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Bundi News: पंचायत सचिव से मारपीट के फरार आरोपी पुलिस गिरफ्त में, पुलिस ने बाजार में निकाला जुलूस
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बूंदी
Published by: बूँदी ब्यूरो
Updated Thu, 04 Sep 2025 07:49 AM IST
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सार
जिले की देईखेड़ा पुलिस ने पंचायत सचिव से मारपीट कर फरार दो मुख्य आरोपियों को एक सप्ताह बाद गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को सुरक्षा घेरे में बाजार से पैदल घुमाया गया।

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विस्तार
जिले के देईखेड़ा थाना क्षेत्र की बाढ़ग्रस्त पंचायत रेबारपुरा के पंचायत सचिव से मारपीट के मामले में फरार मुख्य आरोपियों को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आमजन में आरोपियों का खौफ खत्म करने के लिए देईखेड़ा पुलिस ने उन्हें सुरक्षा घेरे में कस्बे के मुख्य बाजार से हाथ जकड़कर पैदल घुमाया।
देईखेड़ा थाना प्रभारी (कार्यवाहक) कन्हैयालाल मीणा ने बताया कि रेबारपुरा पंचायत सचिव ओ.पी. नामा ने 26 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि पंचायत क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री लेकर जाते समय प्रतापगढ़ पुलिया के पास पांच-छह लोगों ने उन्हें रोक लिया, सामग्री छीन ली और लात-घूंसों से मारपीट की। मौके पर अन्य राहगीरों की भीड़ जमा होने पर आरोपी भाग गए। इस घटना से राजकार्य में बाधा पहुंची।
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जिला पुलिस अधीक्षक राजेंद्र मीणा के निर्देश पर लाखेरी सीओ नरेंद्र नागर और थाना प्रभारी कन्हैयालाल मीणा की अगुवाई में टीम गठित की गई। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर इंदरगढ़ क्षेत्र से मुख्य आरोपी प्रहलाद गुर्जर (40) और पप्पूलाल मीणा (40), निवासी छप्पनपुरा को दबिश देकर बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
थाना प्रभारी मीणा ने बताया कि आरोपी घटना के बाद भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गए थे। इसके बाद वे लाखेरी क्षेत्र, उतराना, इंदरगढ़ के केमला व कोटड़ी जैसे स्थानों पर लगातार ठिकाने बदलते रहे। इस दौरान वे रोज रात को शराब पार्टी भी करते रहे। घटना के करीब एक सप्ताह बाद पुलिस दबिश के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया गया।
पंचायत सचिव संघ (केशवरायपाटन) ने घटना से नाराज होकर घोषणा की थी कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, वे जिला कलेक्टर के निर्देश पर लगाए गए बाढ़ राहत शिविरों का बहिष्कार करेंगे। इससे आमजन को काफी परेशानी हो रही थी। गिरफ्तारी के बाद अब शिविरों के संचालन की संभावना है।

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देईखेड़ा थाना प्रभारी (कार्यवाहक) कन्हैयालाल मीणा ने बताया कि रेबारपुरा पंचायत सचिव ओ.पी. नामा ने 26 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि पंचायत क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री लेकर जाते समय प्रतापगढ़ पुलिया के पास पांच-छह लोगों ने उन्हें रोक लिया, सामग्री छीन ली और लात-घूंसों से मारपीट की। मौके पर अन्य राहगीरों की भीड़ जमा होने पर आरोपी भाग गए। इस घटना से राजकार्य में बाधा पहुंची।
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थाना प्रभारी मीणा ने बताया कि आरोपी घटना के बाद भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गए थे। इसके बाद वे लाखेरी क्षेत्र, उतराना, इंदरगढ़ के केमला व कोटड़ी जैसे स्थानों पर लगातार ठिकाने बदलते रहे। इस दौरान वे रोज रात को शराब पार्टी भी करते रहे। घटना के करीब एक सप्ताह बाद पुलिस दबिश के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया गया।
पंचायत सचिव संघ (केशवरायपाटन) ने घटना से नाराज होकर घोषणा की थी कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, वे जिला कलेक्टर के निर्देश पर लगाए गए बाढ़ राहत शिविरों का बहिष्कार करेंगे। इससे आमजन को काफी परेशानी हो रही थी। गिरफ्तारी के बाद अब शिविरों के संचालन की संभावना है।