बाढ़ बनी मुसीबत: जलालाबाद-शमशाबाद मार्ग पर तीन फुट पानी... स्टेट हाईवे बंद, बचाव कार्यों के लिए मोटरबोट लगी
शाहजहांपुर के मिर्जापुर और कलान क्षेत्र में बाढ़ आने से कई गांव पानी से घिर गए हैं। जलालाबाद-शमशाबाद स्टेट हाईवे पर बाढ़ का पानी बह रहा है। इसके चलते स्टेट हाईवे पर यातायात बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए मोटरबोट लगाई है।

विस्तार
शाहजहांपुर जिले में बाढ़ का पानी सड़क पर आने के कारण जलालाबाद-शमशाबाद स्टेट हाईवे को सोमवार सुबह यातायात के लिए बंद कर दिया गया। फर्रुखाबाद के चौरा गांव से लेकर कलान तहसील के बसोला गांव तक करीब तीन किमी के दायरे में सड़क पर तीन फुट से ज्यादा पानी भर गया है। स्टेट हाईवे के साथ ही मिर्जापुर-ढाईघाट वाया जरियनपुर मार्ग सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया है। इसी हाईवे पर रविवार की शाम बच्चों समेत दंपती की बाइक पानी में बहने से महिला और बेटी की मौत हो गई थी।

गंगा नदी के किनारे बसे आजादनगर, इस्लामनगर, मस्जिद नगला, पैलानी उत्तर, बांसखेड़ा, कटैला नगला, लुहार नगला, मोती नगला,अभिचारपुर, कमतरी, चितार आदि गांव बाढ़ के पानी से चारों ओर घिरने के बाद टापू में बदल गए हैं।
गंगा की सहायक रामगंगा और बहगुल नदियां भी रौद्र रूप दिखाने लगी हैं। यहां से लेकर अल्हागंज तक कई तटवर्ती गांव बाढ़ से घिर गए हैं। कोला रोड से कसारी गांव को जाने वाला रास्ता रविवार देर रात पानी के तेज बहाव से करीब पांच फुट कट गया। वहां आवागमन के लिए प्रशासन ने मोटर बोट उपलब्ध कराई है।

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मिर्जापुर से फर्रुखाबाद जाने के लिए सभी रास्ते बंद
गंगा में उफान बढ़ने से फर्रुखाबाद जनपद से मिर्जापुर क्षेत्र के गांवों की रिश्तेदारियों में पहुंचे लोग वहीं फंस गए हैं। जलालाबाद-शमशाबाद स्टेट हाईवे बंद हो जाने से मिर्जापुर से शमशाबाद तक 20 किमी दूरी के बीच हाईवे पर तीन किमी दायरे में तीन फुट से ज्यादा पानी बह रहा है। ऐसे में शमशाबाद लौटने वालों के लिए राजेपुर होकर फर्रुखाबाद जाने का वैकल्पिक मार्ग बचा था, लेकिन यह मार्ग भी बाढ़ से अवरुद्ध हो गया है।
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एडीएम अन्य अधिकारियों के साथ पानी में घुसकर बाढ़ प्रभावित गांवों तक पहुंचे। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से राहत और बचाव के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने निरीक्षण में पाया कि कई मार्गों पर आसपास के नदी-नालों और बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ गया है। इस कारण स्टेट हाईवे सहित कई मार्गों पर पानी का बहाव भी तेज हो गया है। इस स्थिति में राहगीरों, ग्रामीणों और वाहनों के फिसलने-बहने से रोकने के लिए उन्होंने प्रमुख मार्गों पर यातायात बंद करा दिया।
मार्गों के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग कर बाढ़ से दूर रहने के चेतावनी बोर्ड भी लगवा दिए हैं। इस दौरान एसडीएम अभिषेक प्रताप सिंह, प्रभारी तहसीलदार स्रजित कुमार, प्रभारी निरीक्षक प्रभाष चंद्र, मिर्जापुर की थानाध्यक्ष सोनी शुक्ला और राज्य आपदा नियंत्रण बल की टीम मौजूद रही। एसडीआरएफ की टीम को एडीएम ने प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी रखने और आपातकालीन बचाव उपकरणों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए।
डबरी घाट के निकटवर्ती गांवों तक बाढ़ ने दी दस्तक
अल्हागंज क्षेत्र में डबरी घाट पर रामगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ ने आसपास के कई गांवों में दस्तक दे दी है। तटीय गांव वजीरपुर, भरथौली, चौरासी, सुगसुगी और मनिहार के आसपास पानी भर रहा है। भरथौली के खेतों तक पानी पहुंचने के बाद वह अब गांव की ओर बढ़ रहा है। पानी बढ़ने से गोरा महुआ से लेकर रमापुर बझेड़ा तक करीब दो दर्जन गांवों के आसपास भूमि कटान थोड़ा धीमा हुआ है, लेकिन पूरी तरह बंद नहीं हुआ। जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए ग्रामीण सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। भरतौली गांव के आशुतोष सिंह ने बताया कि पानी गांव के तटबंध के बराबर पहुंच गया है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार ने बताया कि नदियों के जलस्तर और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे बाढ़ के पानी वाले क्षेत्रों से दूर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें। लोगों को अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन से जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। किसी भी आपात स्थिति में 112 नंबर डायल करके मदद ली जा सकती है।