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Banswara News: जर्जर भवन को लेकर एक्शन में प्रशासन, भोगीलाल पंड्या कॉलेज में चला बुल्डोजर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,डूंगरपुर/बांसवाड़ा
Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो
Updated Tue, 29 Jul 2025 07:22 PM IST
सार
डूंगरपुर जिले के भोगीलाल पंड्या राजकीय महाविद्यालय के जर्जर भवन को गिराने की कार्रवाई सोमवार को जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह के निर्देशन में शुरू की गई। कॉलेज की अधिकांश कक्षाएं खस्ताहाल थीं और छात्रों के लिए जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही थी।
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भोगीलाल पंड्या राजकीय महाविद्यालय में दीवारों को ढहाता बुल्डोजर।
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विस्तार
जिले के सबसे पुराने और बड़े शिक्षण संस्थान भोगीलाल पंड्या राजकीय महाविद्यालय के जर्जर भवन को आखिरकार गिराने की कार्रवाई शुरू हो गई है। सोमवार को जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह के निर्देशन में सार्वजनिक निर्माण विभाग और नगर परिषद की टीम ने कॉलेज परिसर में जर्जर कक्षों पर बुल्डोजर चलाया। महाविद्यालय की अधिकांश विंग लंबे समय से खस्ताहाल स्थिति में थी। कक्षाओं की छतों से मलबा गिरना और दीवारों का सीलन से कमजोर होना आम बात हो गई थी। कई जगहों पर प्लास्टर उखड़ चुके हैं, जबकि फर्श की टाइल्स तक निकल गई थीं। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए अध्ययन करना जान जोखिम में डालने जैसा हो गया था।
8 हजार विद्यार्थियों के लिए केवल 23 कक्षाएं
कॉलेज में लगभग 8 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जबकि कक्षाओं की संख्या मात्र 23 है। प्रथम वर्ष में ही 3 हजार से अधिक सीटें सृजित हैं और इसी अनुपात में द्वितीय, तृतीय वर्ष एवं पीजी की कक्षाएं भी संचालित हो रही हैं। सीमित संसाधनों और जर्जर भवन के बीच विद्यार्थियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
126 करोड़ का प्रस्ताव, पहले चरण में ₹58 करोड़ की मंजूरी संभावित
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेशलाल निनामा ने बताया कि भवन की स्थिति को देखते हुए लोक निर्माण विभाग के सहयोग से मरम्मत एवं नव निर्माण के लिए ₹126 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर कॉलेज शिक्षा आयुक्त को भेजा गया था। इतनी बड़ी राशि एक साथ स्वीकृत करना संभव न होने के कारण कार्य को चरणबद्ध तरीके से स्वीकृत करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में प्रशासनिक भवन, कला संकाय और पुस्तकालय की विंग के लिए ₹58 करोड़ की मंजूरी मिलने की संभावना है।
ये भी पढ़ें: स्कूल की छत का प्लास्टर गिरा, बड़ा हादसा टला; जर्जर भवन से छात्र-छात्राओं में दहशत
कलेक्टर ने निरीक्षण कर दिए थे निर्देश
रविवार को जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता और अन्य तकनीकी अधिकारियों के साथ महाविद्यालय का निरीक्षण किया था। उन्होंने तत्काल प्रभाव से जर्जर कक्षों को गिराने के निर्देश दिए थे। इसी निर्देश के तहत सोमवार को कार्रवाई शुरू कर दी गई। जिला कलेक्टर ने बताया कि महाविद्यालय के नव निर्माण को लेकर राज्य सरकार और उच्चाधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं और कार्यवाही प्रक्रिया में है।
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8 हजार विद्यार्थियों के लिए केवल 23 कक्षाएं
कॉलेज में लगभग 8 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जबकि कक्षाओं की संख्या मात्र 23 है। प्रथम वर्ष में ही 3 हजार से अधिक सीटें सृजित हैं और इसी अनुपात में द्वितीय, तृतीय वर्ष एवं पीजी की कक्षाएं भी संचालित हो रही हैं। सीमित संसाधनों और जर्जर भवन के बीच विद्यार्थियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
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126 करोड़ का प्रस्ताव, पहले चरण में ₹58 करोड़ की मंजूरी संभावित
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेशलाल निनामा ने बताया कि भवन की स्थिति को देखते हुए लोक निर्माण विभाग के सहयोग से मरम्मत एवं नव निर्माण के लिए ₹126 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर कॉलेज शिक्षा आयुक्त को भेजा गया था। इतनी बड़ी राशि एक साथ स्वीकृत करना संभव न होने के कारण कार्य को चरणबद्ध तरीके से स्वीकृत करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में प्रशासनिक भवन, कला संकाय और पुस्तकालय की विंग के लिए ₹58 करोड़ की मंजूरी मिलने की संभावना है।
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कलेक्टर ने निरीक्षण कर दिए थे निर्देश
रविवार को जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता और अन्य तकनीकी अधिकारियों के साथ महाविद्यालय का निरीक्षण किया था। उन्होंने तत्काल प्रभाव से जर्जर कक्षों को गिराने के निर्देश दिए थे। इसी निर्देश के तहत सोमवार को कार्रवाई शुरू कर दी गई। जिला कलेक्टर ने बताया कि महाविद्यालय के नव निर्माण को लेकर राज्य सरकार और उच्चाधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं और कार्यवाही प्रक्रिया में है।