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Banswara News: डूंगरपुर-रतलाम रेल परियोजना अधूरी, नीमच से नंदुरबार लाइन के लिए फाइनल सर्वे की मंजूरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो Updated Sun, 27 Jul 2025 03:43 PM IST
सार

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आदिवासी बहुल इलाकों के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में रेल मंत्रालय ने कदम बढ़ाते हुए 380 किलोमीटर लंबी नीमच से बांसवाड़ा, दाहोद होकर नंदुरबार नई लाइन के लिए फाइनल सर्वेक्षण की परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की स्वीकृति दी है।

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Dungarpur - Ratlam rail project incomplete, final survey approved for Neemuch to Nandurbar line
अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री - फोटो : ANI
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विस्तार
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आजादी के बाद से अब तक राजस्थान का बांसवाड़ा जिला रेल सेवा से वंचित है। जिले की जनता की वर्षों की मांग पूरी कर वर्ष 2011 में डूंगरपुर से रतलाम वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना का शिलान्यास हुआ। इसके बाद से काम अटक गया। अब बांसवाड़ा को रेल से जोड़ने के लिए उक्त परियोजना के साथ ही केंद्रीय रेल ने नीमच से नंदुरबार नई रेल लाइन के लिए फाइनल सर्वेक्षण की परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की मंजूरी दी है।

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आदिवासी बहुल इलाकों के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में रेल मंत्रालय ने कदम बढ़ाते हुए 380 किलोमीटर लंबी नीमच से बांसवाड़ा, दाहोद होकर नंदुरबार नई लाइन के लिए फाइनल सर्वेक्षण की परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की स्वीकृति दी है।
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बांसवाड़ा से मिलेगा नया रूट
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आदिवासी बहुल बांसवाड़ा की स्वाभाविक कनेक्टिविटी दाहोद के साथ है। इसलिए डूंगरपुर, बांसवाड़ा रतलाम प्रोजेक्ट के साथ नीमच से बांसवाड़ा-दाहोद रेल लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय किया है। इस लाइन से दिल्ली से मुंबई जाने वाली रेल गाड़ियों के लिए बांसवाड़ा से होकर एक नया रूट मिलेगा। यह रूट ताप्ती सेक्शन से मुंबई-दिल्ली मेन रूट को दाहोद से जोड़ने वाला सबसे छोटा रूट होगा। इससे मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के छह शहरों को लाभ होगा।

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माल ढुलाई की संभावना
बांसवाड़ा पहाड़ी क्षेत्र और खनिज संपदा से संपन्न है। इस क्षेत्र में मैंगनीज अयस्क, डोलोमाइट, चूना पत्थर, सोना, तांबा, क्वार्टज जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में हैं। इसलिए क्षेत्र से माल ढुलाई की भी संभावना है, जिसका नीमच, बांसवाड़ा, दाहोद के छोटे मार्ग से परिवहन किया जा सकेगा। वहीं, दाहोद, अलीराजपुर, नंदुरबार भी एक पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्र में स्थित है। यह ताप्ती रेल खंड से दाहोद में मुंबई-नई दिल्ली मुख्य मार्ग को जोड़ने वाला छोटा मार्ग होगा। यह मार्ग विकास की मुख्यधारा से वंचित लोगों का भी उत्थान करेगा और उन्हें रेल के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा। इस नए रेल मार्ग से राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

पहले भी दी थी मंजूरी
गौरतलब है कि इससे पहले कोटा सेक्शन से मंदसौर बांसवाड़ा, दाहोद रेल लाइन के सर्वेक्षण की 2023 में स्वीकृति दी थी। इससे आदिवासी बहुल बांसवाडा के अलावा प्रतापगढ़ जिले को भी रेल सेवा से जोड़ने की योजना थी।

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