हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। सामान्य से पांच दिन देरी से मानसून की जोरदार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। जगह-जगह भूस्खलन व मलबा आने से व्यापक नुकसान हुआ है। इससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। भूस्खलन की चपेट में आने से कई जगह गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। चंबा जिले में बुधवार रात को हुई भारी बारिश से आए मलबे में छह वाहन दब गए। कई जगह भूस्खलन से भरमौर-पठानकोट एनएच चार घंटे तक बंद रहा। इसके अलावा 42 छोटी-बड़ी सड़कों पर यातायात ठप हो गया है।
प्रशासन ने सैलानियों व आम लोगों को नदी-नालों में न उतरने की चेतावनी दी है। वहीं, जिला कुल्लू में भी बुधवार देर रात से जिलाभर में बारिश होने से कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से मोगीनंद में पांवटा-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे तालाब बन गया। खराब मौसम के चलते गुरुवार को भी गगल एयरपोर्ट में विमान सेवाएं अस्त-व्यस्त रहीं।
प्रशासन ने सैलानियों व आम लोगों को नदी-नालों में न उतरने की चेतावनी दी है। वहीं, जिला कुल्लू में भी बुधवार देर रात से जिलाभर में बारिश होने से कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से मोगीनंद में पांवटा-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे तालाब बन गया। खराब मौसम के चलते गुरुवार को भी गगल एयरपोर्ट में विमान सेवाएं अस्त-व्यस्त रहीं।