सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Rajasthan ›   Kota News ›   Kota: Athletes Struggle for Firearms Licenses Due to Administrative Delays, Seek Justice from Om Birla

Kota: प्रशासनिक सुस्ती के चलते फायर आर्म्स लाइसेंस के लिए भटक रहे खिलाड़ी, ओम बिरला से लगाई न्याय की गुहार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोटा Published by: कोटा ब्यूरो Updated Wed, 09 Jul 2025 10:39 PM IST
विज्ञापन
सार

प्रशासनिक लापरवाही के चलते सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद नेशनल लेवल के खिलाड़ियों को फायर आर्म्स का लाइसेंस नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में खिलाड़ियों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
 

Kota: Athletes Struggle for Firearms Licenses Due to Administrative Delays, Seek Justice from Om Birla
लोकसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे खिलाड़ी
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

जिले में प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा नेशनल लेवल के खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन की सुस्ती औेर गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते खिलाड़ियों को फायर आर्म्स का लाइसेंस नहीं मिल पा रहा है। खिलाड़ियों का कहना है कि नेशनल क्वालीफाई करने के बाद शूटिंग प्लेयर्स को फायर आर्म्स लाइसेंस अनिवार्य होता है, लेकिन तमाम विभागों की एनओसी मिलने के बावजूद समस्याएं सामने आ रही हैं, जिसकी वजह से आगामी टूर्नामेंट्स को लेकर शूटिंग प्लेयर्स की तैयारियां अटक गई हैं और अब गोल्ड मैडल आने का सपना भी टूटता दिखाई दे रहा है।

loader
Trending Videos


प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे खिलाड़ियों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर उनको ज्ञापन सौंपा और अपनी पीड़ा स्पीकर बिरला के सामने रखी। खिलाड़ियों ने बताया कि सभी खिलाड़ी शूटिंग के आगामी इवेंट को लेकर प्रेक्टिस नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि शूटिंग की प्रैक्टिस के लिए उन्हें किराए से वेपन लेना पड़ रहा है, जो कि काफी काफी महंगा पड़ रहा है। वहीं कोच अशोक पाल सिंह ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी पिछले 4 साल से स्पोर्ट्स कोटे से खिलाड़ियों को लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों का काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे में खिलाड़ियों ने स्पीकर बिरला से न्याय की मांग की है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें: Hanumangarh News: लगातार बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जगह-जगह पानी भरा, मक्कासर में ग्रामीणों ने खाली किए घर

कोच अशोक पाल सिंह ने बताया कि किसी भी खिलाड़ी को नेशनल क्वालिफाई करने में कम से कम 5 साल का समय लग जाता है। ऐसे में नेशनल क्वालीफाई करने के बाद वो फायर आर्म्स लाइसेंस के लिए एलिजिबल होता है। कोटा में भी करीब 12 खिलाड़ी ऐसे हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर मैडल हासिल कर चुके हैं। इन खिलाड़ियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय में लाइसेंस के लिए आवेदन दे रखा है। खिलाड़ियों को सीआईडी, पुलिस, फॉरेस्ट की एनओसी मिल चुकी है। उसके बावजूद भी प्रशासन ने खिलाड़ियों को अभी तक लाइसेंस नहीं दिए हैं। इस कारण कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रतियोगिता में भाग लेने से वंचित होना पड़ता है।

खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने के लिए किराए का वेपन यूज करना पड़ रहा है, जो कि आर्थिक तौर पर भी काफी महंगे हैं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो बिना प्रैक्टिस के स्कोर भी नहीं लगता। लाइसेंस जारी होने के बाद ही खिलाड़ी विदेश से अपना वेपन इम्पोर्ट करवा पाता है। प्रशासनिक लेटलतीफी के चलते कई खिलाड़ियों ने इवेंट में भाग लेना बंद कर दिया है और वे कोचिंग या जॉब करने लगे हैं, जिसे शूटिंग के गेम के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता, वहीं देश के लिए मैडल का सपना भी टूट जाएगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed