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Mohali News: जिले की मंडियों में धान की खरीद आज से, तैयारियां पूरी

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Tue, 16 Sep 2025 12:36 AM IST
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Paddy procurement in the district's mandis starts today, preparations complete
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मोहाली। 16 सितंबर से प्रदेश में शुरू हो रहे खरीफ सीजन 2025-26 के मद्देनजर जिले की मंडियों में धान खरीद की व्यवस्था पूरी कर ली गई है।उपायुक्त कोमल मित्तल ने बताया कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखकर पूरे राज्य में 16 सितंबर से खरीफ सीजन 2025-26 शुरू की जा रही है। यह 30 नवंबर तक चलेगा। इससे किसानों को सरकारी दर पर मंडियों में धान की फसल बेचने का ज्यादा समय मिलेगा। उपायुक्त ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पंजाब के लोगों को प्राकृतिक आपदाओं और बाढ़ का सामना करना पड़ा है।
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प्रशासन ने आम जनता के लिए बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में भी किसानों की सुविधा को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन ने मंडियों में लाई जाने वाली जीरी की खरीद व भंडारण के उचित प्रबंध किए हैं। किसानों की फसल समय पर खरीद कर 48 घंटे की अवधि में उनका भुगतान कर दिया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने किसान भाइयों से अपील की कि वे 17 प्रतिशत तक नमी वाली धान को ही सुखाकर मंडी में लाएं ताकि फसल की समय पर बोली लग सके और किसानों को बिना किसी देरी के उनकी फसल का मूल्य मिल सके
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रात में कंबाइन से धान की कटाई पर लगा प्रतिबंध
मोहाली। जिले में 16 सितंबर से शुरू हो रहे धान खरीद सीजन के मद्देनजर उपायुक्त-सह-जिला मजिस्ट्रेट कोमल मित्तल ने शाम 6:00 से सुबह 10:00 बजे तक कंबाइन से धान की कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि फसल की कटाई के लिए रात में कंबाइन चलाने से जहां दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, वहीं रात में ओस पड़ने और बेमौसम बारिश के कारण धान की फसल चिपचिपी भी हो जाती है। जब ये कंबाइन रात में धान की कटाई करती हैं, तो फसल ठीक से सूख नहीं पाती, यानी दाना कच्चा और हरा रहता है। इससे धान में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण किसानों को सीधा नुकसान होता है। उत्पादन पर भी असर पड़ता है।
इसी प्रकार धान में नमी की मात्रा सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों से अधिक होती है। खरीद एजेंसियां धान की खरीद नहीं कर पाती, इस कारण किसानों की मंडियों में अराजकता के अलावा कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा कंबाइन हार्वेस्टर के मालिक एसएमएस लगाए बिना धान की कटाई नहीं करते, जिससे प्रदूषण होता है। परिणामस्वरूप उससे निकलने वाली गैसें पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं। मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है। धान की कटाई के बाद फसल अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगाया जाए ताकि इससे निकलने वाली हानिकारक गैसों के कारण पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सके। यह आदेश जिले में तत्काल प्रभाव से 16 सितंबर से 15 नवंबर तक लागू रहेगा।
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