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क्या है सिम कार्ड स्वैपिंग, ठग कैसे खाली करते हैं लोगों के अकाउंट्स, आपको कैसे रहना है सावधान
टेक डेस्क, अमर उजाला
Published by: प्रदीप पांडे
Updated Wed, 02 Jan 2019 01:54 PM IST
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SIM CARD SWAP
- फोटो : amar ujala
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सिम कार्ड स्वैपिंग के बारे में दो आपने सुना ही होगा। हो सकता है कि आपने सिम कार्ड स्वैपिंग के बारे में नहीं सुना होगा, सिम कार्ड फ्रॉड के बारे में तो सुना ही होगा। आए दिन सिम कार्ड स्वैपिंग के बारे में सुनने को मिलती है। अभी हाल ही में मुंबई के एक व्यापारी को सिम कार्ड स्वैपिंग करके 1.86 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। अब सवाल यह कि जब मोबाइल मेरे पास है तो सिम कार्ड स्वैपिंग कैसे हो सकती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
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सिम कार्ड
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि सिम कार्ड स्वैपिंग का मतलब क्या है। सिम कार्ड स्नैपिंग का मतलब यह है कि किसी मोबाइल नंबर को बंद करके उसी नंबर से दूसरा सिम कार्ड निकालना। जब आप अपने पुराने नंबर पर नया सिम कार्ड लेते हैं तो यही प्रक्रिया सिम कार्ड स्वैपिंग के दौरान भी होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो मौजूदा सिम कार्ड को नए सिम से बदलना ही सिम कार्ड स्वैपिंग है।
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sim card
सिम कार्ड स्वैपिंग के दौरान धोखाधड़ी करने वाले आपको फोन करते हैं और खुद को आपके सिम वाली कंपनी का अधिकारी बताते हैं। वे आपसे कहते हैं कि आपके फोन में नेटवर्क कमजोर रहता है, इस समस्या को दूर करने के लिए अपने 20 अंकों का सिम नंबर बताएं।
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sim card
अब इस धोखाधड़ी से अनजान लोग झांसे में आ जाते हैं और सिम कार्ड का नंबर बता देते हैं। 20 अंकों का सिम नंबर बताने के बाद ठग आपसे कहते हैं कि पुष्टि के लिए 1 दबाइये। यहीं से खेल शुरू होता है क्योंकि 1 दबाने के बाद आपके नए सिम के आवेदन की पुष्टि हो जाती है।
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Jio
आपकी कंपनी को जानकारी मिलती है कि आपने ही नए सिम के लिए आवेदन किया है। इसके बाद आपका नंबर बंद हो जाता है और ठग के पास जो नया सिम है वह चालू हो जाता है। इसके बाद आपके जिस-जिस बैंक खाते से वह मोबाइल नंबर जुड़ा होता है, उन खाते से ठग पैसे निकाल लेता है।
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