ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय भारत की सामाजिक एवं सांस्कृतिक की सबसे बड़ी प्रशंसक थीं। वह हिंदुस्तान की मेहमाननवाजी की भी मुरीद थीं। महारानी ने अपने 70 साल लंबे शासनकाल में तीन बार (1961, 1983 और 1997) भारत की यात्रा की थी।
Queen Elizabeth II : भारत की मेहमाननवाजी की मुरीद थीं महारानी, मुंबई के डब्बा वालों के साथ किया था नाश्ता
एलिजाबेथ और फिलिप तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के निमंत्रण पर भारत की गणतंत्र दिवस परेड में सम्मानित अतिथि थे। महारानी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित भी किया था। 27 जनवरी 1961 को तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की उपस्थिति में आयोजित एक भव्य समारोह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के भवनों का भी उद्घाटन किया था।
महारानी ने 1983 में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) में हिस्सा लेने के लिए भारत की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने मदर टेरेसा को ‘ऑर्डर ऑफ द मेरिट’ की मानद उपाधि से नवाजा था। भारत की उनकी अंतिम यात्रा देश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हुई थी।
इस दौरान उन्होंने पहली बार औपनिवेशिक इतिहास के ‘कठोर दौर’ का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था,यह कोई रहस्य नहीं है कि हमारे अतीत में कुछ कठोर घटनाएं हुई हैं। जलियांवाला बाग एक दुखद उदाहरण है।
...जब डब्बा वालों के साथ किया सुबह का नाश्ता
मुंबई के डब्बा वालों से ब्रिटेन के शाही परिवार का प्यार दुनियाभर में चर्चित है। अप्रैल 2005 में प्रिंस चार्लस तथा कैमिला पार्कर के शाही विवाह समारोह में उन्हें बतौर विशेष अतिथि आमंत्रित किया गया था। ‘नूतन मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लायर्स एसोसिएशन’ के एक पदाधिकारी रघुनाथ मेडगे ने कहा कि उन्होंने तथा मुंबई के एक और डब्बा वाले सोपान मारे ने महारानी से बात की थी तथा दो बार उनके साथ सुबह का नाश्ता किया था।
मेडगे ने कहा कि वे शाही विवाह समारोह में शामिल होने के लिए लंदन की आठ दिवसीय यात्रा पर गए थे। उन्होंने कहा, हमने महारानी एलिजाबेथ तथा शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दो बार सुबह का नाश्ता किया था। वह काफी विनम्र थीं। मेडगे ने कहा, बातचीत के दौरान महारानी ने हमसे पूछा था कि कितने लोग डब्बा वाले के तौर पर काम करते हैं और हमारी कितनी पीढ़ियां टिफिन सेवा के व्यवसाय में लगी है।
कमल हसन की फिल्म की शूटिंग देखने आईं थीं एलिजाबेथ
अभिनेता कमल हासन ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर शोक व्यक्ति किया और 1997 में यहां उनकी यात्रा के दौरान अपनी अधूरी फिल्म मरुधनायगम के सेट पर महारानी की उपस्थिति को याद किया। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि दिवंगत महारानी को न केवल अंग्रेजों ने बल्कि दुनिया भर के लोगों ने प्यार किया है। उन्होंने कहा, 25 साल पहले उन्होंने हमारा निमंत्रण स्वीकार किया और मरुधनायगम के उद्घाटन में शामिल हो कर हमें अभिभूत कर दिया। संभवत: वह एकमात्र फिल्म थी, जिसकी शूटिंग का वह हिस्सा बनीं।
भारत में उनका सम्मान बहुत था : नटवर सिंह
1983 में जब ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय भारत आईं थीं तब मेरी उनसे थोड़ी-बहुत बातचीत हुई थी। उनकी बोलचाल की शैली में बेहद प्रोफेशनलिज्म और बड़प्पन था। जितना सम्मान उनका था वो अब शायद किसी शाही परिवार को हो पाएगा। - नटवर सिंह,पूर्व विदेश मंत्री
उनका शासन लोगों के लिए प्रेरणा : दलाई लामा
जब मैं तिब्बत में छोटा था, तब मुझे पत्रिकाओं में उनके राज्याभिषेक की तस्वीरें देखना याद है। ब्रिटेन के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले सम्राट के रूप में उनका शासन, आज जीवित कई लोगों के लिए उत्सव, प्रेरणा की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। - दलाई लामा, तिब्बती धर्मगुरु
करणा के लिए याद किया जाएगा : जयशंकर
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर उनके परिवार और यूनाइटेड किंगडम के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने अपने राष्ट्र को समकालीन समय में निर्देशित किया और उन्हें उनकी गर्मजोशी और करुणा के लिए याद किया जाएगा। - एस.जयशंकर, विदेश मंत्री