शरद पूर्णिमा से कार्तिक माह की शुरुआत हो जाती है, इस बार 30 नवंबर को शरद पूर्णिमा है इसलिए 1 नवंबर से कार्तिक माह आरंभ हो जाएगा। हिंदू धर्म में कार्तिक माह को बहुत विशेष माना गया है। यह माह जगत के पालन कर्ता श्री हरि विष्णु और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित किया जाता है। इस माह में पूजन और व्रत करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। कार्तिक माह में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से पृथ्वी पर सभी तीर्थ करने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। जानते हैं इस माह को मोक्ष का द्वार क्यों कहा जाता है और इसका महत्व क्या है।
Kartik Month 2020: कार्तिक माह को कहा गया है मोक्ष का द्वार, जानिए क्या है इसका महत्व
त्योहारो का माह है कार्तिक मास
इस माह में कई मुख्य त्योहार पड़ते हैं इसलिए एक तरह से देखा जाए तो इसे त्योहारों का माह भी कहा जा सकता है। कार्तिक माह आरंभ होने के पश्चात क्रमशः करवा चौथ, धनतेरस, रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, देव उठनी एकादशी पर्व मनाए जाते हैं। कार्तिक माह की एकादशी का भी बहुत महत्व माना जाता है। इसे देवउठाउनी एकादशी कहा जाता है, इस एकादशी के बाद शुभ कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि की शुरुआत हो जाती है। कार्तिक माह का समापन गुरु पूर्णिमा पर होता है।
कैसे पड़ा कार्तिक माह का नाम
हिंदू पंचाग के अनुसार वर्ष में 12 माह होते हैं। हर माह के अलग-अलग नाम हैं, कार्तिक माह के बारे में कहा जाता है कि इस माह में भगवान शिव के पुत्र कुमार कार्तिकेय ने तारकासुरनाम के राक्षस का अंत किया था। जिसके कारण इस माह का नाम कार्तिक हुआ। कार्तिकेय की विजय के कारण इस माह को विजय देने वाला भी कहा गया है।
कार्तिक माह का महत्व
कार्तिक माह में तप और व्रत का माह है, इस माह में भगवान की भक्ती और पूजा अर्चना करने से मनुष्य की सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। यह भगवान विष्णु का माह है। इस माह को मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है, क्योंकि इस माह में विष्णु जी की पूजा-पाठ पूरी निष्ठा और नियम के साथ करने पर मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस माह के माहात्म्य के बारे में नारद पुराण, पद्म पुराण आदि में भी उल्लेख मिलता है। यह माह मनुष्य को आध्यात्म की ओर अग्रसर करने वाला है। इस माह में भगवान विष्णु की आराधना करने से समस्त तरह के पारिवारिक सुखों की प्राप्ति होती है।

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