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Shimla News: ठगी का नया खेल, दस्तावेज आपके, पता किसी और का, इस तरह शातिर बैंकों से ले रहे लाखों के ऋण
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साइबर अपराधी आपकी पहचान चुराकर ‘सिंथेटिक आइडेंटिटी फ्रॉड’ से ठगी को दे रहे अंजाम
साइबर क्राइम सेल ने लोगों से अपने दस्तावेजों के दुुरुपयोग से बचने के लिए सचेत रहने की दी सलाह
अमर उजाला ब्यूरो
शिमला। साइबर अपराधी म्यूल बैंक खातों से लेकर फर्जी दस्तावेजों पर सिमकार्ड हासिल करके धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, वहीं अब उन्होंने लोगों से धोखाधड़ी का नया हथकंडा अपनाया है। इसमें साइबर अपराधी लोगों की पहचान को चुराकर नहीं बल्कि उसमें बदलाव करके नई पहचान देते हैं। इसको देखते हुए साइबर क्राइम सेल ने लोगों को अब इस नए तरह के अपराध के बारे में एडवाइजरी जारी करके आगाह किया है। सिंथेटिक आइडेंटिटी फ्रॉड को फ्रेंकस्टीन फ्रॉड भी कहा जाता है। इसमें लोगों के आधारकार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेजों को किसी और के नाम और पते के साथ मिलाकर एक नकली पहचान तैयार की जाती है। इसके बाद अपराधी इस नकली पहचान से तैयार दस्तावेजों के नाम पर बैंकों से लाखों का लोन ले लेते हैं। इसका पता पीड़ितों को तब चलता है, जब उन्हें बैंकों से ऋण चुकाने के बारे में नोटिस जारी होते हैं या ऑनलाइन माध्यम से उन्हें इसकी जानकारी मिलती है। इसको देखते हुए विशेषज्ञों ने लोगों से ठगों के साइबर धोखाधड़ी को अंजाम देने के नए और खतरनाक तरीके से सचेत रहने की सलाह दी है। वहीं पुलिस ने ऐसा किसी भी तरह का अपराध होने पर फौरन साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने की सलाह दी है।
इनसेट
ये बरतें सावधानियां
-Aadhar Lock: ‘m-Aadhar’ एप से अपना बायोमेट्रिक्स लॉक करें।
-सीआईबीआईएल चेक : हर महीने अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें कि कहीं कोई अनजान लोन तो नहीं दिख रहा।
-आईडी सुरक्षा : अपनी आईडी की फोटोकॉपी कहीं भी दें, तो उस पर पर्पस जरूर लिखें।
कोट्स
साइबर अपराधी सिंथेटिक आइडेंटिटी फ्रॉड से लोगों के साथ साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। इसको देखते हुए लोगों को सचेत रहने की सलाह है। एडवाइजरी जारी करके लोगों को ऐसी धोखाधड़ी से बचने की सलाह दी गई है।
-रोहित मालपानी, एसएसपी साइबर क्राइम सेल
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साइबर क्राइम सेल ने लोगों से अपने दस्तावेजों के दुुरुपयोग से बचने के लिए सचेत रहने की दी सलाह
अमर उजाला ब्यूरो
शिमला। साइबर अपराधी म्यूल बैंक खातों से लेकर फर्जी दस्तावेजों पर सिमकार्ड हासिल करके धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, वहीं अब उन्होंने लोगों से धोखाधड़ी का नया हथकंडा अपनाया है। इसमें साइबर अपराधी लोगों की पहचान को चुराकर नहीं बल्कि उसमें बदलाव करके नई पहचान देते हैं। इसको देखते हुए साइबर क्राइम सेल ने लोगों को अब इस नए तरह के अपराध के बारे में एडवाइजरी जारी करके आगाह किया है। सिंथेटिक आइडेंटिटी फ्रॉड को फ्रेंकस्टीन फ्रॉड भी कहा जाता है। इसमें लोगों के आधारकार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेजों को किसी और के नाम और पते के साथ मिलाकर एक नकली पहचान तैयार की जाती है। इसके बाद अपराधी इस नकली पहचान से तैयार दस्तावेजों के नाम पर बैंकों से लाखों का लोन ले लेते हैं। इसका पता पीड़ितों को तब चलता है, जब उन्हें बैंकों से ऋण चुकाने के बारे में नोटिस जारी होते हैं या ऑनलाइन माध्यम से उन्हें इसकी जानकारी मिलती है। इसको देखते हुए विशेषज्ञों ने लोगों से ठगों के साइबर धोखाधड़ी को अंजाम देने के नए और खतरनाक तरीके से सचेत रहने की सलाह दी है। वहीं पुलिस ने ऐसा किसी भी तरह का अपराध होने पर फौरन साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करने की सलाह दी है।
इनसेट
ये बरतें सावधानियां
-Aadhar Lock: ‘m-Aadhar’ एप से अपना बायोमेट्रिक्स लॉक करें।
-सीआईबीआईएल चेक : हर महीने अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें कि कहीं कोई अनजान लोन तो नहीं दिख रहा।
-आईडी सुरक्षा : अपनी आईडी की फोटोकॉपी कहीं भी दें, तो उस पर पर्पस जरूर लिखें।
कोट्स
साइबर अपराधी सिंथेटिक आइडेंटिटी फ्रॉड से लोगों के साथ साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। इसको देखते हुए लोगों को सचेत रहने की सलाह है। एडवाइजरी जारी करके लोगों को ऐसी धोखाधड़ी से बचने की सलाह दी गई है।
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-रोहित मालपानी, एसएसपी साइबर क्राइम सेल