Life Lessons From The Bhagavad Gita: हिंदू धर्म में गीता को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके जरिए व्यक्ति जीवन जीने की कला और समस्याओं का निवारण करना सीखता है। आमतौर पर बचपन से ही सभी को गीता का पाठ करने की सलाह दी जाती हैं, क्योंकि इसमें कर्म, धर्म और आत्म-ज्ञान का उल्लेख है। इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक मौजूद हैं, जिसका प्रत्येक पन्ना व्यक्ति को नई सीख और उसकी समझ को बढ़ाता है।
माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने गीता का पाठ अर्जुन को तब पढ़ाया था, जब उनके कदम युद्ध के लिए डगमगाने लगे थे। फिर श्रीकृष्ण की बातों को सुनकर अर्जुन अपने लक्ष्य को पूरा करने की ओर अग्रसर हुए। तभी से ऐसा माना गया है कि जीवन की विपरीत परिस्थितियों में मनुष्य को हमेशा गीता के उपदेशों का स्मरण करना चाहिए। इसके प्रभाव से न केवल आत्मशांति बल्कि नया नजरिया भी मिलता है। हालांकि श्रीमद्भगवद्गीता के मुताबिक इंसान की कुछ आदतें उसकी समस्याओं का मुख्य कारण भी बनती हैं।
इन आदतों के चलते वह अक्सर असंतुष्ट रहता है और गलत मार्ग की ओर चला जाता है। भगवद् गीता के अध्याय 16 के श्लोक 21 में तीन ऐसी चीजों का जिक्र हैं, जो मनुष्य के लिए नरक के द्वार खोलती हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।
माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने गीता का पाठ अर्जुन को तब पढ़ाया था, जब उनके कदम युद्ध के लिए डगमगाने लगे थे। फिर श्रीकृष्ण की बातों को सुनकर अर्जुन अपने लक्ष्य को पूरा करने की ओर अग्रसर हुए। तभी से ऐसा माना गया है कि जीवन की विपरीत परिस्थितियों में मनुष्य को हमेशा गीता के उपदेशों का स्मरण करना चाहिए। इसके प्रभाव से न केवल आत्मशांति बल्कि नया नजरिया भी मिलता है। हालांकि श्रीमद्भगवद्गीता के मुताबिक इंसान की कुछ आदतें उसकी समस्याओं का मुख्य कारण भी बनती हैं।
इन आदतों के चलते वह अक्सर असंतुष्ट रहता है और गलत मार्ग की ओर चला जाता है। भगवद् गीता के अध्याय 16 के श्लोक 21 में तीन ऐसी चीजों का जिक्र हैं, जो मनुष्य के लिए नरक के द्वार खोलती हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।