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राजस्थान में सिख युवती को पेपर देने से रोका: सुखबीर बादल बोले- कड़ा और कृपाण केवल लोहे की वस्तुएं नहीं...

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: अंकेश ठाकुर Updated Sun, 27 Jul 2025 04:11 PM IST
सार

पंजाब के तरनतारन जिले की युवती को राजस्थान के जयपुर स्थित पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में आयोजित  राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा (आरजेएस) में शामिल नहीं होने दिया। क्योंकि सिख युवती ने धार्मिक प्रतीकों (ककार) की और कड़ा पहना हुआ था। 

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Sikh girl prevented from appearing in Rajasthan Judicial Service Examination in Jaipur Sukhbir Badal condemns
सुखबीर बादल - फोटो : twitter @officeofssbadal
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विस्तार
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पंजाब की सिख युवती को राजस्थान में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा (आरजेएस) में शामिल नहीं होने दिया गया। सिख युवती को उसके धार्मिक प्रतीकों (ककार) की वजह से परीक्षा केंद्र में जाने से रोक दिया गया। तरनतारन जिले की युवती गुरप्रीत कौर के साथ हुई इस घटना की पंजाब कड़ी निंदा हो रही है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (एसजीपीसी) ने इस घटना को लेकर एतराज जताया है। वहीं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रधान व पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए विरोध जताया है। 

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सुखबीर बादल ने कहा कि राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां पंजाब की एक सिख छात्रा गुरप्रीत कौर को पूर्निमा यूनिवर्सिटी जयपुर में परीक्षा केंद्र पर प्रवेश से इसलिए रोक कर दिया गया क्योंकि उसने अपने धार्मिक विश्वास के प्रतीक कड़ा और कृपाण धारण कर रखे थे। यह कड़ा और कृपाण केवल लोहे की वस्तुएं नहीं, बल्कि सिख धर्म की आस्था और पहचान के पवित्र चिन्ह हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का पालन करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता प्राप्त है, जिसमें सिखों को कृपाण धारण करने का विशेष अधिकार शामिल है। 
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बादल ने कहा कि इस भेदभावपूर्ण व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों। इसके अलावा राजस्थान उच्च न्यायालय से अपील की कि गुरप्रीत कौर को आरजेएस परीक्षा में शामिल होने के लिए विशेष अवसर दिया जाए, जिससे उसके धार्मिक अधिकारों और संविधान द्वारा प्रदत्त स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित हो सके।

चीफ खालसा दीवान के प्रधान और विधायक डॉ. इंद्रवीर सिंह निज्जर ने राजस्थान में हुई इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि तरनतारन की बेटी को ककार पहनने के कारण परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया। हम एक स्वतंत्र देश के निवासी हैं। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि सिख विद्यार्थियों को ककार पहन कर परीक्षा देने की इजाजत दी जाए। जिस बच्ची को परीक्षा देने से रोका गया है, उसे यह एग्जाम दोबारा देने की अनुमति दी जाए।

वहीं इस घटना पर आम आदमी पार्टी (आप) नेता डॉ. सनी अहलूवालिया ने भी निंदा की है। अहलूवालिया ने कहा कि राजस्थान सरकार को उन अफसरों पर सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए जिन्होंने पंजाब की सिख छात्रा को होना परीक्षा देने से रोका है। इसके अलावा बच्ची का एग्जाम दोबारा करवाया जाए।

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