है और भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड भेजकर धोखा दिया जाता है।
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साइबर क्राइम
भुगतान करने के बजाय नकली खरीदार इसे प्राप्त करते हैं, जबकि नकली विक्रेता भुगतान प्राप्त करने के बाद सामान वितरित नहीं करते हैं। साइबर अपराधियों की ओर से प्रमुख वेबसाइटों पर जाने के लिए यूआरएल के साथ छेड़छाड़ करके साइबर अपराधियों की ओर से प्रमुख वेबसाइटों पर जाने के लिए ईमेल, व्हाट्सऐप आदि के माध्यम से एक क्यूआर कोड भेज जाते हैं।
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क्यूआर कोड में यूआरएल का पता नहीं लगता है, जिस कारण व्यक्ति द्वारा कोड स्कैन किया जाता है, जो उसे गलत वेबसाइट पर ले जाता है, जिससे वह साइबर ठगी का शिकार हो जाता है। सभी लोगों को आगाह किया जाता है कि यदि कोई अपने खाते में पैसे जमा करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए कहता है तो सतर्क रहें।
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