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Jalandhar News: साइकिल उद्योग की रफ्तार बढ़ाने के लिए उद्यमियों का रोडमैप तैयार
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-साइकिल उद्योग की क्षेत्रीय समिति ने सरकार को भेजे सुझाव
-- -
संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना। साइकिल उद्योग को मजबूत करने और उद्यमियों की समस्याओं का समाधान निकालने के उद्देश्य से एवन साइकिल्स लिमिटेड में पंजाब सरकार की ओर से गठित क्षेत्रीय समिति की पहली बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के चेयरमैन और एवन साइकिल्स लिमिटेड के चेयरमैन कम प्रबंध निदेशक ओंकार सिंह पाहवा ने की। बैठक में उद्योग जगत से जुड़े कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया और पंजाब सरकार को तत्काल समाधान के लिए पांच प्रमुख औद्योगिक मुद्दों की सूची भेजी। उद्यमियों का तर्क है कि यदि सरकार इन सुझावों पर अमल करे तो साइकिल उद्योग में बूम आ सकता है। निर्यात को बढ़ावा दिया जा सकता है और उद्योग को मजबूती दी जा सकती है।
ऋणों पर स्टांप शुल्क बड़ा
बोझ
बैठक में सबसे पहले ऋणों पर स्टाम्प शुल्क का मुद्दा उठाया गया। उद्योगपतियों का कहना था कि पंजाब सरकार ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर से स्वीकृत ऋणों पर 0.25 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगाया हुआ है। इसके अलावा बंधक और समतुल्य बंधक के मामलों में भी 0.25 प्रतिशत अलग से शुल्क लिया जाता है। यह अतिरिक्त बोझ पंजाब में व्यापार करने की सुगमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। समिति ने मांग की कि इन शुल्कों को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए।
उद्योग को चाहिए गैस पाइपलाइन
डीजल और रसोई गैस की लगातार बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए समिति ने कहा कि लुधियाना के उद्योग को पीएनजी गैस पाइपलाइन की तत्काल सुविधा मिलनी चाहिए। फिलहाल गैस पाइपलाइन दोराहा तक ही पहुंची है। समिति ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि इस काम को गति दी जाए और संबंधित एजेंसियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
अनुसंधान एवं विकास केंद्र का नवीनीकरण
साइकिल उद्योग की प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अनुसंधान एवं विकास केंद्र के नवीनीकरण पर भी जोर दिया गया। समिति ने मांग की कि केंद्र में एक नियमित महाप्रबंधक और तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाए। साथ ही बीआईएस-प्रमाणित परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना कर उद्योगपतियों को आधुनिक तकनीक और गुणवत्ता सुधार का अवसर दिया जाए।
ओटीएस योजना में पारदर्शिता की मांग
पीएसआईईसी की एकमुश्त निपटान (ओटीएस) योजना का स्वागत करते हुए समिति ने कहा कि सरकार ने 8 प्रतिशत साधारण ब्याज पर भुगतान का आश्वासन दिया है लेकिन पुराने नोटिसों में 15 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूला जा रहा है। समिति ने मांग की कि वर्ष 1995 से 2016 तक के मामलों का भी 8 प्रतिशत ब्याज दर पर पुनर्मूल्यांकन किया जाए।
मिश्रित
भूमि उपयोग क्षेत्रों के लिए स्थायी समाधान
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पंजाब सरकार ने मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्रों में उद्योग संचालन की सहमति सितंबर 2026 तक बढ़ा दी है लेकिन यह केवल अस्थायी राहत है। समिति ने सुझाव दिया कि यदि सरकार उद्योगों को स्थानांतरित करना चाहती है तो उन्हें नि:शुल्क भूमि बैंक, बिजली कनेक्शन ट्रांसफर, विशेष पैकेज और पूंजी निवेश पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाए। साथ ही एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया जाए ताकि उद्योग सुरक्षित और स्थायी रूप से स्थापित हो सकें।
कई उद्योगपतियों ने रखा पक्ष
समिति सदस्य सचिव एवं एडीसी लुधियाना अमरजीत सिंह बैंस, ईस्टमैन ग्रुप के जगदीश सिंघल, राल्सन ग्रुप के संजीव पाहवा, एसएस भोगल, फिको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार, दीपक जैन, विनीत महाजन, डीआईसी महाप्रबंधक अंगद सिंह सोही और लुधियाना सिलाई मशीन उद्योग संघ के प्रधान अमरजीत सिंह भी उपस्थित रहे। बैठक के अंत में उद्योगपतियों ने एक स्वर में कहा कि यदि पंजाब सरकार इन मांगों को गंभीरता से लेती है तो न केवल लुधियाना, बल्कि पूरे राज्य के साइकिल उद्योग को नई गति मिलेगी और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना। साइकिल उद्योग को मजबूत करने और उद्यमियों की समस्याओं का समाधान निकालने के उद्देश्य से एवन साइकिल्स लिमिटेड में पंजाब सरकार की ओर से गठित क्षेत्रीय समिति की पहली बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के चेयरमैन और एवन साइकिल्स लिमिटेड के चेयरमैन कम प्रबंध निदेशक ओंकार सिंह पाहवा ने की। बैठक में उद्योग जगत से जुड़े कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया और पंजाब सरकार को तत्काल समाधान के लिए पांच प्रमुख औद्योगिक मुद्दों की सूची भेजी। उद्यमियों का तर्क है कि यदि सरकार इन सुझावों पर अमल करे तो साइकिल उद्योग में बूम आ सकता है। निर्यात को बढ़ावा दिया जा सकता है और उद्योग को मजबूती दी जा सकती है।
ऋणों पर स्टांप शुल्क बड़ा
बोझ
बैठक में सबसे पहले ऋणों पर स्टाम्प शुल्क का मुद्दा उठाया गया। उद्योगपतियों का कहना था कि पंजाब सरकार ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर से स्वीकृत ऋणों पर 0.25 प्रतिशत स्टांप शुल्क लगाया हुआ है। इसके अलावा बंधक और समतुल्य बंधक के मामलों में भी 0.25 प्रतिशत अलग से शुल्क लिया जाता है। यह अतिरिक्त बोझ पंजाब में व्यापार करने की सुगमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। समिति ने मांग की कि इन शुल्कों को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए।
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उद्योग को चाहिए गैस पाइपलाइन
डीजल और रसोई गैस की लगातार बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए समिति ने कहा कि लुधियाना के उद्योग को पीएनजी गैस पाइपलाइन की तत्काल सुविधा मिलनी चाहिए। फिलहाल गैस पाइपलाइन दोराहा तक ही पहुंची है। समिति ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि इस काम को गति दी जाए और संबंधित एजेंसियों की जिम्मेदारी तय की जाए।
अनुसंधान एवं विकास केंद्र का नवीनीकरण
साइकिल उद्योग की प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अनुसंधान एवं विकास केंद्र के नवीनीकरण पर भी जोर दिया गया। समिति ने मांग की कि केंद्र में एक नियमित महाप्रबंधक और तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाए। साथ ही बीआईएस-प्रमाणित परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना कर उद्योगपतियों को आधुनिक तकनीक और गुणवत्ता सुधार का अवसर दिया जाए।
ओटीएस योजना में पारदर्शिता की मांग
पीएसआईईसी की एकमुश्त निपटान (ओटीएस) योजना का स्वागत करते हुए समिति ने कहा कि सरकार ने 8 प्रतिशत साधारण ब्याज पर भुगतान का आश्वासन दिया है लेकिन पुराने नोटिसों में 15 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूला जा रहा है। समिति ने मांग की कि वर्ष 1995 से 2016 तक के मामलों का भी 8 प्रतिशत ब्याज दर पर पुनर्मूल्यांकन किया जाए।
मिश्रित
भूमि उपयोग क्षेत्रों के लिए स्थायी समाधान
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पंजाब सरकार ने मिश्रित भूमि उपयोग क्षेत्रों में उद्योग संचालन की सहमति सितंबर 2026 तक बढ़ा दी है लेकिन यह केवल अस्थायी राहत है। समिति ने सुझाव दिया कि यदि सरकार उद्योगों को स्थानांतरित करना चाहती है तो उन्हें नि:शुल्क भूमि बैंक, बिजली कनेक्शन ट्रांसफर, विशेष पैकेज और पूंजी निवेश पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाए। साथ ही एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया जाए ताकि उद्योग सुरक्षित और स्थायी रूप से स्थापित हो सकें।
कई उद्योगपतियों ने रखा पक्ष
समिति सदस्य सचिव एवं एडीसी लुधियाना अमरजीत सिंह बैंस, ईस्टमैन ग्रुप के जगदीश सिंघल, राल्सन ग्रुप के संजीव पाहवा, एसएस भोगल, फिको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार, दीपक जैन, विनीत महाजन, डीआईसी महाप्रबंधक अंगद सिंह सोही और लुधियाना सिलाई मशीन उद्योग संघ के प्रधान अमरजीत सिंह भी उपस्थित रहे। बैठक के अंत में उद्योगपतियों ने एक स्वर में कहा कि यदि पंजाब सरकार इन मांगों को गंभीरता से लेती है तो न केवल लुधियाना, बल्कि पूरे राज्य के साइकिल उद्योग को नई गति मिलेगी और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।