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जानिए 'भोपाल' के उस वैज्ञानिक के बारे में जिसने पाकिस्तान के लिए बनाया एटम बम

बीबीसी हिन्दी Published by: Priyesh Mishra Updated Wed, 01 May 2019 02:52 PM IST
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Abdul Qadeer Khan  scientist of Bhopal who created an Atom bomb for Pakistan
पाकिस्तान का परमाणु हथियार 'नस्र' - फोटो : सोशल मीडिया
किसी वैज्ञानिक को स्पेशल सुरक्षाबलों की कड़ी सुरक्षा के बीच खास गाड़ियों के काफिले में देखना आम बात नहीं है। वो भी तब जब ये सुरक्षा व्यवस्था देश के राष्ट्रपति के लिए तैनात की गई सुरक्षा व्यवस्था से अधिक हो। लेकिन यहां बात हो रही है... डॉ. अब्दुल कादिर खान की जिन्हें ए.के. खान के नाम से भी जाना जाता है और ये कोई आम वैज्ञानिक नहीं हैं।
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Abdul Qadeer Khan  scientist of Bhopal who created an Atom bomb for Pakistan
एक्यू खान - फोटो : सोशल मीडिया
डॉ. अब्दुल कादिर खान को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का जनक माना जाता है। इस साल 1 अप्रैल को डॉ. खान 83 साल के हो गए हैं। पेशे से इंजीनियर डॉ. खान एक दशक से अधिक वक्त तक परमाणु बम बनाने की तकनीक, मिसाइल बनाने के लिए यूरेनियम की एनरिचमेन्ट, मिसाइल में लगने वाले उपकरण और पुर्जों के व्यापार में काम कर चुके हैं।
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Abdul Qadeer Khan  scientist of Bhopal who created an Atom bomb for Pakistan
एक्यू खान - फोटो : सोशल मीडिया
यूरोप में सालों तक परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में पढ़ाई और काम कर चुके डॉ. खान को मिसाइल बनाने का तरीका भी आता था। डॉ. खान ने परमाणु तकनीक की जानकारी और अपनी सेवाएं पाकिस्तान, लीबिया, उत्तर कोरिया और ईरान को दीं। इन देशों के परमाणु कार्यक्रम में वो एक अहम नाम बनकर उभरे।
Abdul Qadeer Khan  scientist of Bhopal who created an Atom bomb for Pakistan
एक्यू खान - फोटो : सोशल मीडिया
लेकिन, ये पाकिस्तान ही था जहां उन्हें काफी शोहरत हासिल हुई। कहा जाता था कि 1980 और 1990 के दशक में इस्लामाबाद के सबसे ताकतवर व्यक्ति डॉ. खान ही थे। स्कूलों की दीवारों पर उनकी तस्वीरें दिखती थीं, उनकी तस्वीरें सड़कों-गलियों में पोस्टरों पर दिखती थीं। उन्हें 1996 और 1999 में दो बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी नवाजा गया।
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Abdul Qadeer Khan  scientist of Bhopal who created an Atom bomb for Pakistan
एक्यू खान - फोटो : सोशल मीडिया
वैश्विक राजनीति पर उनका प्रभाव कुछ ऐसा रहा था कि इस साल फरवरी में दो बार उनकी विरासत के बारे में फिर से चर्चा हुई। पहला तब जब कश्मीर मुद्दे को लेकर एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। 
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