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E-Tokens: टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल कर रहा चीन, अमेरिका-रूस को भी नहीं सूझा होगा पैसे कमाने का ये आइडिया
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 18 Dec 2025 03:22 PM IST
सार
Digital Tokens For Assets In China: चीन में अब दुर्लभ पेड़ों और कीमती चाय को डिजिटल संपत्ति में बदला जा रहा है। ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए चीन में एक नए तरह के निवेश की शुरुआत हो चुकी है। आइए जानते हैं कैसे इन नई तकनीक की मदद से चीन में कंपनियां फंड जुटा रही हैं।
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Technology
- फोटो : freepik
टेक्नोलॉजी की मदद से आजकल असंभव को भी संभव किया जा सकता है, लेकिन इस मामले में चीन कई विकसित देशों से आगे निकल चुका है। चीन ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग कर निवेश को बिल्कुल ही नया आयाम दे दिया है। चीन में कंपनियां कई कीमती और दुर्लभ चीजों को डिजिटल संपत्ति में बदल रहीं हैं, ताकि भविष्य में उससे मुनाफा कमाया जा सके। आइए जानते हैं चीन में टेक्नोलॉजी की मदद से कैसे यह नए तरह का निवेश फल-फूल रहा है।
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डिजिटल टोकन
- फोटो : AI
कीमती चीजों को डिजिटल टोकन में बदल रहा चीन
चीन के हैनान द्वीप पर पाए जाने वाले दुर्लभ हुआंगहुआली (Huanghuali) पेड़ों की अब तस्वीरें ली जा रही हैं ताकि उन्हें डिजिटल संपत्ति में बदला जा सके। यह शीशम की एक ऐसी प्रजाति है जिसे कभी चीनी सम्राट पसंद किया करते थे। समस्या यह है कि इस पेड़ को तैयार होने में दशकों लग जाते हैं, जिससे किसानों को लंबे समय तक पैसे का इंतजार करना पड़ता है। अब गीली (Geely) टेक्नोलॉजी ग्रुप जैसी कंपनियां इन पेड़ों को रियल वर्ल्ड एसेट यानी डिजिटल टोकन में बदलकर निवेशकों से पैसा जुटा रही हैं। आसान शब्दों में कहें तो, आप एक पूरे पेड़ के बजाय उसके एक छोटे से हिस्से का डिजिटल शेयर खरीद सकते हैं।
चीन के हैनान द्वीप पर पाए जाने वाले दुर्लभ हुआंगहुआली (Huanghuali) पेड़ों की अब तस्वीरें ली जा रही हैं ताकि उन्हें डिजिटल संपत्ति में बदला जा सके। यह शीशम की एक ऐसी प्रजाति है जिसे कभी चीनी सम्राट पसंद किया करते थे। समस्या यह है कि इस पेड़ को तैयार होने में दशकों लग जाते हैं, जिससे किसानों को लंबे समय तक पैसे का इंतजार करना पड़ता है। अब गीली (Geely) टेक्नोलॉजी ग्रुप जैसी कंपनियां इन पेड़ों को रियल वर्ल्ड एसेट यानी डिजिटल टोकन में बदलकर निवेशकों से पैसा जुटा रही हैं। आसान शब्दों में कहें तो, आप एक पूरे पेड़ के बजाय उसके एक छोटे से हिस्से का डिजिटल शेयर खरीद सकते हैं।
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ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक प्लेटफॉर्म है, जहां किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है।
- फोटो : Adobe Stock
चाय और शराब के लिए भी जारी हो रहे टोकन
यह तकनीक केवल पेड़ों तक सीमित नहीं है। अब चीन की मशहूर 'पु-एर' (Pu'er) चाय और महंगी 'बैजू' (Baijiu) शराब को भी डिजिटल टोकन में बदला जा रहा है। शंघाई की कुछ स्टार्टअप कंपनियां चाय के उन खास पैकेट्स का डिजिटल रिकॉर्ड रख रही हैं जो समय के साथ पुराने होने पर और कीमती हो जाते हैं। ब्लॉकचेन तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे मिलावट और नकली उत्पादों के धंधे पर लगाम लगेगी। निवेशक अब भरोसे के साथ कीमती चाय या शराब में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि उनका पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित और प्रमाणित होगा।
यह तकनीक केवल पेड़ों तक सीमित नहीं है। अब चीन की मशहूर 'पु-एर' (Pu'er) चाय और महंगी 'बैजू' (Baijiu) शराब को भी डिजिटल टोकन में बदला जा रहा है। शंघाई की कुछ स्टार्टअप कंपनियां चाय के उन खास पैकेट्स का डिजिटल रिकॉर्ड रख रही हैं जो समय के साथ पुराने होने पर और कीमती हो जाते हैं। ब्लॉकचेन तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे मिलावट और नकली उत्पादों के धंधे पर लगाम लगेगी। निवेशक अब भरोसे के साथ कीमती चाय या शराब में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि उनका पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित और प्रमाणित होगा।
डिजिटल टोकन
- फोटो : AI
कैसे काम करता है डिजिटल टोकन का सिस्टम?
संपत्तियों को डिजिटल एसेट में बदलने की इस प्रक्रिया को टोकनाइजेशन कहा जाता है। इसमें किसी भी असली दुनिया की चीज जैसे कोई इमारत, पेड़, रेलवे लाइन और यहां तक कि बिजली बनाने वाले बांध को छोटे-छोटे डिजिटल हिस्सों में बांटकर टोकन जारी किया जाता है। समय के साथ जब इन चीजों की वैल्यू बढ़ती है तो टोकन खरीदने वाले को फायदा होता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे आप स्टॉक मार्केट में शेयर खरीदते हैं और उसकी वैल्यू बढ़ने पर आपको मुनाफा होता है। चीन के सिचुआन प्रांत में एक बंद पड़े बांध के लिए डिजिटल टोकन के जरिए करोड़ों रुपये जुटाने की तैयारी चल रही है। पिछले एक साल में दुनिया भर में इस तरह के डिजिटल एसेट्स का बाजार 115% बढ़कर लगभग 35.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
संपत्तियों को डिजिटल एसेट में बदलने की इस प्रक्रिया को टोकनाइजेशन कहा जाता है। इसमें किसी भी असली दुनिया की चीज जैसे कोई इमारत, पेड़, रेलवे लाइन और यहां तक कि बिजली बनाने वाले बांध को छोटे-छोटे डिजिटल हिस्सों में बांटकर टोकन जारी किया जाता है। समय के साथ जब इन चीजों की वैल्यू बढ़ती है तो टोकन खरीदने वाले को फायदा होता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे आप स्टॉक मार्केट में शेयर खरीदते हैं और उसकी वैल्यू बढ़ने पर आपको मुनाफा होता है। चीन के सिचुआन प्रांत में एक बंद पड़े बांध के लिए डिजिटल टोकन के जरिए करोड़ों रुपये जुटाने की तैयारी चल रही है। पिछले एक साल में दुनिया भर में इस तरह के डिजिटल एसेट्स का बाजार 115% बढ़कर लगभग 35.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
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तकनीक के साथ चुनौतियां भी
- फोटो : AI
तकनीक की क्रांति, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं
हांगकांग इस नई तकनीक का सबसे बड़ा गढ़ बनकर उभर रहा है क्योंकि वहां के नियम मुख्य चीन के मुकाबले ज्यादा लचीले हैं। हालांकि, बीजिंग की सरकार डिजिटल संपत्तियों और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काफी सख्त रही है। चीनी नियामक संस्थाओं ने इस तरह के निवेश को लेकर चेतावनी भी जारी की है कि धोखाधड़ी करने वाले लोग इसका गलत फायदा उठा सकते हैं। इसके बावजूद, युवा निवेशक इस ओर आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि ये टोकन किसी हवा-हवाई चीज पर नहीं बल्कि असली मूल्य वाली संपत्तियों पर आधारित हैं।
हांगकांग इस नई तकनीक का सबसे बड़ा गढ़ बनकर उभर रहा है क्योंकि वहां के नियम मुख्य चीन के मुकाबले ज्यादा लचीले हैं। हालांकि, बीजिंग की सरकार डिजिटल संपत्तियों और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काफी सख्त रही है। चीनी नियामक संस्थाओं ने इस तरह के निवेश को लेकर चेतावनी भी जारी की है कि धोखाधड़ी करने वाले लोग इसका गलत फायदा उठा सकते हैं। इसके बावजूद, युवा निवेशक इस ओर आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि ये टोकन किसी हवा-हवाई चीज पर नहीं बल्कि असली मूल्य वाली संपत्तियों पर आधारित हैं।