शाहजहांपुर के बरेली- फर्रुखाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार देररात तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सामने से आ रहे कंटेनर में जा घुसी। हादसे में चचेरे-तहेरे भाइयों समेत छह दोस्तों की मौत हो गई। इनमें से चार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दो की मौत बरेली में इलाज के दौरान हुई। सभी शादी समारोह से लौट रहे थे। हादसे के बाद चालक कंटेनर को छोड़कर भाग गया।
अल्हागंज थानाक्षेत्र के गोरा गांव निवासी सुमित कुमार की बरात शुक्रवार शाम क्षेत्र के ही कटियुली गांव गई थी। इसमें दहेना गांव निवासी राहुल (22) अपनी कार लेकर गए थे। उनके साथ गोरा गांव निवासी दोस्त आर्यन उर्फ गोपाल (20), मोहित (21), आकाश सिंह (25), विनय शर्मा (26) और ठिंगरी गांव निवासी रजत (22) भी थे।
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हादसे में क्षतिग्रस्त कार
- फोटो : अमर उजाला
चार की मौके पर हुई मौत
इनमें आकाश व मोहित चचेरे-तहेरे भाई थे। खाना खाने के बाद रात करीब 11 बजे सभी गांव लौट रहे थे। इसी दौरान कटियुली और एमपी-गुजरात ढाबे के पास उनकी तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर अल्हागंज से जलालाबाद की तरफ जा रहे कंटेनर से सामने से टकरा गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर इतनी भीषण थी कि राहुल, विनय, आकाश और आर्यन की मौके पर ही मौत हो गई।
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कंटेनगर और कार की टक्कर
- फोटो : अमर उजाला
पुलिस ने गंभीर रूप से घायल रजत और मोहित को कार से निकालकर राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा, जहां से दोनों को बरेली रेफर कर दिया गया। शनिवार सुबह उपचार के दौरान मोहित और देर शाम रजत ने भी दम तोड़ दिया। सीओ जलालाबाद अमित चौरसिया ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण कार का तेज रफ्तार होना सामने आया है।
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मृतक आकाश का फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
दो साल में छिन गईं आरती की खुशियां
हादसे में जान गंवाने वाले गोरा गांव निवासी भंवरपाल के इकलौते पुत्र आकाश की दो साल पहले ही आरती से शादी हुई थी। आठ महीने पहले उनके घर में बेटे का जन्म हुआ था। उनकी हंसती-खेलती जिंदगी पर शुक्रवार को ग्रहण लग गया। आकाश की मौत की खबर घर पहुंची तो परिवार के लोग बिलख पड़े। अविवाहित बहन सहजल, मां मधु भी दहाड़े मारकर रो पड़ी। मधु बार-बार बेटे को याद करते हुए बेहोश हो गई। रोते हुए बोली कि भगवान, हमने क्या बिगाड़ा था, जो यह सजा हमें दी।
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मृतक मोहित का फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
सबसे छोटा होने के चलते लाडला था मोहित
12वीं तक पढ़ाई करने वाला मोहित दो भाइयों व दो बहनों में सबसे छोटा था। इस वजह से वह सबका लाडला था। हादसे में घायल होने के बाद परिजन रात में सीएचसी जलालाबाद पहुंचे। वहां से रेफर कराकर राजकीय मेडिकल कॉलेज लाए। सुधार नहीं होने पर परिजन ने बरेली तक उपचार कराया, लेकिन बेटे को बचा नहीं सके। वह अपने पीछे मां विमला देवी, भाई विजय सिंह, बहन नीतू व रूचि को छोड़ गया है। बहनों की शादी हो चुकी है।