Pranjali Awasthi: सिर्फ 16 की उम्र में बनी 100 करोड़ की कंपनी की CEO, जानिए कौन हैं प्रांजली अवस्थी
Pranjali Awasthi: 11 साल की उम्र में प्रांजलि परिवार के साथ भारत से अमेरिका आ गई। यहां से टेक्नोलॉजी और कोडिंग के प्रति प्यार की शुरुआत हुई। प्रांजली ने 13 साल की उम्र में प्रोग्रामिंग सीखना शुरू किया और 15 की होते-होते अपना स्टार्टअप लॉन्च कर दिया। आइए जानते हैं प्रांजलि अवस्थी के बारे में।

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Pranjali Awasthi: जिस उम्र में बच्चे स्कूल, पढ़ाई, परीक्षा और सोशल मीडिया में उलझे रहते हैं, उस समय भारत की बेटी ने अपना करियर बना लिया। इस उपलब्धि ने उन्हें नई पीढ़ी की नारी शक्ति की पहचान बना दिया है। सफलता की यह कहानी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली प्रांजलि अवस्थी की है, जिन्होंने अमेरिका में अपनी 100 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी। उनके एआई स्टार्टअप ने टेक्नाॅलोजी के दौर में एक नया अध्याय जोड़ा है। 11 साल की उम्र में प्रांजलि परिवार के साथ भारत से अमेरिका आ गई। यहां से टेक्नोलॉजी और कोडिंग के प्रति प्यार की शुरुआत हुई। प्रांजली ने 13 साल की उम्र में प्रोग्रामिंग सीखना शुरू किया और 15 की होते-होते अपना स्टार्टअप लॉन्च कर दिया। आइए जानते हैं प्रांजलि अवस्थी के बारे में।

ए आई फर्म की सीईओ प्रांजलि अवस्थी का जीवन परिचय
प्रांजलि अवस्थी का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हैं और यही तकनीकी वातावरण उनके बचपन का हिस्सा बना। 11 साल की उम्र में प्रांजलि अपने परिवार के साथ अमेरिका चली गईं। यहां उन्हें टेक्नोलॉजी, ओपन सोर्स प्रोजेक्ट्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया से जुड़ने का अवसर मिला। इसी जुनून ने उन्हें 13 की उम्र में प्रोग्रामिंग और कोडिंग की ओर प्रेरित किया।
कैसे बनाई एआई स्टार्टअप कंपनी?
15 साल की उम्र में उन्होंने अपने एक विज़न पर काम करना शुरू किया और Delv.AI नाम की एक एआई स्टार्टअप कंपनी बनाई जो इंटरनेट पर फैले अनगिनत डेटा को फ़िल्टर कर उपयोगी और संरचित जानकारी में बदलने का काम करती है। आज डेल्व. एआई की वैल्यू 12 मिलियन डॉलर यानी लगभग 100 करोड़ रुपये है।
इस सफर में उन्होंने अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित स्टार्टअप एक्सेलेरेटर वाई कॉम्बिनेटर से फंडिंग हासिल की। उन्हें टेकक्रंच डिसरप्ट जैसे मंच पर आमंत्रित किया गया और कई वैश्विक मंचों पर एक युवा ए आई एंटरप्रेन्योर के रूप में सम्मानित किया गया।
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महिला सशक्तिकरण की मिसाल
प्रांजलि की कहानी केवल तकनीकी सफलता की नहीं, महिला सशक्तिकरण की मिसाल है। ए आई और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आज भी महिलाओं की भागीदारी सीमित मानी जाती है लेकिन प्रांजलि ने इस क्षेत्र में न केवल प्रवेश किया, बल्कि नेतृत्व भी किया। उनकी यह उपलब्धि उन तमाम लड़कियों और महिलाओं को प्रेरित करती है जो "मैं नहीं कर सकती" जैसी सोच के कारण अपने सपनों को अधूरा छोड़ देती हैं।
प्रांजलि ने साबित किया है कि उम्र, लिंग या स्थान, सफलता की कोई सीमा नहीं होती। यदि इरादे स्पष्ट हों, जुनून सच्चा हो और मेहनत ईमानदार हो, तो दुनिया की कोई ताकत एक लड़की को सफल होने से नहीं रोक सकती। वह न सिर्फ एक सफल टेक एंटरप्रेन्योर हैं, बल्कि एक रोल मॉडल हैं उस भारत की, जहां बेटियां अब केवल सपने नहीं देखती, बल्कि उन्हें पूरा भी करती हैं।
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