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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई बरी: तीन साल पुराने मामले में मोहाली कोर्ट ने सुनाया फैसला, एक दोषी को तीन साल की कैद
संवाद न्यूज एजेंसी, मोहाली (पंजाब)
Published by: अंकेश ठाकुर
Updated Sat, 04 Oct 2025 10:33 AM IST
सार
मोहाली की जिला अदालत ने तीन साल पुराने आर्म्स एक्ट मामले में गैंगस्ट लॉरेंस बिश्नोई को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कुल पांच आरोपियों में से चार को बरी किया है और एक दोषी को तीन साल की सजा सुनाई है।
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लॉरेंस बिश्नोई
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
आर्म्स एक्ट के एक मामले में मोहाली जिला अदालत ने लॉरेंस बिश्नोई सहित चार लोगों को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया है। एक दोषी को तीन साल की सजा सुनाई है। लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील कर्ण सोफत ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई, असीम उर्फ हाशम बाबा, दीपक, विक्रम सिंह उर्फ विक्की व सोनू के खिलाफ सोहाना थाने में वर्ष 2022 में ऑर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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अदालत में लॉरेंस बिश्नोई, असीम उर्फ हाशम बाबा, दीपक व विक्की के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो पाए। इस कारण अदालत ने उक्त चारों गैंगस्टरों को बरी कर दिया। सोनू को आर्म्स एक्ट की धारा 25 में तीन साल की सजा व 500 रुपये जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना ना भरने पर एक महीने की सजा बढ़ा दी जाएगी।
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बचाव पक्ष के एडवोकेट कर्ण सोफत ने कहा कि अदालत में जांच अधिकारी अपनी गवाही पूरी नहीं कर पाए इस कारण उनकी आंशिक गवाही को साक्ष्य में नहीं माना गया। इसके बाद अभियोजन पक्ष ने एसआई दीपक सिंह से पूछताछ की। उन्होंने अभियोजन मामले के आधार पर गवाही दी।
वह बरामदगी के गवाहों में से एक हैं, जिनकी उपस्थिति में आरोपी सोनू से हथियार बरामद हुआ था। उन्होंने स्पष्ट रूप से साबित किया कि आरोपी सोनू के पास हथियार और कारतूस पाए गए थे। अदालत को बताया गया कि सबसे पहले सोनू नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। हिरासत में रहते हुए उसके द्वारा दर्ज किए गए बयान के आधार पर दीपक पुंडीर उर्फ दीपू को नामजद कर गिरफ्तार किया गया।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष बिना किसी उचित संदेह के केवल धारा-25 शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत अपराध करने के लिए आरोपी सोनू के अपराध को सिद्ध करने में सफल रहा है। आरोपी सोनू को धारा-25 शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत अपराध करने के लिए दोषी ठहराया जाता है। आरोपी लॉरेंस बिश्नोई, असीम उर्फ हाशम बाबा, दीपक और विक्रम सिंह उर्फ विक्की को उनके विरुद्ध लगाए गए आरोपों से बरी किया जाता है।