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लॉकडाउन के कारण बोधगया में फंसे किन्नौर और स्पीति के 56 बौद्ध भिक्षु
अमर उजाला नेटवर्क, रिकांगपिओ (किन्नौर)
Published by: Krishan Singh
Updated Thu, 07 May 2020 07:00 PM IST
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बोधगया में फंसे बौद्ध भिक्षु
- फोटो : अमर उजाला

लॉकडाउन के कारण बिहार के बोधगया में शिक्षा ग्रहण करने वाले हिमाचल के किन्नौर और लाहौल-स्पीति के 56 बौद्ध भिक्षु वहां फंस गए हैं। शीत मरुस्थल के नाम से विख्यात लाहौल-स्पीति के बौद्ध भिक्षु 40 डिग्री तापमान में रहने को मजबूर हैं। इन्हें घर पहुंचाने को सरकार ने कोई प्रयास नहीं किए हैं। ऐसे में ये प्रदेश सरकार से वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं। भगवान गौतम बुद्ध के विश्वशांति के संदेश की शिक्षा लेने लाहौल-स्पीति से 56 भिक्षु बीते अक्तूबर में बिहार के बोध गया गए थे। मार्च में लॉकडाउन के कारण ये विद्यार्थी वहां फंस गए हैं। प्रदेश के 10 से 15 और लोग भी बोध गया गए थे।
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ये कुल्लू, मनाली और सोलन के रहने वाले हैं। देश के कई अन्य राज्यों से हिमाचलियों को सरकार वापस लाई है। बौद्ध भिक्षु भी सरकार से उन्हें घर पहुंचाने की मांग कर रहे हैं। संघमियर इंस्टीट्यूट बकरौर बोध गया के मुख्य जोमो (भिक्षु) तंजीन देसल ने कहा कि किन्नौर के 20 और स्पीति के 36 बौद्ध भिक्षु शिक्षा ग्रहण करने गए थे। इनमें किन्नौर जिले की काजल (8), राखी (11), अवंतिका (14), सारिका कुमार (15), शर्मिला (16), शुवेता (16), परवीना (18), रवीना (18), संजना (20), किरण (20), अंजलि (20), स्पीति के नर्जो बुथितक (10) पनमा बुथितक (11) तंजीन लामा (12) तंजीन मेंटक (15) लबसंग योनजचें (15) टशी लामा (15) तंजीन सलडोम (16) सोनम (18) तंजीन ढोलकर (18) कसंग मेंटक (20) सोमन डोलमा (20) श्राप डोलमा (22) रिंजिंग लामा (23) सहित 56 बौद्ध भिक्षु वापस अपने घर आने को तरस रहे हैं।
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तंजीन देसल मुखिया बौद्ध विक्षु ने कहा कि सारनाथ से 60 बौद्ध भिक्षुओं को हिमाचल लाने के लिए चंडीगढ़ से दो बसें आ रही हैं तो बोध गया में फंसे 56 नन्हे बौद्ध भिक्षुओं को उनके घर पहुंचाना भी सरकार का जिम्मा है। कहा कि मंत्री रामलाल मारकंडा सहित अन्य अधिकारियों से भिक्षुओं को निकालने के संपर्क किया था, लेकिन संतोषजनक जवान नहीं मिला। उधर, कृषि, जनजातीय मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि सरकार ने इनकी सूची बनाई है। जल्द भिक्षुओं को उनके घर पहुंचाया जाएगा।