शाहजहांपुर में कोविद तिवारी की मौत के बाद परिजनों ने व्यवस्था को खूब कोसा। जाम लगाते हुए आरोप लगाया कि डूबते हुए कोविद को बचाने की कोशिश करने के बजाय सिपाही भाग गए।
लखीमपुर खीरी के पलिया में ट्रांसपोर्टर कोविद तिवारी की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। भाई शोभित ने बताया कि डूबने के बाद जब पुलिस पहुंची तो काफी देर तक गोताखोर नहीं आए। कोविद के मिलने के बाद एंबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंची। कार से अस्पताल तक ले जाना पड़ा। परिजनों ने जाम के दौरान पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी पंकज पंत से कार्रवाई की मांग की।
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परिजन की पुलिस से होती नोकझोंक
- फोटो : जागरूक पाठक
जाम खुलवाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया
मृतक के पिता सुरेश चंद्र तिवारी ने कहा कि वहां जुआ नहीं होना चाहिए। जैसे मेरी दुनिया उजड़ी, वैसे किसी और की दुनिया न उजड़ने पाए। सीओ सिटी ने बताया कि एक युवक की नदी में डूबने से मौत हुई है। जाम खुलवाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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कोविद की फाइल फोटो
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
कोविद की जल्द होने वाली थी शादी
मृतक के पिता सुरेश चंद्र ने बताया कि दो दिन पहले ही कोविद के लिए लड़की देखी थी। शादी जल्द होने वाली थी, इससे पहले बृहस्पतिवार को गोदभराई के लिए जाना था। बेटे की मौत से सारी खुशियां मातम में बदल गईं।
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कोविद के शव देख बेहाल हुई मां सरस्वती को संभालते परिजन
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मां ने दी थी कसम, तब से नदी पर नहीं जाता था
मां सरस्वती ने बताया कि बेटा कोविद पहले नदी के पास जुआ खेल रहे लोगों के पास जाकर खड़ा हो जाता था, लेकिन जब से बेटे को अपनी कसम दी, तीन साल से उसने ऐसा नहीं किया। सुबह फोन आने पर बेटा बात करते हुए घर से निकला था। थोड़ी देर बाद बेटे की मौत की खबर आ गई। कभी किसी से बेटे का कोई विवाद नहीं हुआ। एक युवक बेटे से 20 हजार रुपया उधार जरूर मांग रहा था।
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पूर्व मंत्री कृष्णा राज के आवास के पास शव रखी कार रोक लगाया जाम
- फोटो : जागरूक पाठक
कोविद की मौत ने सपनों को किया चकनाचूर
पोस्टमॉर्टम हाउस पर मृतक के पिता सुरेश चंद्र तिवारी रोते-रोते बेहाल हो गए। उन्होंने बताया कि तीन साल पूर्व बेटे मोहित की दिल्ली में बीमारी के कारण मौत हो गई थी। करीब साढ़े तीन माह पूर्व पौत्र की मौत हो गई और अब कोविद की मौत ने सपनों को चकनाचूर कर दिया है। पांच बेटों में कोविद तीसरे नंबर का था।