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International Yoga Day: श्रीकृष्ण की शिक्षा और आधुनिक जीवन की संजीवनी है योग विद्या
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sat, 21 Jun 2025 11:54 AM IST
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सार
भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के सत्य का ज्ञान देते हुए योग के महत्व को विस्तार से समझाया। श्रीकृष्ण ने योग को मन, इंद्रियों और आत्मा को संयमित करने वाला साधन बताया है।

श्रीकृष्ण द्वारा गीता में योग का महत्व
- फोटो : Adobe Stock

विस्तार
International Yoga Day: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य योग के महत्व को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करना है। योग केवल शरीर को लचीला और सक्रिय बनाने का साधन नहीं, बल्कि यह एक सम्पूर्ण जीवनशैली है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलन में रखती है। भारतीय संस्कृति में योग की जड़ें हजारों वर्षों पुरानी हैं। प्राचीन ऋषि-मुनियों ने इसे आत्म-शुद्धि और स्वास्थ्य का आधार माना है।
श्रीकृष्ण द्वारा गीता में योग का महत्व
भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के सत्य का ज्ञान देते हुए योग के महत्व को विस्तार से समझाया। श्रीकृष्ण ने योग को मन, इंद्रियों और आत्मा को संयमित करने वाला साधन बताया और कहा कि जो व्यक्ति न फल की इच्छा करता है न मोह से ग्रस्त होता है, वही सच्चा योगी है। गीता में वर्णित ‘भक्ति योग’, ‘ज्ञान योग’ और ‘कर्म योग’ आज भी लोगों को संतुलित जीवन जीने की राह दिखाते हैं।
योग बीमारियों से बचाव का उपाय
नियमित योगाभ्यास से न केवल शरीर लचीला बनता है, बल्कि यह अनेक गंभीर बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, अस्थमा, थायरॉइड और माइग्रेन को नियंत्रित करता है। योग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे सर्दी-खांसी, बुखार जैसी मौसमी बीमारियां भी पास नहीं आतीं।
मानसिक स्वास्थ्य में भी योग की भूमिका
आज के तनावपूर्ण जीवन में योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अमृत समान है। प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से मस्तिष्क को शांति मिलती है। यह चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। मानसिक रूप से संतुलित रहने के लिए योग एक सरल, सुलभ और प्रभावी उपाय है।
योग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे किसी भी उम्र में किया जा सकता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई योगाभ्यास से लाभान्वित हो सकता है। बस आवश्यकता है अनुशासन और नियमितता की। प्रतिदिन 20-30 मिनट का अभ्यास दिनभर स्फूर्ति और ऊर्जा बनाए रखता है।
कोरोना काल में योग की उपयोगिता
कोविड-19 महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया स्वास्थ्य संकट में थी, तब योग ने शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बने रहने में सहारा दिया। कई विशेषज्ञों ने भी योग को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताया।
2015 से हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, जो भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह तिथि इसलिए चुनी गई क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे योगिक दृष्टि से शुभ माना गया है। योग आज भारत की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पूरे विश्व में स्वास्थ्य और शांति का संदेश दे रहा है।
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श्रीकृष्ण द्वारा गीता में योग का महत्व
भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के सत्य का ज्ञान देते हुए योग के महत्व को विस्तार से समझाया। श्रीकृष्ण ने योग को मन, इंद्रियों और आत्मा को संयमित करने वाला साधन बताया और कहा कि जो व्यक्ति न फल की इच्छा करता है न मोह से ग्रस्त होता है, वही सच्चा योगी है। गीता में वर्णित ‘भक्ति योग’, ‘ज्ञान योग’ और ‘कर्म योग’ आज भी लोगों को संतुलित जीवन जीने की राह दिखाते हैं।
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योग बीमारियों से बचाव का उपाय
नियमित योगाभ्यास से न केवल शरीर लचीला बनता है, बल्कि यह अनेक गंभीर बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, अस्थमा, थायरॉइड और माइग्रेन को नियंत्रित करता है। योग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे सर्दी-खांसी, बुखार जैसी मौसमी बीमारियां भी पास नहीं आतीं।
मानसिक स्वास्थ्य में भी योग की भूमिका
आज के तनावपूर्ण जीवन में योग मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अमृत समान है। प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से मस्तिष्क को शांति मिलती है। यह चिंता, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। मानसिक रूप से संतुलित रहने के लिए योग एक सरल, सुलभ और प्रभावी उपाय है।
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उम्र नहीं, नियमितता जरूरीयोग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे किसी भी उम्र में किया जा सकता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई योगाभ्यास से लाभान्वित हो सकता है। बस आवश्यकता है अनुशासन और नियमितता की। प्रतिदिन 20-30 मिनट का अभ्यास दिनभर स्फूर्ति और ऊर्जा बनाए रखता है।
कोरोना काल में योग की उपयोगिता
कोविड-19 महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया स्वास्थ्य संकट में थी, तब योग ने शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बने रहने में सहारा दिया। कई विशेषज्ञों ने भी योग को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताया।
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योग: भारत की विश्व को अनुपम देन2015 से हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, जो भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह तिथि इसलिए चुनी गई क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे योगिक दृष्टि से शुभ माना गया है। योग आज भारत की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पूरे विश्व में स्वास्थ्य और शांति का संदेश दे रहा है।
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