यमुना एक्सप्रेस वे पर मंगलवार तड़के घने कोहरे में बलदेव स्थित माइलस्टोन 127 के पास भीषण हादसा हुआ। सात डबल डेकर और एक रोडवेज सहित आठ बसें और तीन कारों की टक्कर के बाद आग लग गई। आठों बसें जलकर राख हो गईं। वहीं चार अन्य डबल डेकर बसें क्षतिग्रस्त हो गईं। हादसे में 13 यात्रियों की मौत हो गई जिनमें से अधिकांश जिंदा जल गए। 100 से ज्यादा घायल हैं। कई यात्री बसों में ही कोयले सरीखे बदल गए। 15 दमकलों ने दो घंटे में आग पर बमुश्किल काबू पाया। मृतकों की शिनाख्त के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। घायलों को मथुरा, वृंदावन और आगरा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख, घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। मृतकों में रेलवे बोर्ड के सदस्य भाजपा नेता प्रयागराज निवासी अखिलेंद्र प्रताप यादव भी शामिल हैं।
यमुना एक्सप्रेस-वे हादसा: एक-दो नहीं 12 बसें टकराईं थीं, आठ जलकर राख; 13 लोग जल गए जिंदा, 100 से अधिक हैं घायल
हादसे के बाद मथुरा, वृंदावन व आगरा के अस्पतालों में 100 से ज्यादा यात्री भर्ती कराए गए हैं। हादसे में शामिल बसें नोएडा और दिल्ली जा रही थीं। दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
घने कोहरे के कारण शून्य थी दृश्यता
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घने कोहरे के कारण दृश्यता शून्य थी। इसी दरम्यान मंगलवार तड़के करीब पौने चार बजे माइलस्टोन 27 के पास एक-एक करके एक रोडवेज बस व सात डबल डेकर बसें आपस में टकरा गईं। इसके बाद पीछे से आ रहीं तीन कारें भी इन गाड़ियों में घुस गईं। हादसा होते ही चीखपुकार मच गई। बसों में फंसे यात्री खिड़कियों के शीशे तोड़कर कूदने लगे। आपाधापी इस कदर थी कि सबको अपनी जान बचाने की पड़ी थी। इसी बीच बसों से आग की लपटें उठने लगीं। जो लोग घायलों को बाहर निकाल रहे थे वे भी आग की लपटें उठने पर भाग गए। इन बसों के चालक, परिचालकों का भी पता नहीं चल सका है। उधर, कारों में सवार लोग भी बाहर निकलकर भागे। कुछ ही देर में लपटों ने आठ बसों और कारों को चपेट में ले लिया।
शवों की शिनाख्त जारी
गाड़ियां धू-धू कर जलने लगीं। घटनास्थल पर मचे कोहराम के बीच आसपास के ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास किया मगर सफलता नहीं मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हादसे की भयावहता को देखकर एंबुलेंस और दमकलों को बुलाया। करीब एक घंटे के बाद मथुरा, हाथरस और आगरा से दमकलें घटनास्थल पर पहुंची। एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ियों से करीब 100 घायलों को मथुरा, वृंदावन और आगरा के अस्पतालों में भेजा गया। निजी बसें गोंडा, जालौन, कानपुर, जौनपुर, हमीरपुर, बहराइच, प्रयागराज से दिल्ली जा रही थी। रोडवेज बस आंबेडकर नगर डिपो की थी जो आंबेडकर नगर से दिल्ली जा रही थी। घटना के बाद एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ, मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह, डीआईजी शैलेश पांडेय, डीएम चंद्रप्रकाश सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार ने घटनास्थल और अस्पतालों का निरीक्षण किया और इंतजाम करवाए। देर रात तक शवों की शिनाख्त कराने का प्रयास किया जा रहा था।
शाम तक केवल तीन मृतकों की शिनाख्त हो पाई थी। आजमगढ़ निवासी रामपाल (75), नहाटी प्रयागराज निवासी भाजपा नेता अखिलेंद्र प्रताप यादव (44), मसकनवा गोंडा निवासी सुल्तान अहमद (79)।
घटनास्थल पर हादसे के बाद चीखपुकार मची रही। कोई अपनों को तलाश रहा था तो कोई जले हुए शव को पहचानने की कोशिश कर रहा था। हृदय विदारक हादसे के बाद आसपास के ग्रामीणों ने भी घायलों की मदद की।
