Bhagavad Gita Shlok For Mental Health: आज के इस भागदौड़ भरे दौर में हम सभी किसी न किसी रूप में तनाव, बेचैनी और गुस्से का सामना करते हैं। मोबाइल के नोटिफिकेशन, करियर का तनाव, रिश्तों में दूरियां और भीतर की असुरक्षा हमारे मन को बेचैन बना देती है। ऐसे में नींद न आना मानसिक अशांति और क्रोध जीवन का हिस्सा बन गए हैं। लेकिन क्या आज जानते हैं कि हजारों वर्षों पुरानी भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि आत्मिक और मानसिक संघर्षों के समाधान का गहरा विज्ञान है। जब अर्जुन युद्ध के मैदान में मानसिक रूप से टूट चुके थे और तब श्रीकृष्ण ने उन्हें जो ज्ञान दिया, वह आज के समय में भी मेंटल हेल्थ थेरेपी की तरह काम कर सकता है। आइए जानते हैं गीता के ऐसे 5 श्लोक, जो मानसिक संतुलन, चिंता और क्रोध पर नियंत्रण के लिए मार्गदर्शक बन सकते हैं।
Bhagavad Gita: इन गलतियों से व्यक्ति को जीवन में उठाने पड़ते हैं कष्ट, गीता में भी है इनका उल्लेख
Chanakya niti: अगर चाहते हैं जीवन में भरोसेमंद लोग, तो चाणक्य के इन 4 सिद्धांतों को अपनाना न भूलें
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