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Bhilwara News: भीलवाड़ा के मांडल क्षेत्र के किसान परेशान, सिंचाई के लिए नहीं मिल रहा समय पर पानी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Fri, 22 Nov 2024 07:52 PM IST
सार
भीलवाड़ा जिले के मांडल क्षेत्र में रबी की फसल की बुआई में जल संकट ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। नहरों के रखरखाव और सफाई में लापरवाही के कारण जलाशयों का पानी खेतों तक नहीं पहुंच रहा है।
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समस्या के बारे में बताते किसान।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भीलवाड़ा जिले के मांडल क्षेत्र में किसान रबी की फसल की बुआई के लिए जलाशय के पानी की अनुपलब्धता को लेकर परेशान हैं। नहरें खुलने के 12 दिन बाद भी उन्हें समय पर सिंचाई का पानी नहीं मिल रहा है, जिससे फसल बुआई में बाधा उत्पन्न हो रही है।
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मांडल तालाब और मेजा बांध में इस वर्ष कम वर्षा के बावजूद कुछ पानी इकट्ठा हुआ। मांडल तालाब में मात्र तीन फीट और मेजा बांध में लगभग 28 फीट पानी आया, जिससे किसानों को उम्मीद थी कि रबी की फसल अच्छी हो सकेगी। लेकिन नहरों और केनाल की सफाई और रखरखाव में लापरवाही के कारण पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
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क्षेत्र के किसानों का कहना है कि नहरें जगह-जगह से टूटी हुई हैं, जिससे पानी खेतों तक पहुंचने से पहले ही रिस जाता है। इसके अलावा, पानी चोरों की सक्रियता भी बढ़ गई है, जो नहरों को तोड़कर अपने खेतों के लिए पानी ले जाते हैं। इस वजह से कई खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो रही हैं और किसानों को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ रही है।
पानी प्रबंधन में लापरवाही
किसानों ने बताया कि इस बार सामान्य से भी कम बारिश हुई, जिससे उन्हें मेजा बांध और मांडल तालाब के पानी पर निर्भर रहना पड़ा। नहरों की सफाई न होने और पानी प्रबंधन में लापरवाही के कारण अब रबी की फसल चैपट होने की कगार पर है। कई खेत पानी के अभाव में बंजर रह गए हैं, तो कुछ में पानी भर जाने से फसलें नष्ट हो रही हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने नहरों के रखरखाव और सफाई के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। लेकिन, इसका उपयोग धरातल पर नजर नहीं आ रहा है।
बजट का सही इस्तेमाल नहीं हुआ
किसानों का कहना है कि यदि यह बजट सही तरीके से इस्तेमाल किया गया होता, तो नहरों की स्थिति बेहतर होती और उन्हें पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता। किसानों का आरोप है कि प्रशासन इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। नहरों की सफाई और रखरखाव का कार्य समय पर नहीं हुआ, और इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि नहरों की सफाई और मरम्मत के काम को प्राथमिकता दी जाए, ताकि रबी की फसल बचाई जा सके। साथ ही, जलाशयों से पानी की चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
क्षेत्रीय प्रतिनिधियों की चुप्पी पर नाराज किसान
किसानों ने क्षेत्रीय प्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि किसानों की समस्याओं को लेकर कोई भी जनप्रतिनिधि आवाज नहीं उठा रहा है। मांडल के किसान अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि प्रशासन जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान करेगा, ताकि वे अपनी फसलों को बचा सकें और कृषि कार्य सामान्य रूप से चल सके।