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UP: 54 साल बाद खुला बांकेबिहारी मंदिर का खजाना...सांपों का जोड़ा, आभूषणों के बाॅक्स; दृश्य देखकर सभी रह गए दंग
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Sat, 18 Oct 2025 09:41 PM IST
सार
वृंदावन के प्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर का रहस्यमयी खजाना शनिवार को खोला गया। खजाना खुलने के बाद जो अंदर की तस्वीर सामने आई, उसे देखकर सभी हैरान रह गए। खजाना को फिर से सील कर दिया गया है।
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बांकेबिहारी मंदिर का खजाना।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वृंदावन के ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर का रहस्यमयी खजाना तो खुल गया है लेकिन अब एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है आखिर खजाने का माल कहां गया। उम्मीद तो यह लगाई जा रही थी कि खजाने में कीमती हीरे, जवाहरात हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला। कमेटी के सदस्य सेवायत ने भी सवाल खड़ा किया और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की प्रशासनिक अधिकारियों से बात कही है।
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बांकेबिहारी मंदिर।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इस तोषखाने में कोई भी कीमती वस्तु नहीं निकली। वहां एक संदूक निकला। जिसमें कुंदे टूटे हुए हैं। जब बक्सा खोला गया तो उसमें देखा कि उसमें आभूषणों के खाली डिब्बे रखे थे। इसे देखकर काफी चर्चाएं होने लगीं। वहीं कुछ बर्तन और लकड़ी का सामान अभी तक मिला है। जिसकी लिखापढ़ी के बाद दोबारा सामान को तोषखाने में रख दिया है और उसे सील कर दिया है। आगामी दिनों में फिर से यह तोषखाना खुल सकता है। अभी दो और संदूक बाकी हैं, जिन्हें खोला नहीं गया है। यह आस कम ही है कि उनके भीतर कुछ निकलेगा।
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बांकेबिहारी मंदिर का खजाना।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
श्री बांकेबिहारी मंदिर हाईपावर्ड कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी का कहना है कि खजाना तो खुल गया लेकिन सवाल जरूर खड़ा कर गया, आखिर सारी चीजें कहां चली गईं। उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है। वह अगली मीटिंग में भी इस बात को प्रमुखता के साथ उठाएंगे। अध्यक्ष से मांग करेंगे कि वह इस मामले जांच कराएं। ऐसा कैसे हो सकता है कि खाली डिब्बे निकलें और माल नहीं। साथ ही बक्से के कुंदे भी कटे निकले। यह मामला अब बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।

बांकेबिहारी मंदिर।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
दो बार हो चुकी हैं चोरी
सेवायत सदस्य दिनेश गोस्वामी यह भी बताते हैं कि इस तोषखाने में दो बार चोरी की वारदात भी हो चुकी हैं। पहली चोरी सन 1926 और दूसरी चोरी 1936 में। सन 1971 में यह खजाना कोर्ट के आदेश पर सील किया गया था। क्या उससे पहले ही माल निकाला गया, इन सभी बातों के रहस्य से पर्दा उठना चाहिए।
सेवायत सदस्य दिनेश गोस्वामी यह भी बताते हैं कि इस तोषखाने में दो बार चोरी की वारदात भी हो चुकी हैं। पहली चोरी सन 1926 और दूसरी चोरी 1936 में। सन 1971 में यह खजाना कोर्ट के आदेश पर सील किया गया था। क्या उससे पहले ही माल निकाला गया, इन सभी बातों के रहस्य से पर्दा उठना चाहिए।
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सेवायतों ने किया हंगामा।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सेवायतों ने किया हंगामा
मथुरा के वृंदावन में वृंदावन श्री बांकेबिहारी मंदिर का खजाना (तोषखाना) 54 वर्ष के बाद शनिवार को धनतेरस के अवसर पर खोला गया, लेकिन फिलहाल कोई बेशकीमती चीज इसमें नहीं मिली। खजाने में पीतल के बर्तन, संदूक और आभूषणों के खाली बॉक्स ही मिले हैं। अफसरों की निगरानी में दिल्ली से आए सीए ने पूरे सामान की सूची बनाई। खजाने में बड़े पैमाने पर हीरे, जवाहरात होने की बात कही जा रही थी मगर ऐसा कुछ नहीं निकला। इस दौरान सेवायतों ने हंगामा और नारेबाजी भी की। इसके बाद खजाने को फिर से सील कर दिया गया।
मथुरा के वृंदावन में वृंदावन श्री बांकेबिहारी मंदिर का खजाना (तोषखाना) 54 वर्ष के बाद शनिवार को धनतेरस के अवसर पर खोला गया, लेकिन फिलहाल कोई बेशकीमती चीज इसमें नहीं मिली। खजाने में पीतल के बर्तन, संदूक और आभूषणों के खाली बॉक्स ही मिले हैं। अफसरों की निगरानी में दिल्ली से आए सीए ने पूरे सामान की सूची बनाई। खजाने में बड़े पैमाने पर हीरे, जवाहरात होने की बात कही जा रही थी मगर ऐसा कुछ नहीं निकला। इस दौरान सेवायतों ने हंगामा और नारेबाजी भी की। इसके बाद खजाने को फिर से सील कर दिया गया।