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Barmer News: मतदाता सूची के साथ हो रहा रिश्तों का शुद्धिकरण, फिर खुल रहे जंग लगे ताले, बरसों बाद घर लौटे लोग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बाड़मेर Published by: बाड़मेर ब्यूरो Updated Wed, 26 Nov 2025 07:17 PM IST
सार

एसआईआर अभियान के तहत डाटा अपडेट करने के लिए बरसों से दूसरे शहरों में बस चुके लोग अब अपनी जड़ों की तलाश में गांव लौट रहे हैं। पुराने रिश्तों में फिर से जुड़ाव हो रहा है और गांवों में रिश्तों की गर्माहट लौट आई है।

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Barmer News: Voter List Purification Brings Emotional Reconnect as People Return Home After Years
एसआईआर से मिट रही दूरियां
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विस्तार
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निर्वाचन आयोग की ओर से चलाए जा रहे एसआईआर 2026 कार्यक्रम से मतदाता सूची शुद्धिकरण का कार्य तो हो ही रहा है, साथ ही इसके माध्यम से एक बड़ा सामाजिक बदलाव भी देखने को मिल रहा है। बाड़मेर जैसे क्षेत्र में जहां अधिकतर लोग व्यवसाय और नौकरी के लिए दूसरे राज्यों का रुख करते हैं, वहां की बड़ी आबादी गुजरात और दक्षिण भारत के राज्यों में निवास करती है।
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जब एसआईआर अभियान शुरू हुआ तो मतदाता सूची के अद्यतन के लिए साल 2002 की मतदाता सूची की आवश्यकता पड़ी। इसके चलते लोगों को अपने पुराने रिश्तेदारों और परिवारजनों से संपर्क करना पड़ रहा है। कई ऐसे परिवार हैं, जिनके दादा-दादी या नाना-नानी गांवों में रहते हैं, जबकि पोते-पोतियां शहरों में बस गए हैं और बरसों से गांव नहीं आए। अब इस एसआईआर अभियान के कारण तीसरी पीढ़ी भी अपने दादा-दादी से मिलने गांव पहुंच रही है।
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इसके अलावा कई लोग अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को एसआईआर फॉर्म के संबंध में फोन कर रहे हैं। सेड़वा, शिव, चौहटन और गुढ़ामलानी जैसे इलाकों में लोग अपनी जड़ों को तलाशते हुए गांव लौट रहे हैं, जो लोग शहरों में शिफ्ट हो गए थे, वे भी अपनी ढाणी और पुराने घरों तक पहुंच रहे हैं।

इसके चलते गांवों में एक भावुक माहौल बन गया है। लोग उन पुराने पड़ोसियों से भी बात कर रहे हैं, जिनसे बात किए हुए बरसों बीत चुके हैं। अब वे उनके नंबर ढूंढकर कह रहे हैं- अगर बीएलओ हमारा फॉर्म लेकर जाए, तो उसे संभालकर रख लेना। कई लोग अपने बचपन के सहपाठियों से भी वर्षों बाद फिर से जुड़ रहे हैं।

लोग कह रहे हैं कि निर्वाचन आयोग के इस अभियान से मतदाता सूची तो शुद्ध हो ही रही है लेकिन साथ ही रिश्तों पर जमी धूल भी साफ हो गई है। रेगिस्तान के गांवों में जंग खा चुके ताले फिर खुल रहे हैं, रिश्तों में नई बयार बह रही है और लोग अपनी जड़ों की पहचान दोबारा पा रहे हैं।
 

एसआईआर से मिट रहीं दूरियां

एसआईआर से मिट रही दूरियां

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